नौकरी बचाने आई सरकार, छंटनी को लेकर Amazon India को श्रम मंत्रालय ने किया तलब

केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे एक पत्र में, NITES ने दावा किया कि Amazon के कर्मचारियों को कंपनी से जबरदस्ती हटा दिया गया था. जिसके बाद केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कंपनी को बेंगलुरु में उप मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष पेश होने के लिए कहा है.

नौकरी बचाने आई सरकार, छंटनी को लेकर Amazon India को श्रम मंत्रालय ने किया तलब

Wednesday November 23, 2022,

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ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी अमेजन (Amazon) बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रही है. इसकी शिकायत कर्मचारी संघ ने श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) में श्रम कानून का उल्लंघन का आरोप लगा कर की. शिकायत के बाद श्रम मंत्रालय ने अमेज़न इंडिया (Amazon India) के पब्लिक पॉलिसी मैनेजर को तलब किया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेजन इस सप्ताह कॉर्पोरेट और IT क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 10,000 लोगों की छंटनी करने की योजना बना रहा है. ये छंटनी दुनिया भर में काम कर रहे कर्मचारियों में से की जाएगी. बताना चाहेंगे कि 31 दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक, अमेजन में फुल-टाइम और पार्ट-टाइम मिलाकर करीब 16 लाख कर्मचारी काम करते हैं.

केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कंपनी को बेंगलुरु में उप मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष पेश होने के लिए कहा है.

 

समाचार एजेंसी IANS की खबर के मुताबिक, मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी नोटिस में कहा गया है, "आप (अमेजन) से अनुरोध है कि इस मामले में सभी जुड़े हुए रिकॉर्ड के साथ या तो व्यक्तिगत रूप से या किसी अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से इस कार्यालय में उपस्थित हों."

 

ये फैसला NITES की दायर शिकायत के बाद आया है, जिसमें उसने अमेजन पर श्रम कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. NITES ने दावा किया कि इसके परिणामस्वरूप कई लोगों की आजीविका दांव पर लग गई है. NITES के अध्यक्ष हरप्रीत सलूजा ने मीडिया से कहा कि यूनियन कर्मचारियों के लिए न्याय की उम्मीद कर रही है.

NITES ने इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट्स एक्ट (Industrial Disputes Act) का हवाला दिया और कहा कि सरकार से मंजूरी लिए बिना एक कर्मचारी को निकाला नहीं जा सकता. इसके अलावा, लेटर में लिखा है कि लगातार कम से कम एक साल काम करने वाले कर्मचारी को तीन महीने के अग्रिम नोटिस के बिना निकाला नहीं जा सकता. अमेजन इंडिया के कर्मचारियों के लिए यह कुछ राहत की बात है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि अमेजन की अनैतिक Voluntarily Separation Policy को सरकारी अधिकारियों द्वारा रद्द कर दिया जाएगा.

इससे पहले NITES ने केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव को भेजी शिकायत में कहा था कि अमेजन अपने कर्मचारियों पर कंपनी छोड़ने का दबाव बना रही है और इस मामले में इन्‍क्‍वायरी की जानी चाहिए. अमेजन की ओर से कर्मचारियों को भेजे ई-मेल में उन्‍हें 30 नवंबर तक सेपरेशन प्रोसेस पूरा करने की डेडलाइन दी गई है. कंपनी के इस कदम से कर्मचारियों के परिवार पर गंभीर असर पड़ेगा.