खादी का ई-मार्केट पोर्टल हुआ वायरल, भारतीय हुए ‘गो वोकल फॉर लोकल’
केवीआईसी रोजाना अपनी ऑनलाइन माल सूची में कम-से-कम 10 नए उत्पाद जोड़ रहा है और इसने इस वर्ष 2 अक्टूबर तक कम-से-कम 1000 उत्पादों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है।
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री "स्वदेशी" मुहिम को गति प्रदान करने वाली है और इसका उद्देश्य स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाना है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के ऑनलाइन विपणन खंड में प्रवेश ने बड़ी तेजी से अखिल भारतीय पहुंच स्थापित की है। इससे कारीगर केवीआईसी ई-पोर्टल www.kviconline.gov.in/khadimask के माध्यम से देश के दूर से दूर स्थित भागों में अपने उत्पाद बेचने में समर्थ हो रहे हैं। यह ऑनलाइन बिक्री इस वर्ष 7 जुलाई को केवल खादी के फेस मास्क बनाने के साथ शुरू हुई थी लेकिन इसने इतनी जल्दी ही पूरी तरह विकसित ई-मार्केट मंच का रूप धारण कर लिया है आज इस पर 180 उत्पाद मौजूद हैं तथा और बहुत से उत्पाद इसमें शामिल होने की प्रक्रिया में हैं।
केवीआईसी के अनुसार उत्पादों की रेंज में हाथ से कते और हाथ से बुने महीन कपड़े जैसे मलमल, सिल्क, डेनिम और कॉटन, रितु बेरी के यूनिसेक्स विचार वस्त्र, खादी की सिग्नेचर कलाई घड़ी, अनेक प्रकार के शहद, हर्बल और ग्रीन टी, हर्बल दवाइयां और साबुन, पापड़, कच्ची घानी सरसों का तेल एवं अन्य पदार्थों के साथ विविध प्रकार के हर्बल सौंदर्य प्रसाधन भी शामिल हैं।
केवीआईसी रोजाना अपनी ऑनलाइन माल सूची में कम-से-कम 10 नए उत्पाद जोड़ रहा है और इसने इस वर्ष 2 अक्टूबर तक कम-से-कम 1000 उत्पादों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। दो मास से भी कम समय में केवीआईसी ने लगभग 4000 ग्राहकों को अपनी सेवा उपलब्ध कराई है।
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री "स्वदेशी" मुहिम को गति प्रदान करने वाली है और इसका उद्देश्य स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाना है। खादी का ई-मार्केट पोर्टल हमारे कारीगरों को अपने उत्पाद बेचने के लिए अतिरिक्त मंच उपलब्ध करा रहा है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ का निर्माण करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि सभी वर्गों के खरीददारों की पसंद और सामर्थ्य को ध्यान में रखते हुए उत्पादों की श्रेणी को जोड़ने का मूल्य 50 रुपये से 5 हजार रुपये तक है। खादी संस्थानों के उत्पाद इससे पूर्व उनके आउटलेट के माध्यम से बेचे जाते थे इसलिए उनकी दृश्यता केवल कुछ राज्यों तक ही सीमित रहती थी। हालांकि, केवीआईसी ई-पोर्टल के माध्यम से अब उत्पाद देश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंच रहे हैं, जिससे खादी संस्थानों को व्यापक विपणन परिदृश्य प्राप्त हो रहा है इससे इनका उत्पादन बढ़ेगा और कारीगरों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
ग्राहकों ने भी खादी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के बारे में बहुत संतोष जाहिर किया है। दिल्ली का एक नियमित खादी ग्राहक जो कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया के बिक्री केन्द्र से अपने लिए उत्पाद खरीदता था लेकिन उसे असम में स्थानांतरण होने पर वह उत्पाद उपलब्ध नहीं हो पाता था। अब ई-मार्केट मंच ने ऐसे लोगों को अपनी इच्छानुसार उत्पादों के लिए आदेश देने में समर्थ बनाया है और उन्हें ये उत्पाद उनके दरवाजे पर ही उपलब्ध हो रहे हैं।
केवीआईसी को 31 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से ऑनलाइन आदेश प्राप्त हुए हैं, जिनमें दूर-दराज स्थित अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, केरल, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर भी शामिल हैं। केवीआईसी ने माल की मुफ्त डिलीवरी के लिए न्यूनतम आदेश 599 रुपये निर्धारित किया है। केवीआईसी ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से वस्तुओं की खेप की आपूर्ति के लिए डाक विभाग के साथ एक अनुबंध किया है।
केवीआईसी के अनुसार उसने ई-पोर्टल को इन-हाउस विकसित किया है, इस प्रकार इससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये की बचत हुई है। ऐसी ही प्रक्रिया केवीआईसी द्वारा इन-हाउस विकसित पीएमईजीपी ई-पोर्टल में हुई है, जहां इसने वेबसाइट विकास और रखरखाव पर कम-से-कम 20 करोड़ रुपये बचाए हैं।
केवीआईसी की ऑनलाइन माल सूची में पुरुषों के लिए सिले-सिलाए मोदी कुर्ता और मोदी जैकेट और महिलाओं के लिए पलाजो और सीधे ट्राउजर्स शामिल हैं। अन्य अनेक उत्पाद जैसे खादी रुमाल, मसाले, हर्बल नीम, लकड़ी की कंघी, शैम्पू, सौंदर्य प्रसाधन, गाय का गोबर और गोमूत्र साबुन, योग पोशाक और अनेक प्रकार की रेडी-टू-ईट खाने की वस्तुओं को भी अभी तक इसमें शामिल किया गया है।
(सौजन्य से- PIB_Delhi)