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क्या LTC पॉलिसी के तहत विदेश यात्रा कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) बनाम आयकर विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर के मामले में 4 नवबंर, 2022 को दिए गए फैसले में शीर्ष अदालत ने माना कि एलटीसी का दावा केवल भारत के भीतर यात्रा के लिए किया जा सकता है.

क्या LTC पॉलिसी के तहत विदेश यात्रा कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

Wednesday November 09, 2022 , 3 min Read

सुप्रीम कोर्ट (SC) के एक हालिया फैसले ने इस बात को रेखांकित किया है कि छुट्टी यात्रा रियायत (LTC) केवल भारत के भीतर यात्रा पर ही दी जा सकती है. हालांकि, यदि यात्रा में एक भी विदेशी यात्रा शामिल है, तो कंपनी को इस भुगतान पर टीडीएस (सोर्स पर टैक्स कटौती) काटना होगा.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) बनाम आयकर विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर के मामले में 4 नवबंर, 2022 को दिए गए फैसले में शीर्ष अदालत ने माना कि एलटीसी का दावा केवल भारत के भीतर यात्रा के लिए किया जा सकता है क्योंकि इस प्रावधान का उद्देश्य कर्मचारियों को भारतीय संस्कृति से परिचित कराना है. इसलिए, यदि यात्रा कार्यक्रम में विदेश यात्रा शामिल है तो एलटीसी लाभ उपलब्ध नहीं होगा.

शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जो 9 जुलाई, 2019 को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) द्वारा पारित एक आदेश से सहमत था.

सुप्रीम कोर्ट ने SBI के दावे को खारिज किया

एसबीआई ने तर्क दिया कि भुगतान केवल भारत के भीतर दो निर्दिष्ट स्थानों के बीच यात्रा के सबसे छोटे मार्ग के लिए किया गया था. यहां तक कि एक विदेशी यात्रा भी कर्मचारियों के यात्रा कार्यक्रम में था, लेकिन उसके लिए कोई भुगतान नहीं किया गया था.

हालांकि, एसबीआई के तर्क को कर विभाग, आईटीएटी और यहां तक कि हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले फैसलों पर सहमति जताई थी.

शीर्ष अदालत ने एसबीआई के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि विदेश यात्रा के लिए धारा 10(5) के तहत कोई विशेष रोक नहीं है और इसलिए विदेश यात्रा का लाभ तब तक उठाया जा सकता है जब तक कि शुरुआती और गंतव्य बिंदु भारत के भीतर ही रहें. फैसले के मुताबिक, ये दावे बेबुनियाद हैं.

क्या था मामला?

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामले में, एसबीआई के कर्मचारियों ने भारत के साथ-साथ विदेश में भी अपनी यात्रा की थी. रिवेन्यू डिपार्टमेंट ने जोर देकर कहा कि यह भारत के भीतर एक निर्दिष्ट स्थान से भारत में किसी अन्य निर्दिष्ट स्थान की यात्रा नहीं थी और इस प्रकार यह वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन था और इसलिए बैंक द्वारा अपने कर्मचारियों को किए गए भुगतान को छूट नहीं दी जा सकती थी, और यह भुगतान करते समय बैंक को सोर्स पर टैक्स की कटौती करनी चाहिए थी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एसबीआई के एक कर्मचारी का उदाहरण दिया, जिसने दिल्ली-मदुरई-कोलंबो-कुआलालंपुर-सिंगापुर-कोलंबो-दिल्ली का चक्कर लगाकर एलटीसी का लाभ उठाया था और उसके दावे को एसबीआई द्वारा धारा 192 (1) के तहत बिना किसी कर कटौती के पूरी तरह से प्रतिपूर्ति (Reimbursed) की गई थी.

LTC के तहत कौन से लाभ मिलते हैं?

आयकर अधिनियम की धारा 10(5) के अनुसार, एलटीसी भारत में किसी भी स्थान की यात्रा करने की मंजूरी देता है. कर्मचारी यात्रा के लिए अपने परिवार को भी साथ ले जा सकता है. परिवार में पति या पत्नी, बच्चे, आश्रित माता-पिता, भाई और बहन शामिल हैं.


Edited by Vishal Jaiswal