Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

हरियाणा में पर्यावरण अनुकूल बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सरकार को 914 करोड़ रुपये का लोन देगी JICA

इस परियोजना के अंतर्गत, राज्य में संरक्षित कृषि को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा, जिसके लिए फसलों के विविधिकरण, फसलों के कटान की सुविधाओं में सुधार और राज्य के सरकारी कर्मियों और किसानों की क्षमताओं में वृद्धि की जाएगी.

हरियाणा में पर्यावरण अनुकूल बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सरकार को 914 करोड़ रुपये का लोन देगी JICA

Wednesday February 21, 2024 , 3 min Read

जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी (JICA) ने हरियाणा में पर्यावरण अनुकूल (सस्टेनेबल) बागवानी को बढ़ावा देने की परियोजना के लिए 16,215 मिलियन येन (लगभग 914 करोड़ रुपये) का ओडीए (आधिकारिक विकास सहायता) ऋण देने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

इस परियोजना के अंतर्गत, राज्य में संरक्षित कृषि को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा, जिसके लिए फसलों के विविधिकरण, फसलों के कटान की सुविधाओं में सुधार और राज्य के सरकारी कर्मियों और किसानों की क्षमताओं में वृद्धि की जाएगी.

परियोजना को हरियाणा सरकार के बागवानी विभाग के सहयोग से अगले 108 महीनों में लागू किया जाएगा. इसके अंतगर्त सिंचाई के लिए ड्रिप/स्प्रिंकलर लगाए जाएंगे ताकि पानी का कम प्रयोग हो. फसलों के विविधिकरण से किसानों की क्षमताओं में बढ़ोतरी की जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के लगभग 156,000 किसानों को सीधे लाभ मिलेगा. यह परियोजना पैक हाउसों के निर्माण को भी सपोर्ट करेगी जिसका प्रबंधन उत्पादक समूहों द्वारा किया जाएगा और यह फसलों की कटान उपरांत प्रबंधन के जरिए दक्षता को बढ़ावा देगी.

इस परियोजना के लिए, विकास शील, अतिरिक्त सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय एवं साइतो मित्सुनोरी, प्रमुख प्रतिनिधि, JICA India ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए.

इस अवसर पर, साइतो मित्सुनोरी, प्रमुख प्रतिनिधि, JICA India ने कहा, “यह परियोजना फसलों के विविधिकरण तथा पर्यावरण अनुकूल कृषि को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी में सुधार लाने में योगदान देगी. परियोजना स्थल पर इसका उद्देश्य खेतों में पानी के इस्तेमाल में करीब एक-तिहाई कमी लाना है और इसके लिए सिंचाई की दक्ष प्रणालियों की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही, फसलों के विविधिकरण को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इस परियोजना के अंतर्गत निजी कंपनियों के साथ व्यावसायिक गतिविधियों के मिलान के अलावा कोच्चि यूनीवर्सिटी, जापान के साथ शैक्षणिक संपर्क का भी प्रावधान है जो उन्नत क्वालिटी, सप्लाई चेन में सुधार और डेटा-आधारित कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देगा." 

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में किसानों को कई तरह की पर्यावरण संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें सिंचाई के लिए भूजल के अत्यधिक दोहन, पारंपरिक कृषि में पराली जलाने से पैदा होने वाला वायु प्रदूषण प्रमुख है. यह परियोजना किसानों को पानी का अधिक इस्तेमाल करने वाली फसलों की बजाय बागवानी अपनाने के लिए प्रोत्साहन देगी जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. साथ ही, फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और क्षमता में बढ़ोतरी के प्रयासों पर भी जोर दिया जाएगा ताकि फसलों की कटान/तुड़ान के बाद नुकसान में कमी आ सके और किसानों को उनकी फसलों की बेहतर कीमत भी मिले.

बता दें कि JICA ने, इससे पहले, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) प्रोजेक्ट (फेज 1) (V) के लिए भारत सरकार के साथ 40,000 मिलियन येन (लगभग 2,254 करोड़ रुपये) की राशि के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य दिल्ली और मुंबई के बीच एक नया DFC बनाकर भारत में माल परिवहन की बढ़ती मांग को पूरा करना है. इससे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) विकास योजना की रीढ़ के रूप में DFC के साथ पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. प्रोजेक्ट में वे क्षेत्र शामिल हैं, जहां हाल ही में काफी आर्थिक और औद्योगिक विकास हुआ है. इनमें दिल्ली और मुंबई जैसे शहर शामिल हैं, जिनकी आबादी काफी तेजी से बढ़ी है. यह प्रोजेक्ट ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करेगा. प्रोजेक्ट के फेज 1 और 2 से कुल मिलाकर हर साल 12.79 मिलियन मेट्रिक टन CO2 के बराबर ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के कम होने की उम्मीद है.