अडानी ग्रुप से जवाब मांगेगी LIC, जनता के पैसे कंपनी में लगाकर विवादों में घिरने के बाद उठाया कदम
जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एमआर कुमार ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी के अधिकारी अडाणी समूह के शीर्ष प्रबंधन के साथ बैठक करेंगे और विभिन्न कारोबार से जुड़े समूह में संकट को लेकर स्पष्टीकरण मांगेंगे.
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenberg Research) की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अरबपति कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप
की कंपनियों को जहां बैंकों द्वारा भारी कर्ज देने पर सवाल उठ रहे हैं, तो वहीं एलआईसी (LIC), एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी और भारतीय स्टेट बैंक कर्मचारी पेंशन फंड का पैसा भी इन कंपनियों में लगाने पर जवाब मांगा जा रहा है.अडाणी समूह में एलआईसी (जीवन बीमा निगम) के निवेश को लेकर विपक्षी दलों के साथ-साथ निवेशक आलोचना कर रहे हैं. यही कारण है कि आरबीआई, एसबीआई और बैंक ऑफ इंडिया सहित प्राइवेट सेक्टर के बैंकों द्वारा अडानी ग्रुप की कंपनियों को कर्ज देने पर सफाई देने के बाद अब एलआईसी को भी इस मामले पर चुप्पी तोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एमआर कुमार ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी के अधिकारी अडाणी समूह के शीर्ष प्रबंधन के साथ बैठक करेंगे और विभिन्न कारोबार से जुड़े समूह में संकट को लेकर स्पष्टीकरण मांगेंगे.
एलआईसी के चेयरमैन ने वित्तीय परिणाम की घोषणा के समय संवाददाताओं से कहा, ‘‘हालांकि, हमारी निवेशकों की टीम पहले ही अडाणी समूह ने स्पष्टीकरण मांग चुकी है, हमारा शीर्ष प्रबंधन उनसे इस मामले में संपर्क करेगा. हम अभी वित्तीय परिणाम को लेकर व्यस्त थे. हम जल्दी ही उनसे मिलेंगे और उनसे स्पष्टीकरण मांगेगे. हम समझना चाहते हैं कि बाजार और समूह के साथ क्या हो रहा है.’’
हालांकि, कुमार ने एलआईसी और अडाणी समूह के बीच बैठक को लेकर कोई समयसीमा नहीं बतायी.
LIC की अडानी ग्रुप कंपनियों में हिस्सेदारी
LIC के मुताबिक, अडानी समूह की सभी कंपनियों में पिछले कई सालों में खरीदी गई इक्विटी शेयर का कुल खरीद मूल्य 30,127 करोड़ रुपये है और 27 जनवरी 2023 को बाजार बंद होने तक इनका बाजार मूल्य 56,142 करोड़ रुपये था. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले इन शेयरों की कीमत 72,000 करोड़ रुपये थी.
एलआईसी की पहले ही अडानी एंटरप्राइजेस में 4.23 प्रतिशत हिस्सेदारी है. एलआईसी के पास अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन में 9 प्रतिशत, अडानी ट्रांसमिशन में 3.7 प्रतिशत, अडानी ग्रीन एनर्जी में 1.3 प्रतिशत और अडानी टोटल गैस लिमिटेड में 6 प्रतिशत शेयर हैं.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में क्या है?
बीते 24 जनवरी को अमेरिकी अमेरिकी रिसर्च फर्म और शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने ‘अडानी ग्रुपः हाउ द वर्ल्ड थर्ड रिचेस्ट मैन इज पुलिंग द लारजेस्ट कॉन इन कॉरपोरेट हिस्ट्री' नामक रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी परिवार द्वारा टैक्स हैवन देशों में नियंत्रित की जा रही ऑफशोर कंपनियों के माध्यम से भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी को अंजाम दिया जा रहा है. इसके साथ ही, ये शेल कंपनियां अडानी ग्रुप के शेयर के दाम बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं.
हालांकि, अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को ‘‘भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला’’ बताते हुए रविवार को कहा कि आरोप ‘‘झूठ के सिवाय कुछ नहीं’’ हैं.
शेयरों में जारी गिरावट का सिलसिला
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट जारी है. पब्लिक मार्केट्स में कारोबार के लिए आसानी से उपलब्ध अडानी समूह से जुड़े शेयरों की संख्या के बारे में मॉर्गन स्टैनली कैपिटल इंटरनेशन (MSCI) की समीक्षा की घोषणा के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में दो दिन जारी मजबूती एक बार फिर से टूट गई और 10 में से 9 कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही. अडाणी ग्रुप की मुख्य कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 11 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए.
वहीं, एमएससीआई द्वारा चार कंपनियों की फ्री फ्लोट वेटेज घटाने के बाद शुक्रवार को ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट लग गया है.
Edited by Vishal Jaiswal