जब देश की रक्षा करने वाले सैनिक की रक्षा की एक नर्स ने, उड़ते हवाई जहाज में पड़ा था दिल का दौरा
केरल की इस नर्स ने जब 38,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ते हवाई जहाज में दिल का दौरा पड़ने पर एक सैनिक की जान बचाई.
कभी ऐसा हो जाए कि जमीन से 38,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ते हवाई जहाज में कोई इमर्जेंसी हो जाए तो क्या होगा. कई बार ईश्वर का फरिश्ता खुद चलकर ऐसी आपत स्थिति में मदद के लिए सामने आ जाता है, जैसे केरल उस नर्स ने हवाई जहाज में एक सैनिक की जान बचाई, जिसे अचानक दिल का दौरा पड़ गया था.
नीलांबुर के रहने वाले 32 साल के सुमन के लिए तो केरल की पी. गीता किसी फरिश्ते से कम नहीं. वो न होतीं तो उस दिन जाने क्या अनहोनी हो जाती.
पी. गीता केरल के कोझीकोड की रहने वाली हैं. वह कोझीकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पूर्व नर्सिंग अधीक्षक हैं. हाल ही में वह एयर इंडिया की फ्लाइट से केरल से दिल्ली आ रही थीं. उन्हें एक सम्मान समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली बुलाया गया था, जहां भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पी. गीता को सम्मानित किया जाना था.
उन्होंने रविवार की सुबह कन्नूर से एयर इंडिया की फ्लाइट (AI425) ली, जिसमें उनके साथ 200 यात्री और सवार थे. उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि एक बार टेक ऑफ करने के बाद फ्लाइट में क्या होने वाला है.
फ्लाइट में उनके साथ एक 32 वर्षीय नौजवान सुमन भी सवार था, जो भारतीय सेना में कार्यरत है. सुमन की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी. इसलिए उसने कन्नूर से दिल्ली की फ्लाइट ली, जहां से अगली कनेक्टिंग फ्लाइट से उसे कश्मीर जाना था.
अभी जहाज को टे ऑफ किए और जमीन से तकरीबन 38000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचे 30 मिनट हुए होंगे कि सुमन को अचानक दिल का दौरा पड़ा. पहले तो आसपास के लोगों को समझने में थोड़ा वक्त लगा कि ये हो क्या रहा है. लेकिन जल्द ही फ्लाइट अटेंडेंट को समझ में आ गया कि यह हार्ट अटैक है.
आनन-फानन में फ्लाइट में अनाउंसमेंट किया गया कि क्या इस हवाई जहाज में सवार यात्रियों में कोई डॉक्टर या नर्स है. अनाउंसमेंट सुनते ही गीता सक्रिय हो गईं. उन्होंने एक मिनट भी गंवाए बगैर तत्काल सुमन की स्थिति की जांच की. फ्लाइट में प्राथमिक उपचार किट थी, जिससे तुरंत सुमन का ब्लड प्रेशर और पल्स रेट चेक की गई.
पी. गीता चूंकि अनुभवी नर्स थीं तो उन्हें समझ में आ गया कि सुमन का ब्लड प्रेशर और पल्स रेट बहुत कम हो गई है. उन्होंने एक भी पल गंवाए बगैर तुरंत सुमन को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन- Cardiopulmonary resuscitation) देना शुरू किया. उसके बाद गीता ने सुमन को इंट्रावेनस फ्लुइड दिया.
फ्लाइट में जगह कम होने और कुर्सी पर बैठे होने के कारण शुरू में उनको संभालना थोड़ा मुश्किल हो रहा था. एक बार CPR देने के बाद ही पी.गीता को उनकी पल्स मिल पाई. दरअसल समय पर सीपीआर देने की वजह से ही उनकी जान बच पाई.
जब फ्लाइट में ये सब हो रहा था, तभी केबिन क्रू ने दिल्ली से संपर्क करके राज्य के पूर्व सामाजिक सुरक्षा मिशन निदेशक और डब्ल्यूएचओ नई दिल्ली के अधिकारी मोहम्मद अशील सहित कई डॉक्टरों तक फ्लाइट में एक यात्री को दिल का दौरा पड़ने की सूचना दे दी थी.
जब फ्लाइट दिल्ली लैंड की तो सारा मेडिकल इमर्जेंसी स्टाफ वहां पहले से मौजूद था. आनन-फानन में सुमन को अस्पताल पहुंचाया गया. अब अस्पताल में उनकी हालत स्थिर है.
पी. गीता को वर्ष 2019 में केरल सरकार ने सर्वश्रेष्ठ नर्स के प्रतिष्ठित पुरस्कार नेशनल फ्लोरेंस नाइटेंगल अवॉर्ड (National Florence Nightingale Award) से सम्मानित किया था. मॉडर्न नर्सिंग की जनक मानी जाने वाली 1820 में ब्रिटेन में जन्मी फ्लोरेंस नाइटेंगल के नाम पर दिया जाने वाला यह देश का प्रतिष्ठित अवॉर्ड है, जो नर्सिंग के क्षेत्र में उत्तम सेवाओं के लिए दिया जाता है.
Edited by Manisha Pandey