‘एक देश-एक KYC’ की दिशा में काम कर रही सरकार, अलग-अलग KYC कराने की झंझट से मिलेगा छुटकारा
केवाईसी आने के बाद से बैंक खाता, किराए पर लॉकर लेना, बांड, म्यूचुअल फंड (एमएफ), शेयर, बीमा कवर लेना आदि में निवेश करना आदि के लिए केवाईसी कराना अनिवार्य हो चुका है. इसके बिना आप किसी भी वित्तीय सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न वित्तीय संस्थानों के बीच लेनदेन को आसान बनाने के लिए एकसमान ‘अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) को लागू करने की दिशा में काम चल रहा है. सीतारमण ने यहां फिक्की लीड्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक ही केवाईसी का विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लेनदेन के लिए इस्तेमाल किए जाने की व्यवस्था लागू करने की दिशा में प्रयास जारी हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘एक केंद्रीय संग्राहक है जो केंद्रीय केवाईसी का ध्यान रखता है. अब हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि ग्राहक की तरफ से एक बार अपना केवाईसी जमा कर दिए जाने के बाद उसका इस्तेमाल विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लेनदेन के लिए कई बार किया जा सके. आपको हर बार अलग संस्थानों में लेनदेन के लिए अपना केवाईसी नहीं देना होगा.’’
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े नियामक सभी को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं जिससे कारोबारी सुगमता बढ़ाने में मदद मिलेगी. बैंकिंग, बीमा एवं पूंजी बाजारों में एकसमान केवाईसी के इस्तेमाल के मुद्दे पर पिछले सप्ताह वित्तीय नियामकों एवं वित्त मंत्री की बैठक में चर्चा हुई थी. साझा केवाईसी होने से आम आदमी के लिए विभिन्न सेवाओं के लिए अलग-अलग कागज जमा करने की बाध्यता खत्म होगी.
सीतारमण ने कहा कि यूपीआई के जरिये लेनदेन जुलाई में बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि 6.28 अरब लेनदेन किए गए. उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में रोजाना होने वाले यूपीआई लेनदेन की संख्या को बढ़ाकर एक अरब पर पहुंचाने का इरादा है.
बता दें कि, पिछले महीने ही भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (केआरए) द्वारा सभी केवाईसी रिकॉर्ड के सत्यापन की समयसीमा तीन महीने बढ़ाकर एक नवंबर कर दी थी. उल्लेखनीय है कि पूंजी बाजार नियामक सेबी ने दूसरी बार इस समयसीमा को बढ़ाया थी.
शुरुआत में केआरए को एक जुलाई से सभी ग्राहकों के केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) रिकॉर्ड को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करना था. इस समयसीमा को एक अगस्त तक बढ़ा दिया गया था. इसके बाद नियामक को केआरए से एक बार फिर इस समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध मिला था.
क्यों जरूरी है KYC?
केवाईसी आने के बाद से बैंक खाता, किराए पर लॉकर लेना, बांड, म्यूचुअल फंड (एमएफ), शेयर, बीमा कवर लेना आदि में निवेश करना आदि के लिए केवाईसी कराना अनिवार्य हो चुका है. इसके बिना आप किसी भी वित्तीय सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते हैं. यहां तक की केवाईसी अपडेट नहीं करने की वजह से आपका खाता बंद भी हो सकता है.
केवाईसी के लिए कुछ सामान्य और वैध दस्तावेज भी मान्य होते हैं, जिसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि शामिल हैं. वहीं इन दस्तावेजों के साथ वित्तीय से जुडे डाक्यूमेंट लोगों को देने होते हैं.
Edited by Vishal Jaiswal