इन रग्बी खिलाड़ियों ने अपना खेल छोड़ शुरू कर दिया जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन बांटना
ये सभी खिलाड़ी एक ओर जहां ऑक्सीजन वॉलांटियर बने हुए हैं, वहीं दूसरी ओर ये लोग जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाने का भी काम कर रहे हैं। समाजसेवा की इस भावना के साथ अब तक ये खिलाड़ी कई लोगों की जान बचा चुके हैं।
आज जब दिल्ली कोरोना से जूझ रही है और राज्य में 7 जून की सुबह तक लॉकडाउन बढ़ाया जा चुका है, ऐसे में लोग अभी भी संक्रमण से बचाव के साथ ही जीविका अर्जित करने जैसे संकट से जूझ रहे हैं। इन सब के बीच दिल्ली में कुछ रग्बी खिलाड़ी निस्वार्थ भाव के साथ लोगों की मदद में लगे हुए हैं।
ये सभी खिलाड़ी एक ओर जहां ऑक्सीजन वॉलांटियर बने हुए हैं, वहीं दूसरी ओर ये लोग जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाने का भी काम कर रहे हैं। समाजसेवा की इस भावना के साथ अब तक ये खिलाड़ी कई लोगों की जान बचा चुके हैं।
मदद में जुटे राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी
राष्ट्रीय स्तर के रग्बी खिलाड़ी असलम ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि वह दिल्ली बुल्स के लिए बीते 5 सालों से रग्बी खेल रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की घातक लहर के बाद उन्होने अपने खेल को छोड़ जरूरतमंद लोगों की मदद करने का फैसला लिया है।
वुल्फ़पैक नाम की संस्था के मैनेजर सैफुल्ला खान ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि संस्था के तहत वह रग्बी खेल के जरिये किशोरों के कौशल को निखारने का काम कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच सैफ और उनकी टीम ने मिलकर अब तक 600 से अधिक मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया कराने का काम किया है।
शिफ्ट में काम करती टीमें
ये टीम दो शिफ्ट में काम करते हुए लोगों की मदद कर रही है, ऐसे में जब एक शिफ्ट के खिलाड़ी लोगों की मदद करने में जुटे होते हैं तब उस दौरान दूसरी शिफ्ट के खिलाड़ी आराम करते हैं और यह क्रम लगातार चलता रहता है। मालूम हो कि टीम के सभी सदस्य अपने परिवार से दूर खुद आइसोलेशन में रहकर जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं। टीम के इन सदस्यों के रहने के लिए जगह का इंतजाम भी एक एनजीओ द्वारा किया गया है।
सैफ के अनुसार जब कोरोना की दूसरी लहर से अचानक हर तरफ हाहाकार मचा तब उनकी टीम ने कमान संभाल ली थी, लेकिन तब ऑक्सीजन का इंतजाम करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। कई बार तो वेरिफाइड लीड होने के बावजूद ऑक्सीजन रिफिल नहीं हो पाती थी। उस समय ऑक्सीजन के लिए सैफ के पास रोजाना 3 सौ से 4 सौ फोन आ रहे थे, लेकिन सभी जरूरतमंदों को ऑक्सीजन की सप्लाई कर पाना कठिन साबित हो रहा था।
स्थापित किया छोटा रिफिलिंग सेंटर
संस्था को इस दौरान गूंज एनजीओ से समर्थन हासिल हुआ जिसके बाद उनके लिए कुछ चीजें पहले की तुलना में थोड़ी आसान हो गईं। संस्था ने अब गूंज के साथ ही अन्य समाजसेवियों की मदद से खुद अपना एक छोटा सा ऑक्सीजन रिफलिंग स्टेशन स्थापित कर लिया है, जहां बड़े सिलेन्डर के जरिये छोटे सिलेन्डर भर कर उन्हे रोटेशन के तहत जरूरतमंद तक पहुंचाया जाता है।
यह टीम अब ग्रामीण इलाकों में जाकर जरूरतमंद लोगों के बीच कोरोना राहत सामग्री के तहत राशन भी बांटने का काम कर रही है। खिलाड़ियों के अनुसार फिलहाल उनकी यही कोशिश है कि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों तक ऑक्सीजन और राशन सप्लाई पहुंचाई जा सके।