जालान-कालरॉक कंसोर्टियम को Jet Airways सौंपे जाने के खिलाफ हुए कर्जदाता, NCLAT में दाखिल की अपील
दाखिल की गई अपील में कर्जदाताओं ने कहा है कि रिजॉल्यूशन प्लान में जिस योजना को लागू करने के लिए शर्तें तय की गई थीं, कंसोर्टियम उन्हें पूरा कर पाने में विफल रहा है. इसलिए यह प्लान अब वैध नहीं रह गया है.
दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही जेट एयरवेज (Jet Airways) एयरलाइन के कर्जदाताओं ने अब नीलामी प्रक्रिया में विजेता बोलीदाता जालान-कालरॉक कंसोर्टियम को कर्ज में डूबी एयरलाइन को सौंपने के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (NCLAT) में अपील दाखिल की है.
दाखिल की गई अपील में कर्जदाताओं ने कहा है कि रिजॉल्यूशन प्लान में जिस योजना को लागू करने के लिए शर्तें तय की गई थीं, कंसोर्टियम उन्हें पूरा कर पाने में विफल रहा है. इसलिए यह प्लान अब वैध नहीं रह गया है.
कर्जदाता चाहतें हैं कि इस रिजॉल्यूशन प्लान पर नए सिरे से विचार के लिए उसे वापस कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) के पास भेजा जाए.
बीते 13 जनवरी को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही जेट एयरवेज का स्वामित्व जालान कालरॉक गठजोड़ को सौंपने की मंजूरी दे दी. साथ ही न्यायाधिकरण ने विजेता बोलीदाता को लेनदारों को बकाया राशि चुकाने के लिए और वक्त दिया.
एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा कि इस ट्रिब्यूनल द्वारा मंजूर की गई योजना को किसी भी संशोधन के बिना लागू किया जाना है. साथ ही ट्रिब्यूनल ने विजेता बोलीदाता को लेनदारों को बकाया राशि चुकाने के लिए 20 मई, 2022 तक का वक्त दिया.
बता दें कि, एयरलाइन की कर्जदाताओं की समिति ने दुबई स्थिति मुरारी लाल जालान और ब्रिटेन के कालरॉक कैपिटल की पुनरुद्धार योजना को अक्टूबर 2020 में मंजूरी दी थी.
जालान-कालरॉक गठजोड़ जून, 2021 में जेट एयरवेज के लिए दिवालिया समाधान प्रक्रिया में विजेता बोलीकर्ता बनकर उभरा था. इसके बाद एयरलाइन को नए सिरे से खड़ा करने के लिए तमाम दावे किए गए लेकिन अभी तक यह दोबारा परिचालन शुरू नहीं कर पाई है.
समाधान योजना को जून 2021 में मंजूरी मिली थी और इसके अनुसार गठजोड़ ने अब तक ऋणदाताओं के पास 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा की है.
फिलहाल, संजीव कपूर कंपनी के मनोनीत मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बने रहेंगे. वह तब तक पद पर बने रहेंगे, जबकि एयरलाइन का स्वामित्व कर्जदाताओं के समूह को सौंप नहीं दिया जाता.
नरेश गोयल, उनकी पत्नी को 31 जनवरी तक मिली राहत
बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल के खिलाफ धन शोधन के एक मामले में 31 जनवरी तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है.
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पीके चव्हाण ने दंपती को पिछले हफ्ते अंतरिम राहत दे दी. विस्तृत आदेश मंगलवार को उपलब्ध हुआ.
पीठ उनके खिलाफ दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) रद्द करने की दंपती की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. ईसीआईआर, प्राथमिकी के समान मानी जाती है.
वर्ष 2020 में एजेंसी ने मुंबई पुलिस की एक प्राथमिकी पर संज्ञान लेते हुए धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत गोयल दंपती और अन्य के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया था.
मुंबई पुलिस की प्राथमिकी शहर की एक यात्रा कंपनी के खिलाफ गोयल दंपती और अन्य द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी से संबद्ध है.
उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज का मालिकाना हक नरेश गोयल के पास था और इसका परिचालन 17 अप्रैल 2019 तक हुआ था.
Edited by Vishal Jaiswal