TCS के नए CEO के कृतिवासन के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप...
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services - TCS) के सीईओ और एमडी राजेश गोपीनाथन (Rajesh Gopinathan) ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है. वे बीते 22 साल से टीसीएस के साथ जुड़े रहे. हालांकि, गोपीनाथन का इस्तीफा 15 सितंबर 2023 को कारोबारी घंटे पूरे होने के बाद प्रभावी होगा. गोपीनाथन के इस्तीफे बाद कीर्ति कृतिवासन (Kirthi Krithivasan) को TCS का नया सीईओ नियुक्त किया गया है.
राजेश गोपीनाथन ने अपने बयान में कहा कि टीसीएस के साथ 22 वर्षों का सफर बेहद रोमांचक रहा है. उन्होंने कहा कि एन चंद्रशेखरन के साथ काम करने का अनुभव बेहद सुखद रहा है. उन्होंने कहा कि, 10 अरब डॉलर और मार्केट कैपिटलाइजेशन में 70 बिलियन डॉलर से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि वे कुछ आइडिया पर काम कर रहे हैं. और 2023 सही समय है अलग होकर उन आइडिया को आगे बढ़ाने का. 1996 में आईआईएम अहमदाबाद से पीजीडीएम करने से पहले राजेश गोपीनाथन ने 1990 से 1994 के बीच तिरुचिपल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी.
के कृतिवासन फिलहाल कंपनी के प्रेसीडेंट और बैंकिंग, फाइनैंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस बिजनेस ग्रुप (BFSI) के ग्लोबल हेड के पद पर तैनात हैं. के कृतिवासन बीते 34 सालों से टीसीएस के साथ जुड़े हैं. राजेश गोपीनाथन 22 सालों तक टीसीएस के साथ जुड़े रहने के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया है और बीते छह वर्षों से वे कंपनी मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ पद पर तैनात हैं.
कृतिवासन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री मद्रास यूनिवर्सिटी से हासिल की थी. जबकि, इंडस्ट्रियल एंड मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री उन्होंने आईआईटी कानपुर से पूरी की. साल 1989 में कंपनी में शामिल होने वाले कृतिवासन कई अहम पदों पर रह चुके हैं. फिलहाल, वह TCS में बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस बिजनेस यूनिट के प्रेसिडेंट और ग्लोबल हेड हैं. सबसे अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों में से एक के कृतिवासन ने 2018-19 में 4.3 करोड़ रुपये का वेतन हासिल किया था
टीसीएस की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 30 साल के शानदार ग्लोबल आईटी करियर में कृतिवासन डिलीवरी, रिलेशनशिप मैनेजमेंट, लार्ज प्रोग्राम मैनेजमेंट और सेल्स में कई बड़ी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं.
के कृतिवासन को ऐसे समय पर कंपनी का सीईओ बनाया गया है. जब कंपनी के प्रमुख बाजार जैसे अमेरिका और यूरोप में मंदी का आशंका जताई जा रही है. ऐसे में उनके लिए कंपनी की स्थिति को मार्केट में और मजबूत करना एक बड़ी चुनौती होगी.