घर में पड़े सोने को लीज पर देकर करें कमाई, दुनिया का पहला गोल्ड लीजिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च
'GAINS' के माध्यम से सोने को लीज पर देकर आय अर्जित की जा सकती है.
डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के लिए अग्रणी प्लेटफॉर्म 'सेफगोल्ड' (SafeGold) ने नया प्लेटफॉर्म GAINS लॉन्च किया है. यह दुनिया का पहला गोल्ड लीजिंग प्लेटफॉर्म है, जो उपभोक्ताओं को व्यक्तिगत स्वामित्व वाले सोने को लीज पर लेने की अनुमति देगा. यह भारत में सोने के 10 करोड़ से ज्यादा खुदरा उपभोक्ताओं को सोने के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलने की अनुमति देगा, जिससे वह इसे केवल संजो कर रखने के बजाय आय सृजन का एक बड़ा जरिया बना सकेंगे.
'GAINS' के माध्यम से सोने को लीज पर देकर आय अर्जित की जा सकती है. यह नया प्रॉडक्ट एमएसएमई ज्वैलर्स को घरेलू सोना प्राप्त करने और व्यक्तियों को अपना सोना, ज्वैलर्स को लीज पर देने के लिए लाभ (सोने में) अर्जित करने के लिए लाभान्वित करेगा. नई अभूतपूर्व पेशकश भारत के अंडरसर्व्ड एमएसएमई ज्वैलरी उद्योग को भी सशक्त बनाएगी. यह उद्योग में लगभग 60 लाख कुशल कारीगरों और श्रमिकों को पूंजी भी देगा.
भारतीयों के घरों में यूं ही पड़ा है 8,000 टन सोना
सेफगोल्ड का अनुमान है कि भारतीय उपभोक्ताओं के पास लगभग 8,000 टन सोने के सिक्के, बार और आभूषण ऐसे हैं, जो बिना किसी इस्तेमाल के एक तरह से बेकार पड़े हैं. GAINS के माध्यम से, SafeGold का लक्ष्य निष्क्रिय सोने को जुटाना है ताकि लंबे समय में सोने की मौजूदा कीमतों पर आयात को 526 अरब डॉलर तक कम किया जा सके. सेफगोल्ड एक प्रमुख घरेलू डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म है, जो भारत में डिजिटल गोल्ड इकोसिस्टम को रफ्तार दे रहा है. इसकी स्थापना 2018 में हुई थी. सेफगोल्ड गुणवत्ता, शुद्धता और कीमत पर आश्वासन के साथ सोने में बचत करने के लिए एक सरल, सुविधाजनक और सुरक्षित तरीके तक पहुंच के माध्यम से भारतीयों को सशक्त बना रहा है. प्लेटफॉर्म के वैश्विक स्तर पर 100+ भागीदार हैं, 2.8 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं, और इसने 7.5 करोड़ से अधिक लेनदेन पूरे किए हैं.
सोने के निवेशकों के लिए GAINS कैसे फायदेमंद
गोल्ड सेविंग्स से अतिरिक्त कमाई कराने के अलावा, GAINS के माध्यम से लीज पर दिया गया सोना, लीज की अवधि (आमतौर पर 3-6 महीने के बीच) के अंत में तुरंत बेचा जा सकता है. इसलिए, यह कम समय सीमा में अधिक लिक्विडिटी की अनुमति देता है, और निवेशकों के हाथ में यह नियंत्रण देता है कि वे कब अपना सोना वापस ले सकते हैं, कब इसे फिर से लीज पर दे सकते हैं. साथ ही यह भी सुविधा कि वे अपने डिजिटल सोने की डिलीवरी भी पा सकते हैं. अनुमान है कि लंबे वक्त में GAINS से सालाना 14-17% की अर्निंग (पिछले 5 वर्षों में सोने पर 11% की वार्षिक मूल्य वृद्धि के आधार पर) और 3-66% के बीच की अपेक्षित यील्ड हासिल होगी.
