बीटेक करने के बाद खोज रही थीं नौकरी, किस्मत ने बना दिया सांसद
हाल ही में देश में लोकसभा के लिए आम चुनाव खत्म हुए और जनता ने एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को पीएम बनने के लिए जनादेश दे दिया। हालांकि देश की राजनीति में हमेशा ये बात उठती है कि महिलाओं को उनकी संख्या के मुताबिक प्रतिनिधित्व नहीं मिलता। इसीलिए लोकसभा में महिलाओं को आरक्षण देने की बात उठती है। यह विधेयक अभी तक पास तो नहीं हुआ है, लेकिन अच्छी खबर ये है कि इस बार लोकसभा में अब तक सबसे अधिक 76 महिला सांसद पहुंची हैं। इनमें सबसे युवा महिला सांसद हैं ओडिशा की चंद्राणी मुर्मू।
बीजू जनता दल (बीजेडी) की सांसद चंद्राणी मुर्मू की उम्र सिर्यप 25 साल 11 महीने है। चुनाव आयोग में दिए गए हलफनामे के मुताबिक उनके पास सिर्फ 20,000 रुपये कैश हैं और सबसे अच्छी बात ये है कि उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक केस नहीं है। उन्होंने अपना पेशा समाज सेवा बताया है। चंद्राणी ने 2017 में इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च से मकैनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की है।
क्योंझर की सीट से चुनकर आने वाली चंद्राणी जिले के टीकरगुमुरा गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने इतनी कम उम्र में लोकसभा पहुंचकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी और दो बार से सांसद रहे अनंत नायक को 67,822 मतों के भारी अंतर से मात दी। इससे पहले चंद्राणी बीटेक करने के बाद कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रही थीं। उन्होंने कहा, 'मैं अपनी इंजिनियरिंग पूरा करने के बाद नौकरी खोज रही थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं राजनीति करूंगी और सांसद बनूंगी। मेरा नामांकन अप्रत्याशित था।'
भारतीय राजनीति में आमतौर पर उन्हीं लोगों को राजनीति में मौके मिलते हैं जिनके परिवार का राजनीति में पहले से ही दखल रहता है। लेकिन चंद्राणी के परिवार में कोई राजनीति में सक्रिय नहीं है। हालांकि उनके नाना हरिहर सोरेन 1980-1989 तक दो बार कांग्रेस से सांसद रहे। इससे पहले हरियाणा के दुष्यंत चौटाला 2014 में सबसे कम उम्र के सांसद के तौर पर लोकसभा में पहुंचे थे। उनकी उम्र 26 साल थी। इस बार ओडिशा में सत्ताधारी पार्टी बीजेडी ने सबसे अधिक महिलाओं को टिकट भी दिया था।
यह भी पढ़ें: पहली बार वोट देने वाले युवाओं को 'अपनी सरकार' से हैं क्या उम्मीदें