कोविड-19 : निराशावाद, नकारात्मकता और अफवाहों से निपटने की जरूरत : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश भर के प्रिंट मीडिया के बीस से अधिक पत्रकारों और हितधारकों के साथ बातचीत में मीडिया से राष्ट्रीय और क्षेत्रीय, दोनों स्तरों पर सरकार और जनता के बीच कड़ी का काम करने तथा निरंतर फीडबैक उपलब्ध कराने को कहा।
नयी दिल्ली, जनता में संघर्ष की भावना को बनाए रखने को जरूरी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में निराशावाद, नकारात्मकता और अफवाहों से निपटना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लोगों को आश्वस्त किए जाने की जरूरत है कि सरकार कोविड-19 से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश भर के प्रिंट मीडिया के बीस से अधिक पत्रकारों और हितधारकों के साथ बातचीत में मीडिया से राष्ट्रीय और क्षेत्रीय, दोनों स्तरों पर सरकार और जनता के बीच कड़ी का काम करने तथा निरंतर फीडबैक उपलब्ध कराने को कहा।
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, मोदी ने सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) के महत्व पर बल देते हुए मीडिया से इसके महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने, राज्यों द्वारा लिए गए लॉक डाउन के फैसले से जनता को अवगत कराने और साथ ही अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों के समावेशन तथा समाचार पत्रों में अन्य देशों की केस स्टडीज के माध्यम से वायरस के प्रसार के प्रभाव को रेखांकित करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया ने देश के सुदूरवर्ती इलाकों तक सूचना का प्रसार करने में प्रशंसनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मीडिया का नेटवर्क अखिल भारतीय है और यह शहरों और गांवों में फैला हुआ है। यही बात मीडिया को इस चुनौती से लड़ने और सूक्ष्म स्तर पर इसके बारे में सही जानकारी फैलाने के लिए अधिक महत्वपूर्ण बनाता है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र जबरदस्त विश्वसनीयता रखते हैं और किसी क्षेत्र का स्थानीय पृष्ठ लोगों द्वारा विस्तृत रूप से पढ़ा जाता है। इसलिए यह आवश्यक है कि इस पृष्ठ में प्रकाशित लेखों के माध्यम से कोरोनावायरस के बारे में जागरूकता फैलाई जाए।
मोदी ने कहा,
‘‘यह आवश्यक है कि लोगों को इस बात की जानकारी दी जाए कि परीक्षण केंद्र कहाँ हैं, परीक्षण करवाने के लिए किससे संपर्क करना चाहिए और घर के आइसोलेशन प्रोटोकॉल का पालन कैसे करना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जानकारी समाचार पत्रों और वेब पोर्टलों में साझा की जानी चाहिए, । उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता के स्थान जैसी जानकारी भी क्षेत्रीय पृष्ठों में साझा की जा सकती है।
बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान प्रिंट मीडिया के पत्रकारों और हितधारकों ने प्रभावी संवाद कायम करने और देश का प्रखर मार्गदर्शन करने की दिशा में प्रधानमंत्री द्वारा निभाई जा रही भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे प्रेरक और सकारात्मक समाचारों को प्रकाशित करने के प्रधानमंत्री के सुझावों पर काम करेंगे।
प्रतिनिधियों ने प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया और कहा कि पूरे देश ने इस गंभीर चुनौती का सामना करने के लिए एक साथ आने के उनके संदेश का अनुसरण किया है। वहीं, प्रधानमंत्री ने फीडबैक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया और वंचितों के प्रति उनकी सामाजिक जिम्मेदारी की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की हिफाजत के लिए सामाजिक सामंजस्य में सुधार लाना महत्वपूर्ण है।
सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सरकार की अग्र सक्रिय, ऐहतियाती और क्रमिक प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी साझा करने के माध्यम से दहशत फैलने से रोकने के लिए पत्रकारों का आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रिंट मीडिया से संकट की इस घड़ी में गलत सूचना के प्रसार को रोकने की अपील की। बातचीत में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव ने भी भाग लिया।