अमेरिका में रहने वाली कानपुर की बेटी ने मदद को बढ़ाया हाथ, भिजवाए ऑक्सीजन कन्संट्रेटर
नैन्सी पांडे, जो फिलहाल अमेरिका में रहकर नौकरी कर रही हैं। नैन्सी को जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद बिगड़े हालातों और ऑक्सीजन जैसी बुनियादी चीजों की मारामारी का पता चला तब उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने अमेरिका से फौरन मदद अपने शहर भिजवा दी।
"कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच कानपुर की मूल निवासी नैन्सी ने कोरोना प्रभावित लोगों की मदद के लिए अमेरिका से ऑक्सीजन कन्संट्रेटर भिजवाए हैं। नैन्सी ने फिलहाल 4 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर भिजवाए हैं, जिनकी कीमत करीब 6 लाख रुपये हैं।"
हर साल तमाम लोग रोजगार और करियर के बेहतर मौकों की तलाश में अपने वतन भारत को छोड़ कर विदेश निकल जाते हैं, लेकिन इनमें से कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके भीतर से स्वदेश के लिय प्रेम कभी कम नहीं हो पाता और वे समय आने पर अपनी क्षमता अनुसार देशवासियों की मदद को भी तैयार रहते हैं।
ऐसी ही एक महिला हैं नैन्सी पांडे, जो फिलहाल अमेरिका में रहकर नौकरी कर रही हैं। नैन्सी को जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद बिगड़े हालातों और ऑक्सीजन जैसी बुनियादी चीजों की मारामारी का पता चला तब उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने अमेरिका से फौरन मदद अपने शहर भिजवा दी।
भेजे ऑक्सीजन कन्संट्रेटर
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच कानपुर की मूल निवासी नैन्सी ने कोरोना प्रभावित लोगों की मदद के लिए अमेरिका से ऑक्सीजन कन्संट्रेटर भिजवाए हैं। नैन्सी ने फिलहाल 4 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर भिजवाए हैं, जिनकी कीमत करीब 6 लाख रुपये हैं।
नैन्सी ने ये ऑक्सीजन कन्संट्रेटर अपने परिवार के पास भेज दिये हैं और उन्होंने अपने परिवार से इन सभी ऑक्सीजन कन्संट्रेटर के जरिये जरूरतमंद लोगों की मदद करने को कहा है। परिवार ने सभी ऑक्सीजन कन्संट्रेटर की पूजा-पाठ करने के बाद उन्हें जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में देना शुरू कर दिया है।
एमटेक और पीएचडी हैं नैन्सी
कानपुर के आनंदपुरी क्षेत्र की निवासी नैन्सी के पिता सुनील पांडे पीडबल्यूडी ठेकेदार हैं। नैन्सी पांडे बीते कई सालों से अमेरिका के कैलिफोर्निया में रह रही हैं और एक कंपनी में सीनियर मैनुफैक्चरिंग इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। नैन्सी ने नैनोटेक्नोलॉजी में एमटेक और पीएचडी की डिग्री हासिल की है।
नैन्सी के अनुसार जब कोरोना महामारी ने पूरे देश को अपनी चपेट में लिया तब वह अपने पिता से फोन के जरिये संपर्क किया करती थीं और उनके पिता यहाँ की स्थिति से उन्हें अवगत कराते रहते थे। नैन्सी के अनुसार उन्हें यह जानकर काफी बुरा लगता था कि देश में उनके अपने लोग आज इस दुख से जूझ रहे हैं।
आगे भी करती रहेंगी मदद
अपने देश और शहर के लोगों के बराबर लगाव रखने वाली नैन्सी बताती हैं कि उनके लिए यह जानना और भी कष्टकारी था कि ऐसे कठिन समय में लोग ऑक्सीजन जैसी बुनियादी जरूरत के लिए परेशान घूम रहे हैं। यह जानकारी मिलने के साथ ही उन्होंने अपनी क्षमता के अनुसार मदद उपलब्द कराने का फैसला उसी समय ही ले लिया था।
नैन्सी ने इस मदद के साथ ही आश्वासन दिया है कि वे आगे भी जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए इस तरह के काम करती रहेंगी, इसी के साथ उन्होंने अन्य लोगों से भी यह अपील की है कि ऐसे कठिन समय में सभी को अपनी क्षमता अनुसार आगे आकर जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। नैन्सी के अनुसार वह दुनिया के तमाम हिस्सों में बसे अपने दोस्तों को भी एक साथ एक प्लेटफॉर्म पर लाने की कोशिश कर रही हैं ताकि ऐसे कठिन समय में बड़े स्तर पर जरूरतमंद लोगों को मदद मुहैया कराई जा सके।
Edited by Ranjana Tripathi