Tax Saving: आखिरी मिनट पर करनी है टैक्स सेविंग, ये निवेश विकल्प बना देंगे बात
आयकर अधिनियम के सेक्शन 115 BAC के तहत नई आयकर व्यवस्था में केवल सेक्शन 80CCD (2) के डिडक्शन का ही फायदा मिलता है.
वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) खत्म होने की कगार पर है. इसे देखते हुए कई टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स सेविंग (Income Tax Saving) की कवायद में जुट गए हैं. इस वक्त देश में दो तरह की इनकम टैक्स व्यवस्थाएं (Tax Regime) लागू हैं- पुरानी परंपरागत और नई व्यवस्था. अगर व्यक्ति या HUF, पुरानी परंपरागत आयकर व्यवस्था के साथ जाता है तो वह आयकर अधिनियम (Income Tax Act) के चैप्टर VIA के तहत उपलब्ध विभिन्न डिडक्शंस जैसे सेक्शन 80C, 80D, 80TTB, 80E, 80G आदि का फायदा लेकर अपनी टैक्स देनदारी को घटा सकता है. लेकिन आयकर अधिनियम के सेक्शन 115 BAC के तहत नई आयकर व्यवस्था में केवल सेक्शन 80CCD (2) के डिडक्शन का ही फायदा मिलता है.
इस सेक्शन के माध्यम से अगर वेतनभोगी कर्मचारी के NPS खाते में एंप्लॉयर योगदान करता है, तो कर्मचारी अपने NPS खाते में एंप्लॉयर की ओर से किए जाने वाले योगदान पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है. अगर आपने पुरानी आयकर व्यवस्था चुनी है तो टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट (Tax Saving Investment) पूरा कर लेने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2023 है. अगर अभी तक आपने टैक्स सेविंग के लिए इन्वेस्टमेंट नहीं किया है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. कई विकल्प ऐसे हैं, जो आखिरी वक्त पर आपको, टैक्स बेनिफिट लेने में मदद कर सकते हैं...
PPF
Public Provident Fund, आखिरी मिनट में किए जाने वाले उत्कृष्ट टैक्स सेविंग टूल्स में से एक है. इसे स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स में काउंट किया जाता है और जो लोग जोखिम पसंद नहीं करते उनके लिए यह एक अच्छा इन्वेस्टमेंट विकल्प है. इसकी वजह सुनिश्चित रिटर्न और PPF में जमा किए जाने पैसे, उस पर मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाले अमाउंट का टैक्स फ्री होना है. PPF में 500 रुपये जितनी कम राशि से अकाउंट खोला जा सकता है. अकाउंट बैंक या डाकघर में कभी भी खुलवाया जा सकता है. बैंकों में तो यह ऑनलाइन खुल जाता है और चंद मिनटों में. PPF में में एक वित्त वर्ष में मैक्सिमम 1.50 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है और इस निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
टैक्स सेविंग FD
Tax saving Fixed Deposit एक निम्न जोखिम वाला मध्यम अवधि विकल्प है. टैक्स सेविंग एफडी का मैच्योरिटी पीरियड 5 वर्ष होता है और इसे आसानी से बैंक या डाकघर में खुलवाया जा सकता है. एक बार एफडी खुलवाने लेने पर 5 वर्ष के लिए इस पर रिटर्न फिक्स्ड रहता है. यदि आप किसी अच्छे बैंक में इसे खोलते हैं, तो आपका पैसा भी सुरक्षित रहता है. टैक्स सेविंग एफडी में निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है.
NSC
डाकघर के नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट यानी NSC को लेकर भी टैक्स बेनिफिट लिया जा सकता है. NSC में निवेश को सेक्शन 80C के तहत टैक्स रिबेट प्राप्त है. NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है और यह भी स्मॉल सेविंग्स स्कीम में आती है. NSC को सिंगल या जॉइंट में, 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग द्वारा, नाबालिग के नाम पर वयस्क द्वारा, दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के नाम पर उसके अभिभावक द्वारा खरीदा जा सकता है.
NPS
NPS (National Pension System), लास्ट मिनट पर टैक्स सेविंग का एक अच्छा विकल्प हो सकता है. अगर आप पहले से ही सेक्शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये की इन्वेस्टमेंट लिमिट एग्जॉस्ट यानी पूरी अवेल कर चुके हैं, तो आप नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश करके अभी भी टैक्स डिडक्शन पा सकते हैं. 80CCD के अंतर्गत NPS में निवेश करके 50,000 रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. यह डिडक्शन 80C में मिलने वाले डिडक्शन के अतिरिक्त है. इसके अलावा अगर वेतनभोगी कर्मचारी के NPS खाते में एंप्लॉयर योगदान करता है, तो कर्मचारी अपने NPS खाते में एंप्लॉयर की ओर से किए जाने वाले योगदान पर सेक्शन 80CCD (2) के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है. NPS में किया गया निवेश आपके 60 वर्ष की उम्र तक (या नियम और शर्तों में तय की गई स्थितियों के अंतर्गत) पहुंचने से पहले नहीं निकाला जा सकता है.
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर भी टैक्स बेनिफिट पाया जा सकता है. हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (Health Insurance Premium) के भुगतान पर आयकर कानून के सेक्शन 80D के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. प्रावधान है कि करदाता या HUF, सेक्शन 80D के तहत खुद के लिए, पति/पत्नी और निर्भर बच्चों के मेडिकल इंश्योरेंस समेत माता-पिता के मेडिकल इंश्योरेंस के लिए भरे जा रहे प्रीमियम पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है.
ये विकल्प भी आ सकते हैं काम
टैक्सपेयर्स, 10 साल से कम उम्र की बच्ची के लिए सुकन्या समृद्धि स्कीम (SSY), जीवन बीमा पॉलिसी, म्यूचुअल फंड्स की टैक्स सेविंग स्कीम्स और रिटायरमेंट प्लान्स के तहत खाता खुलवाकर भी आखिरी वक्त पर टैक्स सेविंग कर सकते हैं. वहीं 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) का विकल्प भी मौजूद है.