संघर्ष के दिनों में किए छोटे-मोटे काम, अब है 30 करोड़ के रेवेन्यू वाले मोबाइल एक्सेसरीज ब्रांड के मालिक
नीलेश माली ने 2011 में KDM India इंडिया की शुरुआत की थी। आज कंपनी भारत में किफायती मोबाइल एक्सेसरीज के अग्रणी निर्माताओं में से एक है, जिसका सालाना कारोबार 30 करोड़ रुपये है।
नीलेश माली ने अपनी पहली नौकरी 18 साल की उम्र में शुरू की, जब वे मारवाड़ी घोड़े की नस्ल के लिए प्रसिद्ध राजस्थान के जिले जालोर से मुंबई आए थे। अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने के सपने के साथ नीलेश ने 2000 के दशक की शुरुआत में दुकानों में तमाम छोटी नौकरियां कीं, फिर वह इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे वॉकमेन और रेडियो बेचने में लग गए।
करीब दो दशक बाद नीलेश 30 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाली कंपनी चला रहे हैं। फाउंडर के अनुसार 2011 में स्थापित KDM India, टियर 2 और 3 शहरों में रहने वाले लोगों को जीवन शैली का विकल्प देती है।
मालूम हो कि
India किफायती मोबाइल चार्जर, ईयरफोन, स्पीकर, नेक बैंड आदि बनाती है।YourStory के साथ बातचीत में नीलेश कहते हैं,
“मैं एक बहुत छोटे शहर से आता हूँ लेकिन जब मैं काम की तलाश में मुंबई आया, तो मेरे बहुत बड़े सपने थे। मैंने कई दिनों तक संघर्ष किया और पैसे कमाने के लिए बहुत सारे छोटे-छोटे काम किए। मुझे आज भी वह दिन याद है जब मेरे दोस्त ने मोबाइल एक्सेसरीज़ की ट्रेडिंग का सुझाव दिया था, क्योंकि तब वे काफी बिक रहे थे और इसने मेरी ज़िंदगी बदल दी।”
KDM India के पास अब 200 एसकेयू (स्टॉक-कीपिंग यूनिट) हैं और पूरे भारत में इसका वितरण नेटवर्क है।
फर्श से अर्श तक
पैसे कमाने और सपनों के शहर में अपना पेट भरने के लिए कई नौकरियां करने के बाद नीलेश ने वॉकमेन और रेडियो वापस बेचने के लिए एक सेल्समैन के रूप में काम करना शुरू कर दिया, तब ये उत्पाद मांग में थे। तब तक नीलेश को दो-तीन साल हो चुके थे। 2000 के दशक की शुरुआत भी एक ऐसा समय था जब भारत तेजी से बदल रहा था। नीलेश के दोस्त ने उसे मोबाइल एक्सेसरीज़, जिसमें मुख्य रूप से चार्जर्स में व्यापार करने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि मोबाइल के उपयोग में तेजी देखी जा रही थी।
नीलेश ने ट्रेडिंग का रास्ता अपनाया और मोबाइल बैटरी बेचने के लिए थोक विक्रेताओं से संपर्क किया। व्यवसाय ने अच्छी तरह से उड़ान भरी जिसके बाद उन्होंने पोर्टफोलियो के विस्तार पर काम किया।
नीलेश कहते हैं, “मैंने दो साल तक एक ही व्यवसाय चलाया और 2008 में जीवन में पहली बार चीन जाने के लिए एक उड़ान में सवार हुआ। मैंने वहां के निर्माताओं से सीधे उनसे उत्पाद खरीदने और थोक बाजार में प्रवेश करने के लिए संपर्क किया।”
हालांकि इस दौरान नीलेश विदेशों से उत्पादों के आयात से संतुष्ट नहीं थे।
वह इसके दो कारण बताते हैं; पहला उनका गुणवत्ता पर नियंत्रण नहीं था, और दूसरा उन्होने महसूस किया कि उत्पाद का मूल्य बिंदु उचित नहीं था।
तब तक मोबाइल फोन और एक्सेसरीज का बाजार बढ़ चुका था। नीलेश को पता था कि एक ही व्यवसाय में बने रहना और बढ़ना एक अच्छा दांव होगा। 2011 में नीलेश ने मोबाइल एक्सेसरीज़ के लिए इन-हाउस निर्माण शुरू किया और जहां इसकी शुरुआत इंटेली कवर के साथ हुई।
वे कहते हैं, "इस समय तक मेरे पास व्यापार में निवेश करने के लिए पैसा था। मैंने अपना खुद का मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस शुरू करने के लिए 50,000 का निवेश किया।“
निर्माण इकाई की स्थापना के बाद से नीलेश और KDM India ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
भारतीय यूजर्स के लिए निर्माण
नीलेश का विजन गुणवत्तापूर्ण और किफायती मोबाइल एक्सेसरीज के साथ जनता की सेवा करना है।
वे कहते हैं, “आप देखते हैं कि बाजार में कई बड़े ब्रांड हैं जो बेहतरीन गुणवत्ता वाले उत्पाद दे रहे हैं, लेकिन वे जनता के लिए सस्ती नहीं हैं, खासकर टियर 2 और 3 शहरों में। मैं इस जगह को KDM India के जरिए भरना चाहता था।“
इसी दृष्टिकोण के साथ नीलेश ने शुरू में इंटेली मोबाइल कवर और फिर यूनिवर्सल चार्ज बनाना शुरू किया जिसे तब 'जादु चार्जर' कहा जाता था, जिसने ब्रांड को ग्राहकों को खोजने में मदद की। आज, लगभग एक दशक के बाद KDM India अपनी खुद की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में हेडफोन से लेकर मोबाइल चार्जर, ईयरफोन, स्पीकर, नेक बैंड बनाती है। उत्पाद की मूल्य सीमा 99 रुपये से 1999 रुपये के बीच है और इसे ओईएम के माध्यम से निर्मित भी किया जा रहा है।
प्रतिस्पर्धा और आगे का रास्ता
टियर 2 और 3 शहरों में उपस्थिति के अलावा KDM India का मेट्रो शहरों में ग्राहक आधार है। यह मुख्य रूप से ऑफलाइन मोड में काम करता है।
BoAt, JBL, GoNoise और अन्य के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए नीलेश का कहना है कि KDM India ऑनलाइन होने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है। यह ब्रांड को बाजार में प्रमुख ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक समान मंच प्रदान करेगा।
भविष्य की संभावनाओं के बारे में बात करते हुए नीलेश का कहना है कि ब्रांड ने भारतीय बाजार के 80 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है और गहराई से प्रवेश करने की योजना बना रहा है। ब्रांड ने हाल ही में मार्केटिंग अभियान चलाने में कठोर पहल की है और आगे भी करता रहेगा और उत्पाद विकास और पैकेजिंग की दिशा में भी काम करेगा।
फाउंडर के अनुसार कंपनी का विजन देश के हर शहर और दूरदराज के इलाके में एक घरेलू नाम बनना है।