कोर्ट में केस लड़ने के लिए पैसे देता है गुरुग्राम का स्टार्टअप LegalPay
देश की न्याय व्यवस्था को सुधारने, टेक्नोलॉजी के जरिए इसे और बेहतर बनाने में मदद करने के लिए स्टार्टअप्स आगे आ रहे हैं. गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप LegalPayभी इसी दिशा में काम कर रहा है. इसकी स्थापना साल 2019 में कुंदन शाही ने की थी.
हाइलाइट्स
- लीगल-टेक और फिनटेक स्टार्टअप LegalPay कंपनियों और आम लोगों को कोर्ट में अपना केस लड़ने के लिए पैसे देता है
- LegalPay के फाउंडर कुंदन शाही ने इससे पहले लीगल-टेक स्टार्टअप Advok8 की स्थापना की थी
- 'No Win, No Fee' मॉडल पर काम करता है स्टार्टअप LegalPay
हाल ही में संसद के मानसून सत्र के पहले दिन केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा है कि देश की अलग-अलग अदालतों में लंबित मामले पांच करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं. कानून मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, 25 हाई कोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों में 5.02 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं.
कानून मंत्री मेघवाल ने राज्यसभा को बताया, "इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट सिस्टम (ICMIS) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 1 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट में 69,766 मामले लंबित हैं. नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (NJDG) पर मौजूद जानकारी के मुताबिक 14 जुलाई तक हाई कोर्ट में 60,62,953 और जिला और अधीनस्थ अदालतों में 4,41,35,357 मामले लंबित हैं."
NJDG के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि लगभग 63 लाख मामले इसलिए लंबित हैं क्योंकि वकील ही उपलब्ध नहीं है. इनमें कम से कम 78% मामले आपराधिक (क्रिमिनल) हैं और बाकी दीवानी (सिविल) हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी एक महत्वपूर्ण वजह यह है कि भारत में एक औसत मामले को पूरा होने में लगभग 4 साल लगते हैं. जब मुकदमा अनुमानित समय से बहुत ज्यादा चलने लगता है तो कई बार मुवक्किल के पास फीस देने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं.
लेकिन अब देश की न्याय व्यवस्था को सुधारने, टेक्नोलॉजी के जरिए इसे और बेहतर बनाने में मदद करने के लिए स्टार्टअप्स आगे आ रहे हैं. गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप
भी इसी दिशा में काम कर रहा है. इसकी स्थापना साल 2019 में कुंदन शाही (Kundan Shahi) ने की थी.बिहार के एक गाँव तअल्लुक़ रखने वाले कुंदन, अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में दिल्ली आ गए. उन्होंने अलग-अलग मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया. LegalPay की स्थापना से पहले, उन्होंने एक लीगल-टेक स्टार्टअप Advok8 की भी स्थापना की थी.
क्या करता है LegalPay
कानूनी क्षेत्र में मौजूदा समस्या मुकदमेबाजी में शामिल व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए सुलभ और किफायती फंडिंग विकल्पों की कमी है. कई संभावित वादियों को पैसों की कमी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कानूनी कार्यवाही महंगी और समय लेने वाली हो सकती है. यह एक तरह से असंतुलन पैदा करती है, जहां अधिक वित्तीय संसाधनों वाले लोगों को अपने दावों को आगे बढ़ाने में लाभ होता है, जबकि अन्य लोग न्याय मांगने से पूरी तरह से हतोत्साहित हो सकते हैं.
LegalPay, एक थर्ड-पार्टी मुकदमेबाजी (litigation) फंडिंग कंपनी के रूप में, इन चुनौतियों को हल करने के लिए सॉल्यूशन मुहैया करती है. यह कानूनी कार्यवाही से जुड़ी लागतों के लिए फंडिंग देकर फाइनेंशियल सपोर्ट देता है. इसके अलावा, इसके फंडिंग सॉल्यूशन न्याय और पैसों के बीच अंतर को पाटकर मुकदमेबाजी में समान स्तर लाने में मदद करते हैं, सीमित वित्तीय संसाधनों वाले व्यक्तियों और संगठनों को अपने विरोधियों के साथ समान स्तर पर अपने अधिकारों का दावा करने के लिए सशक्त बनाते हैं.
फाइनेंशियल सपोर्ट के अलावा कंपनी केस मैनेजमेंट सहायता प्रदान करती है. केस की रणनीति तैयार करने के लिए मार्गदर्शन करती है और वादियों को अनुभवी कानूनी पेशेवरों से जोड़ती है. इससे वादियों को अपने कानूनी मामलों की जटिलताओं को प्रभावी ढंग से सुलझाने में मदद मिलती है, जिससे उनकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है.
