इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन पर्यावरण के लिए कितने अच्छे हैं?
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, जैसे स्कूटर और मोटरसाइकिल, पारंपरिक गैसोलीन से चलने वाले वाहनों के बेहतर विकल्प हैं और ये पर्यावरण के अनुकूल भी हैं.
जैसे-जैसे विश्व बढ़ते वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से जूझ रहा है, इकोसिस्टम में असंतुलन एक बड़ी चिंता के रूप में सामने आ रहा है. पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार, पारंपरिक गैसोलीन कारें कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन के लगभग 75% उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं. इसके अलावा,नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 55% से भी अधिक है, जिससे प्रति वर्ष 4.6 मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड पैदा होता है. इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, जैसे स्कूटर और मोटरसाइकिल, पारंपरिक गैसोलीन से चलने वाले वाहनों के बेहतर विकल्प हैं और ये पर्यावरण के अनुकूल भी हैं.
आज 90% से अधिक आबादी प्रदूषित हवा में साँस लेने को बाध्य है. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार द्वारा वर्षों से कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं, पर ये पर्याप्त नहीं है. हालाँकि, परिवहन क्षेत्र में भारत को 100% इलेक्ट्रिक बनाने के सरकार के लक्ष्य ने PM2.5 (कण प्रदूषण) स्तरों के वार्षिक औसत में वायु प्रदूषण को 11% कम करने में योगदान दिया है. ई-अमृत शोध के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों में पहियों को ग्रिड से लगभग 60% तक ऊर्जा मिलती हैं, जबकि पेट्रोल और डीजल वाहन ईंधन में निहित ऊर्जा का केवल 17% -21% उपयोग कर सकते हैं. इस प्रकार लगभग 80% ऊर्जा की बर्बादी होती है और वो भी वायु प्रदूषण की शर्त पर. पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन किसी प्रदूषित गैसों का उत्सर्जन नहीं करती हैं, जबकि पेट्रोल या डीजल वाहन औसत ईवी की तुलना में कार्बन डाइऑक्साइड का लगभग तीन गुना उत्सर्जन करते हैं. स्पष्ट है, निम्नलिखित कारणों से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का उपयोग पर्यावरण संरक्षण संबंधी चिंताओं के लिए एक सही समाधान है.
नवीकरणीय ऊर्जा
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न ऊर्जा से चलते हैं. इसका मतलब यह है कि अगर नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का ईंधन स्रोत के रूप में अपना जाए तो इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा और यह पूरी तरह से उत्सर्जन मुक्त और सस्टनैबल भी है. एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ 2021 में, ईवी के उपयोग से लगभग 0.3 एमबी/डी ईंधन तेल पर से निर्भरता कम हुई. नेट ज़ीरो परिदृश्य को यदि मूर्त रूप दिया जाता है तो, ईवी का उपयोग 2030 तक 7 एमबी/डी से अधिक ईंधन तेलों पर से हमारी निर्भरता कम कर देगा. इस प्रकार, हम इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के प्रयोग की ओर अपने कदम बढाकर, जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम कर सकते हैं और सुरक्षित भविष्य की दिशा में योगदान कर सकते हैं.
हानिकारक गैसों का कम उत्सर्जन
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन पर्यावरण के अनुकूल होते हैं क्योंकि वे नियमित गैसोलीन से चलने वाले दोपहिया वाहनों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं. गैसोलीन से चलने वाली कारें पर्यावरण में जहरीले प्रदूषकों को उगलती हैं, वायु प्रदूषण के एक प्रमुख कारक हैं और श्वसन संबंधी बीमारियों को जन्म देते हैं. दूसरी ओर, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन कोई प्रदूषक नहीं छोड़ते हैं, जिससे वे एक स्वच्छ विकल्प हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार, पारंपरिक ईंधन से चलने वाले वाहनों की तुलना में ईवी 43% तक कम प्रदूषण फैलाते हैं. और अगर मौजूदा हालात ऐसे ही रहे तो भारत बहुत जल्द जीरो कार्बन एमिशन के अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा.
ऊर्जा दक्षता
इलेक्ट्रिक दोपहिया भी गैसोलीन से चलने वाले वाहनों की तुलना में अधिक ऊर्जा-कुशल हैं. गैसोलीन से चलने वाले वाहन गैसोलीन में स्थित केवल 20% ऊर्जा का ही प्रयोग करते हैं. शेष 80% ऊर्जा ऊष्मा और धुएं के अन्य रूपों के रूप में नष्ट हो जाते हैं. इसके विपरीत, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन अपनी बैटरी में संग्रहीत ऊर्जा के 90% से अधिक को वाहन को चलाने के लिए प्रयोग आने वाले ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं. मतलब यह कि इलेक्ट्रिक दोपहिया ऊर्जा के उपयोग में बहुत अधिक कुशल हैं और कम ईंधन की आवश्यकता होती है.
कम रखरखाव
गैसोलीन से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का रखरखाव अधिक किफायती है, जो पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है. गैसोलीन से चलने वाले ऑटोमोबाइल के लिए तेल परिवर्तन, ट्यून-अप और अन्य रखरखाव संचालन अपशिष्ट और प्रदूषण पैदा करते हैं. दूसरी ओर, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को कम रखरखाव की आवश्यकता होती है. इलेक्ट्रिक वाहन अपने जीवनकाल के दौरान काफी कम कचरा और प्रदूषण उत्पादित करता है और इस कारण पर्यावरण के संरक्षण के लिहाज से एक बेहतर विकल्प है.
इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं कि हमारा इकोसिस्टम, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण सहित विभिन्न गंभीर मुद्दों का सामना कर रहा है. अपने ग्रह की देखभाल करना और सुरक्षित भविष्य की दिशा में योगदान करने के लिए एक व्यक्ति के रूप में हम सभी की भी कुछ जिम्मेदारी बनती है. हम अपने रोजमर्रा के जीवन में मामूली समायोजन कर, जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर स्विच करना, पर्यावरण पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है. इलेक्ट्रिक दोपहिया पारंपरिक गैसोलीन से चलने वाले ऑटोमोबाइल के लिए एक बेहतर व अनुकूल विकल्प हैं. जैसे-जैसे लोग इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों के बारे में जानेंगे, वे निश्चित रूप से इसकी तरफ अग्रसर होंगे और इस प्रकार हम आने वाले वर्षों में सड़क पर इन वाहनों की संख्या में वृद्धि देखने की उम्मीद कर सकते हैं.
(लेखक ‘Aponyx Electric Vehicles’ के फाउंडर और चेयरमैन हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by रविकांत पारीक