शुरुआत में यह उत्पाद केवल डिजिटल गोल्डधारकों के लिए खुला होगा. लेकिन ग्राहकों के बेकार पड़े भौतिक सोने के सिक्कों और बुलियन को घर-घर पहुंचाने की सेवा की पेशकश जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है. इससे भारत के घरों में पड़े अनुमानित 8,000 टन सोने का सीधे सोना उद्योग में उपयोग संभव हो सकेगा. GAINS को लेकर प्रायोगिक स्तर पर ग्राहकों की प्रतिक्रिया अत्यधिक सकारात्मक रही है. प्रत्येक ग्राहक द्वारा लीज के लिए प्रतिबद्ध सोने का एवरेज टिकट साइज 5.05 ग्राम है. प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होने के 24-36 घंटों के भीतर लीज को आम तौर पर बेच दिया गया है और 65% पायलट ग्राहकों ने बाद की लीज में प्रवेश किया है.
कैसे काम करता है GAINS प्लेटफॉर्म
स्ट्रक्चर्ड प्लेटफॉर्म: एमएसएमई ज्वैलर्स, सेफगोल्ड प्लेटफॉर्म पर अपनी लीज को सूचीबद्ध करने में तब सक्षम होंगे, जब जौहरी की साख और केवाईसी सत्यापित होने के लिए पूरी तरह से जांच कर ली गई हो.
ग्राहक सुरक्षा सर्वोपरि: अपनी लीज को सूचीबद्ध करने वाले ज्वैलर्स उस यील्ड रेट और कार्यकाल को चुनते हैं जो वे देना चाहते हैं. साथ ही लीज पर दिए जाने वाले सोने के मूल्य के कम से कम 105% को कवर करने वाली बैंक गारंटी प्रदान करते हैं. यदि कोई जौहरी चूक करता है, तो SafeGold उन ग्राहकों की ओर से बैंक गारंटी लागू करेगा, जिन्होंने सोना लीज पर दिया है.
ग्राहकों और ज्वैलर्स के लिए सुलभ निवेश: सेफगोल्ड ग्राहक सूचीबद्ध लीज को देखते हैं और अपनी पसंद की लीज के लिए अपने गोल्ड बैलेंस का कम से कम 0.5 ग्राम देते हैं. सेफगोल्ड, ग्राहक के खाते से जौहरी के खाते में सोने को भौतिक रूप से स्थानांतरित करके लीज की सुविधा प्रदान करता है. लीज की अवधि के अंत में, जौहरी सोने को वापस वॉल्ट में जमा कर देता है और सेफगोल्ड ग्राहक के गोल्ड बैलेंस को अपडेट करता है. सेफगोल्ड यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा कि इस पूरी प्रक्रिया में फिजिकल शुद्धता मानकों को बरकरार रखा जाए. ग्राहकों के पास अपने गोल्ड बैलेंस को फिर से लीज पर देने, बेचने या भौतिक कब्जा लेने का विकल्प होता है.
जौहरी के हितों की रक्षा के लिए लॉक-इन अवधि: लीज की अवधि के दौरान, ग्राहक लीज पर दिया गया सोना न तो बेच सकते हैं, न ही आभूषणों का आदान-प्रदान कर सकते हैं और न ही अपने गोल्ड बैलेंस की डिलीवरी पा सकते हैं. ज्वैलर्स के पास एक फ्लेक्सिबल टेन्योर लीज का विकल्प होता है, जहां वे लीज की मैच्योरिटी से पहले सोने को वापस सेटल कर देते हैं.
लॉन्ग टर्म यील्ड्स: ग्राहक की यील्ड की गणना दैनिक आधार पर की जाती है और हर महीने उनके डिजिटल गोल्ड खाते में यह जमा होती है. यील्ड 3-6% के बीच रहने की उम्मीद है (ज्वैलर की चॉइस और सेफगोल्ड द्वारा दिए जाने वाले लॉयल्टी इंसेंटिव के आधार पर).
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Edited by Ritika Singh