बिजनेस मॉडल
लीगल-टेक और फिनटेक स्टार्टअप LegalPay के बिजनेस मॉडल के बारे में पूछे जाने पर YourStory से बात करते हुए फाउंडर और सीईओ कुंदन शाही बताते हैं, "हमारा बिजनेस मॉडल मुख्य रूप से एक गैर-सहारा पद्धति (non-recourse methodology) पर काम करता है, जिसका अर्थ है कि मुकदमे का कोई सफल परिणाम नहीं होने पर वादी को थर्ड-पार्टी के फंडर को भुगतान नहीं करना पड़ता है. इसलिए, हम वादी को विरोधी पक्ष के समान स्तर पर लाकर सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक अनुठे 'No Win, No Fee' मॉडल पर काम करते हैं."
शाही आगे बताते हैं, "LegalPay शुरू करने से पहले मैं EXL Services के लिए काम कर रहा था और इंश्योरेंस बिजनेसेज में से एक की सहायता कर रहा था, तभी से मेरे मन में एक लिटिगेशन (मुकदमेबाजी) फंडिंग कंपनी शुरू करने का आइडिया आया क्योंकि लीगल सेगमेंट हमेशा एक अवसर के दृष्टिकोण से मेरे रडार पर रहा है."
कुंदन बताते हैं, "हम वकील की फीस, अदालती लागत और मुकदमेबाजी खर्चों सहित कानूनी खर्चों के लिए पैसे देकर वादियों को फाइनेंशियल सपोर्ट प्रदान करते हैं. हम संभावित मामलों की खूबियों का आकलन करते हैं, केस मैनेजमेंट सहायता प्रदान करते हैं, और प्रतिनिधित्व की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लीगल इंडस्ट्री के भीतर अपनी विशेषज्ञता और नेटवर्क का लाभ उठाते हैं. इसके अलावा, हम पोर्टफोलियो फाइनेंसिंग की पेशकश करते हैं, जिसमें हम अलग-अलग मामलों के बजाय एक पैकेज के रूप में कई मामलों को फंड करते हैं. यह दृष्टिकोण जोखिम में विविधता लाने में मदद करता है और हमारे ग्राहकों को लागत दक्षता और अन्य लाभ प्रदान करता है."
फंडिंग
LegalPay ने मई, 2021 में अपने सीड फंडिंग राउंड में अघोषित राशि जुटाई. इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व 9Unicorns ने किया थी. अर्ली-स्टेज इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म LetsVenture ने भी कुछ प्रमुख एंजेल निवेशकों के साथ इस राउंड में भाग लिया, जिसमें न्यूयॉर्क स्थित प्राइवेट इक्विटी फंड Basis Vectors के फाउंडर और Knowlarity के फाउंडर अंबरीश गुप्ता भी शामिल थे.
इसके ठीक एक महीने बाद, जून, 2021 में स्टार्टअप ने एक और फंडिंग राउंड में अघोषित राशि जुटाई. आंत्रप्रेन्योर से इन्वेस्टर बने और Thomas Cook के पूर्व प्रमुख अश्विनी कक्कड़ ने इस राउंड की अगुवाई की. इस राउंड में भी 9Unicorns की भागीदारी देखी गई.
दिसंबर, 2021 में कंपनी ने प्री-सीरीज ए फंडिंग जुटाई.
LegalPay के सीईओ कुंदन शाही बताते हैं, "हमने हाल ही में प्री-सीरीज़ ए2 फंडिंग राउंड को सफलतापूर्वक पूरा किया है, जो हमें भविष्य के विकास के लिए तैयार करता है. जैसा कि हम आगे बढ़ रहे हैं, हम आने वाले महीनों में अपनी सीरीज ए फंडिंग जुटाने की अपनी योजनाओं की घोषणा करने के लिए उत्साहित हैं. LegalPay के निवेशकों की लिस्ट में Let's Venture, Venture Catalysts, 9 Unicorns, Amity Innovation Incubator और अश्विनी कक्कड़ और अंबरीश गुप्ता के पारिवारिक कार्यालय शामिल हैं, जिन्होंने हमारी दृष्टि और हमारे इनोवेटिव सॉल्यूशंस की क्षमता में अपना विश्वास दिखाया है."
रेवेन्यू मॉडल
LegalPay के रेवेन्यू मॉडल के बारे में बात करते हुए फाउंडर कुंदन शाही बताते हैं, "हमारे लिए रेवेन्यू का प्राथमिक सॉर्स रिकवर की गई राशि का सहमत प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि यदि फाइनेंस किया गया मामला (केस) सफल होता है और निपटान या अनुकूल अदालत के फैसले के परिणामस्वरूप हमें आय का एक हिस्सा मिलता है. इसे "सफलता शुल्क" के रूप में जाना जाता है. सफलता शुल्क आम तौर पर कानूनी कार्यवाही के माध्यम से वादी द्वारा वसूल की गई राशि का एक पूर्व निर्धारित प्रतिशत होता है."
