जॉइंट में होम लोन लेना कैसे फायदेमंद, टैक्स सेविंग में क्या बेनिफिट
जॉइंट में होम लोन लेने के कई फायदे हैं, लेकिन साथ ही कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है.
अपने घर का सपना ज्यादातर लोग होम लोन की मदद से पूरा करते हैं. कुछ लोग एकल आधार पर होम लोन लेते हैं, तो कुछ इसे जॉइंट में लेते हैं. जॉइंट में होम लोन यानी पति या पत्नी, भाई, दोस्त, मां या पिता आदि के साथ मिलकर लोन लेना. जॉइंट में होम लोन लेने के कई फायदे हैं, लेकिन साथ ही कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है, वर्ना नुकसान उठाना पड़ सकता है .आइए जानते हैं इन फायदों और सावधानियों के बारे में-
जॉइंट होम लोन मिलने की आसानी
कई बार लोगों के एकल आधार पर लिए जाने वाले होम लोन को मंजूरी मिलने में मुश्किल होती है. दरअसल लोन देने से पहले बैंक, आवेदक का क्रेडिट स्कोर, आमदनी और आमदनी का जरिया आदि चेक करते हैं. अगर व्यक्ति की आय को देखकर, लोन के रिपेमेंट में मुश्किल होने की आशंका है या व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर कमजोर है तो बैंक लोन देने से मना कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में किसी दूसरे व्यक्ति को आवेदक के तौर पर अपने साथ जोड़कर लोन के लिए पात्रता को बेहतर बनाया जा सकता है. अगर को-एप्लीकेंट, अच्छे क्रेडिट स्कोर वाला है और उसकी भुगतान करने की क्षमता अच्छी है, तो लोन मिलने की उम्मीदें बढ़ जाती हैं. साथ ही लोन की राशि बढ़ाने में भी मदद मिलती है.
को-एप्लीकेंट और को-ओनर दो अलग-अलग टर्म
लोन के लिए को-एप्लीकेंट (सह आवेदक) होना और प्रॉपर्टी के लिए को-ओनर (Co-Owner)/सह मालिक होना दो अलग-अलग बातें हैं. किसी प्रॉपर्टी में को-ओनर होने से तात्पर्य हुआ, प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक में हिस्सेदारी होना. वहीं को-एप्लीकेंट (Co-Applicant) केवल लोन में आवेदन तक ही सीमित रहता है. जरूरी नहीं है कि को-एप्लीकेंट, प्रॉपर्टी में को-ओनर भी हो.
टैक्स सेविंग में कैसे फायदा
जॉइंट होम लोन लिया है तो ज्यादा टैक्स बेनिफिट के चांसेज रहते हैं. इसके लिए पहले यह जानना जरूरी है कि होम लोन पर टैक्स बेनिफिट के नियम क्या हैं. होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर आयकर कानून 1961 के सेक्शन 80C के अंतर्गत मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये सालाना तक के टैक्स डिडक्शन का प्रावधान है. वहीं सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज पर मैक्सिमम 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इतना ही नहीं अप्रैल 2019 से मार्च 2022 के बीच पहली बार घर लेने वाले कुछ शर्तों के साथ होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन सेक्शन 80EEA के तहत क्लेम कर सकते हैं.
अब जानते हैं कि जॉइंट होम लोन टैक्स सेविंग में कैसे ज्यादा फायदा कराता है. जॉइंट होम लोन में अगर को-एप्लीकेंट, खरीदी जाने वाली या कंस्ट्रक्ट होने वाली प्रॉपर्टी का को-ओनर भी है तो दोनों आवेदक अलग-अलग रूप से इनकम टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं. अगर को-एप्लीकेंट, प्रॉपर्टी का को-ओनर नहीं है तो दोनों अलग-अलग टैक्स बेनिफिट क्लेम नहीं कर सकते.
अगर को-एप्लीकेंट महिला है तो कम ब्याज दर
बहुत से कर्जदाता ऐसे हैं, जो महिला होम लोन बायर के लिए ब्याज दर को कम रखते हैं. अगर होम लोन में महिला को-एप्लीकेंट है तो कम ब्याज का फायदा लेने के लिए महिला का जॉइंट होम लोन में प्रथम आवेदनकर्ता होना जरूरी है. या फिर ऐसा होना चाहिए कि महिला, प्रॉपर्टी की खुद या जॉइंट तौर पर मालिक हो. महिला के नाम पर घर का रजिस्ट्रेशन करवाने या जॉइंट ओनरशिप होने पर स्टैंप ड्यूटी में भी रियायत मिलती है.
इन सावधानियों पर करें गौर
-अगर को-एप्लीकेंट का क्रेडिट स्कोर कमजोर है तो आपका आवेदन नामंजूर हो सकता है.
- कर्जदाता तभी जॉइंट होम लोन के आवेदन को मंजूर करते हैं, जब प्राइमरी और को-एप्लीकेंट दोनों के भुगतान करने की क्षमता ठीक हो.
- आपका और आपके को-एप्लीकेंट का कर्ज और आय का अनुपात 50 से 60 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.