ट्विटर वाले एलन मस्‍क के खिलाफ महिलाएं क्‍यों पहुंच गईं कोर्ट, क्‍या है आरोप

ट्विटर ने छंटनी की प्रक्रिया में चुन-चुनकर महिला कर्मचारियों को निशाना बनाया है.

ट्विटर वाले एलन मस्‍क के खिलाफ महिलाएं क्‍यों पहुंच गईं कोर्ट, क्‍या है आरोप

Friday December 09, 2022,

2 min Read

ट्विटर की कमान संभालने के बाद से एलन मस्‍क की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही. एक नए मामले में कंपनी की दो पूर्व महिला कर्मचारियों ने एलन मस्‍क के खिलाफ अमेरिकी फेडरल कोर्ट में मुकदमा ठोंक दिया है.

इन दोनों महिलाओं के नाम कैरोलिना बर्नाल स्ट्रिफलिंग (Carolina Bernal Strifling) और विनो रेन टुकराल (Willow Wren Turkal) है, जिन्‍होंने नौकरी से निकाली गई सभी महिलाओं की तरफ से यह मुकदमा दायर किया है.

महिलाओं ने मस्‍क पर कार्यस्‍थल पर लैंगिक भेदभाव का आरोप लगाया है. अमेरिका में वर्कप्‍लेस जेंडर डि‍स्क्रिमिनेशन को लेकर कानून काफी सख्‍त है.

एलन मस्‍क ने 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने के बाद सबसे पहला काम जो किया, वो था बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी. कर्मचारियों को रातोंरात ई-मेल भेजकर अगले दिन दफ्तर आने से मना कर दिया गया.

ताजे मामले में दो महिला कर्मचारियों का आरोप है कि छंटनी की इस प्रक्रिया में औरतों को खासतौर पर निशाना बनाया गया है. उनके आरोप के मुताबिक एलन मस्‍क ने छंटनी के दौरान 57 फीसदी महिलाओं और सिर्फ 47% पुरुषों को कंपनी से बाहर का रास्‍ता दिखाया.

वह यह भी कहती हैं कि महिलाओं का ज्‍यादा संख्‍या में नौकरी से निकाला जाना कोई इत्‍तेफाक नहीं था. बहुत सिस्‍टमैटिक ढंग से महिलाओं को निशाना बनाया गया.

मुकदमे में लगाए गए आरोपों में कहा गया है क एलन मस्‍क ने टेक्निकल और इंजीनियरिंग फ्रंट पर काम कर रहे कर्मचारियों में 61 फीसदी महिलाओं और सिर्फ 48 फीसदी पुरुषों को नौकरी से निकाला.  

महिलाओं का दावा है कि ट्विटर में हुई यह छंटनी कैनिफोर्निया स्‍टेट के कानूनों और अमेरिका के फेडरल कानूनों का उल्‍लंघन है.

नौकरी से निकाले जाने के बाद कर्मचारियों द्वारा एलन मस्‍क पर किया गया यह पहला मुकदमा नहीं है. इसके पहले नवंबर में भी बड़ी संख्‍या में कर्मचारियों ने मस्‍क और कंपनी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और क्‍लास एक्‍शन सूट फाइल किया था, जब मस्‍क ने बिना पर्याप्‍त नोटिस के 3700 कर्मचारियों को रातोंरात नौकरी छोड़कर जाने का नोटिस थमा दिया था.

कर्मचारियों का कहना था कि इस तरह बिना पर्याप्‍त नोटिस और सही कानूनी प्रक्रिया के कर्मचारियों को नौकरी ने निकालना अमेरिकी फेडरल कानून का उल्‍लंघन है.  


Edited by Manisha Pandey