वे आगे कहते हैं, "हमारा रेवेन्यू हमारे द्वारा फाइनेंस किए गए मामलों के सफल परिणाम पर निर्भर है. यदि किसी फाइनेंस किए गए मामले का परिणाम अनुकूल निपटान या अदालत के फैसले में होता है, तो हमें सफलता शुल्क के रूप में पुनर्प्राप्त राशि का एक पूर्व निर्धारित प्रतिशत प्राप्त होता है. संक्षेप में, हमारे हित हमारे ग्राहकों के साथ निकटता से जुड़े हुए हैं, क्योंकि हम मुकदमेबाजी के जोखिमों और पुरस्कारों को साझा करते हैं."
कुंदन बताते हैं, "आज, हमें 2,600 करोड़ रुपये के दावों का प्रबंधन करने पर गर्व है, जो महत्वपूर्ण कानूनी मामलों को संभालने और प्रभावशाली वित्तीय समाधान प्रदान करने में हमारी विशेषज्ञता का प्रमाण है. हमारा लक्ष्य वित्त वर्ष 2024 तक 5,000 करोड़ रुपये के दावों का प्रबंधन करना, अपने पोर्टफोलियो का उल्लेखनीय रूप से विस्तार करना और अपनी कंपनी के लिए सस्टेनेबल रेवेन्यू जनरेट करना है."
चुनौतियां
इस बिजनेस को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इसके जवाब में कुंदन कहते हैं, "भारत में थर्ड-पार्टी लिटिगेशन (मुकदमेबाजी) फाइनेंस करने वाले अग्रणी कंपनी के रूप में, हमारे सामने कुछ बाधाएँ थीं, जिनमें से सबसे कठिन और रोमांचक था हमारी सेवाओं में कंपनियों और व्यक्तियों के बीच संवाद करना और उनका विश्वास हासिल करना. एक नई अवधारणा तैयार करने के लिए हमारे फंडिंग समाधानों के लाभों और विश्वसनीयता के बारे में शिक्षित करने और जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है."
कुंदन आगे बताते हैं, "कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि मुकदमेबाजी को फाइनेंस करने से हितों का टकराव हो सकता है, मुकदमेबाजी की रणनीति में संभावित हस्तक्षेप हो सकता है, या तुच्छ मुकदमों में वृद्धि हो सकती है. इन नैतिक चिंताओं को हल करना और फंडिंग समझौतों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना इस उद्योग में विश्वास और विश्वसनीयता बनाने के लिए आवश्यक है. एक मजबूत लिटिगेशन फाइनेंस बिजनेस खड़ा करने के लिए केस को फंड मुहैया करने और खर्चों का प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त पूंजी संसाधनों की आवश्यकता होती है."
इन कठिनाइयों के बावजूद, भारतीय कानूनी क्षेत्र में विकास और प्रभाव की संभावना एक सफल थर्ड-पार्टी लिटिगेशन फाइनेंस बिजनेस खड़ा करने के प्रयास को फायदेमंद बनाती है. इन चुनौतियों पर काबू पाने के लिए उद्योग विशेषज्ञता, अनुकूलनशीलता, पारदर्शिता और नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता और भारतीय कानूनी परिदृश्य की गहरी समझ के संयोजन की आवश्यकता है.
भविष्य की योजनाएं
LegalPay को लेकर भविष्य की योजनाओं पर बाते करते हुए, फाउंडर और सीईओ कुंदन शाही बताते हैं, "हमारे पास उद्योग में अग्रणी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीतिक विकास और विस्तार पर केंद्रित एक महत्वाकांक्षी योजना है. हमारा एक प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न अभ्यास क्षेत्रों में उच्च-संभावित, उच्च-प्रभाव वाले मामलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, वित्त पोषित मामलों के हमारे पोर्टफोलियो को व्यापक बनाना है. हम सफल परिणामों का ट्रैक रिकॉर्ड हासिल करने और एक विश्वसनीय फंडिंग पार्टनर के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत करने के लक्ष्य के साथ मजबूत योग्यता वाले मामलों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन और चयन करना जारी रखेंगे."
इसके अलावा, कंपनी की योजना नए भौगोलिक क्षेत्रों में विस्तार करने की है, जिससे उभरते अवसरों का लाभ उठाते हुए इसकी सेवाओं को उन बिजनेसेज और व्यक्तियों के लिए अधिक सुलभ बनाया जा सके जो अपने कानूनी दावों के लिए वित्तीय सहायता चाहते हैं. कंपनी अपनी जोखिम मूल्यांकन क्षमताओं को बढ़ाने और अपनी कामकाजी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए एडवांस डेटा एनालिटिक्स और टेक्नोलॉजी में निवेश करेगी.
कुंदन शाही बताते हैं, "अपने ग्राहकों के साथ मजबूत संबंध बनाना हमारा मिशन है, और हम अटूट समर्पण और विशेषज्ञता के साथ उनकी कानूनी यात्राओं में उनका समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."