नासा के इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय बनीं जाह्नवी, केनेडी स्पेस सेंटर में उड़ाया रॉकेट
हाल ही में देश की एक बेटी ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसके लिए दुनिया भर के छात्र सपने देखते हैं। आंध्र प्रदेश की रहने वाली जाह्नवी डांगेती ने नासा का इंटेरनेशनल एयर एंड स्पेस प्रोग्राम (IASP) पूरा किया है और इसी के साथ वे ऐसा करने वाली देश की पहली व्यक्ति बन गई हैं।
नासा का यह खास प्रोग्राम एलाबामा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर में आयोजित हुआ था और जाह्नवी को दुनिया भर से शॉर्टलिस्ट किए गए 20 कैंडिडेट में जगह मिली थी।
नासा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, "IASP भविष्य के हवाई वाहनों और परिचालन प्रणालियों में उन्नत वैमानिकी टेक्नालजी को प्रभावी ढंग से परिपक्व करने के लिए फ्लाइट-ओरिएंटेड, सिस्टम-लेवल रिसर्च और टेक्नालजी डेवपमेंट आयोजित करता है।"
ज़ीरो-ग्रैविटी में किया काम
जाह्नवी डांगेती लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की बीटेक की द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। नासा का यह प्रतिष्ठित इंटरनेशनल एयर एंड स्पेस प्रोग्राम (IASP) दरअसल एक 5 दिवसीय शैक्षिक कार्यक्रम है, जिसमें छात्रों और नासा इंजीनियरों के बीच टीम वर्क, समस्या-समाधान और कम्यूनिकेशन को शामिल कर किसी भी अप्रत्याशित समस्या को समझते हुए उसे हल कर सकने पर काम किया जाता है।
इस प्रोग्राम में संपूर्ण अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम शामिल था और इसमें ज़ीरो-ग्रैविटी, मल्टी एक्सेस ट्रेनिंग के साथ-साथ अंडर वाटर रॉकेट लॉन्च जैसी गतिविधियां शामिल की गईं थीं। इसी के साथ इस दौरान जाह्नवी को भी पहली बार विमान उड़ाने का मौका मिला है।
मिला रॉकेट उड़ाने का अनुभव
गौरतलब है कि शैक्षिक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में जाह्नवी को 'टीम कैनेडी' के लिए मिशन डायरेक्टर के रूप में भी नियुक्त किया गया था, जिसमें तमाम देशों से आए करीब 16 लोगों के एक समूह का गठन किया गया था। इस दौरान जाह्नवी की टीम ने सफलतापूर्वक एक छोटे रॉकेट को आकाश में उड़ाने के साथ ही उसे धरती पर उतारने में भी सफलता हासिल की है।
मीडिया से बात करते हुए जाह्नवी ने कहा,
“नासा के इंटेरनेशनल एयर एंड स्पेस प्रोग्राम में भाग लेने वाली पहली भारतीय बनना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। मैं इसके लिए पिछले दो सालों से तैयारी कर रही थी और इस अनुभव ने पूरी मेहनत का फल दिया है।”
मंगल पर जाना चाहती हैं जाह्नवी
जाह्नवी एक स्टार्टअप एस्ट्रोना स्पेस मैगिका की वाइस प्रेसिडेंट भी हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ हुई एक बातचीत में जाह्नवी ने बताया है कि वह मंगल पर पहुंचने वाले पहली भारतीय बनना चाहती हैं। इसी के साथ उन्होने यह भी बताया है कि इस प्रोग्राम के लिए उन्हें एक मैक्सिकन कंपनी द्वारा छात्रवृत्ति भी मिली थी और इसी के चलते वे IASP प्रोग्राम में शामिल होने के लिए सक्षम हो सकी हैं।
मालूम हो कि जाह्नवी ने विभिन्न स्थानों पर स्कूबा डाइविंग का भी प्रशिक्षण लिया है और वे एक अंतरराष्ट्रीय प्रमाणित ओपन वाटर स्कूबा डाइवर भी हैं। इसी के साथ जाह्नवी इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ एस्पायरिंग एस्ट्रोनॉट्स (IOAA) और स्पेस टेक्नोलॉजी एंड एरोनॉटिकल रॉकेट्री (STAR) सहित कई अन्य ऑर्गनाइजेशन्स की सदस्य भी हैं।
Edited by Ranjana Tripathi