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IIT मंडी में हुआ सेंटर फॉर ह्यूमन-कंप्यूटर इंटरेक्शन का शुभारंभ

सेंटर फॉर ह्यूमन-कंप्यूटर इंटरेक्शन (CHCi) नई तकनीकों और पहल के सहारे उद्योग जगत की वास्तविक समस्याओं को सुलझाने में मदद करेगा. इससे शोध, उद्योग, स्टार्ट-अप्स और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा.

IIT मंडी में हुआ सेंटर फॉर ह्यूमन-कंप्यूटर इंटरेक्शन का शुभारंभ

Thursday May 09, 2024 , 4 min Read

आईआईटी मंडी और टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) के लिए मानव-कम्प्यूटर संपर्क केंद्र की स्थापना होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इसके उद्घाटन समारोह में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, शिक्षा जगत और उद्योग जगत के सम्मानित लोगों ने शिरकत की.

आईआईटी मंडी के टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) के लक्ष्यों में से एक तेजी से विकसित हो रहे मानव-कम्प्यूटर संपर्क के विज्ञान और टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए विश्व स्तरीय केंद्र स्थापित करना है. CHCi की स्थापना के साथ, अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जाएगा जिसके परिणामस्वरूप ऐसे उत्पाद और मंच विकसित होंगे जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण सफलता प्रदान कर सकते हैं.

आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “सीएचसीआई का उद्घाटन मुझे खुशी देता है और हमारे नेतृत्व की क्षमताओं पर मुझे पूरा भरोसा है. ट्रांसलेशनल रिसर्च पर समर्पित फोकस के साथ, सीएचसीआई आईआईटी मंडी टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच) के अनुसंधान केंद्र के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है. मैं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अमूल्य समर्थन के लिए, सरकार का आभारी हूं. जैसे-जैसे हम इस यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं, हम डिजिटल टच, डिजिटल गंध और डिजिटल स्वाद जैसे अभिनव प्रयासों सहित विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं में शामिल होने का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं. मैं अपनी उपस्थिति और अंतर्दृष्टि से हमें गौरवान्वित करने के लिए अपने सभी सम्मानित अतिथियों की हार्दिक सराहना करता हूं.''

 

वहीँ मुख्य अतिथि, आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर एम. मणिवन्नन ने अपने विशेष संबोधन में कहा, “कंप्यूटर इंटरफेस की प्रगति अगले तकनीकी युग की शुरुआत करती है, जो नवाचार में हमारी अग्रणी स्थिति को बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित करती है. जैसे टेक्नोलॉजी तेजी से विकसित हो रही है, वैसे भविष्य की टेक्नोलॉजी में भारत को नेतृत्व की दिशा में मार्गदर्शन करने में सक्षम केंद्र स्थापित करना महत्वपूर्ण है. एचसीआई अब एक विकासवादी तकनीक नहीं है, यह उपयोगकर्ताओं के टेक्नोलॉजी के साथ व्यवहार करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. भारत के पास टेक्नोलॉजी की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने, विभिन्न इंजीनियरिंग विषयों में एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने और एक बहु-मॉडल पद्धति को अपनाने की महत्वपूर्ण क्षमता है. मुझे विश्वास है कि सीएचसीआई और आईआईटी मंडी और टीआईएच सहयोग के लिए उत्प्रेरक के रूप में उभरेंगे, जो भारत को मानव-कंप्यूटर इंटरेक्शन में तकनीकी नवाचार में सबसे आगे ले जाएंगे.“

इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में एनएमआईसीपीएस की मिशन निदेशक डॉ. एकता कपूर ने अपने संबोधन में कहा “जैसे ही हम मानव-कंप्यूटर इंटरेक्शन केंद्र (सीएचसीआई) का उद्घाटन करते हैं, हम चार महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से एक यात्रा पर निकलते हैं: टेक्नोलॉजी विकास, कौशल संवर्धन, उद्यमशीलता की भावना और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग. सीएचसीआई में अत्याधुनिक सुविधाएं इन मुख्य क्षेत्रों में प्रगति का आधार होंगी. इसके अलावा, केंद्र की एचसीआई में प्रमाणन और डिग्री कार्यक्रम शुरू करने की योजना है, मुझे विश्वास है कि आईआईटी मंडी और सीएचसीआई के बीच सहयोग से सार्थक परिणाम मिलेंगे, जिससे आने वाले दिनों में नवाचार और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा.“

वहीं आईआईटी मंडी iHub और HCI फाउंडेशन के सीईओ सोमजीत अमित ने "मानवीय जरूरतों के अनुरूप तकनीक" विषय पर जोर देते हुए कहा, "जैसा कि हम एक नवजात लेकिन घटनापूर्ण यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं, हमें खुशी है कि हम दृढ़ हैं और वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधान के लिए नवाचार के लिए प्रतिबद्ध. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और मेजबान संस्थान, आईआईटी मंडी के विश्वास और समर्थन ने इस यात्रा में हमारी मदद की है."

CHCi की स्थापना IIT मंडी के टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) के व्यापक उद्देश्यों के साथ मेल खाती है. मौजूदा संसाधनों और इंजीनियरिंग अनुसंधान विशेषज्ञता का लाभ उठाकर, केंद्र अनुसंधान को तेजी से व्यावहारिक अनुप्रयोगों में बदलना चाहता है और उद्योग जगत तक इसका दायरा बढ़ाना चाहता है. उद्योग जगत के अग्रणीय लोगों के साथ मिलकर काम करके, केंद्र उद्योग-विशिष्ट समस्याओं का प्रभावी ढंग से समाधान ढूंढना चाहता है, जिससे शिक्षा जगत और उद्योग जगत के बीच की खाई को पाटा जा सके.

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