Recykal के सहयोग से Licious बना प्लास्टिक न्यूट्रल ब्रांड

विश्व पर्यावरण दिन के अवसर पर पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए उचित रूप से बना 'रिस्पॉन्सिबली लिशियस'

भारत के प्रमुख मांस और सीफूड ब्रांड Licious ने प्लास्टिक न्यूट्रल होने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की, और 'रिस्पॉन्सिबली लिशियस' बनने के अपने प्रयासों को और मजबूत किया. विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर ब्रांड ने साझा किया कि उसने पहले से ही सस्टेनेबिलिटी पार्टनर Recykal के सहयोग से वित्तीय वर्ष 2022 के लिए प्लास्टिक न्यूट्रैलिटी प्राप्त करके इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. रिसाइकल सर्कुलरिटी और सस्टेनेबिलिटी में डिजिटल समाधान प्रदान करनेवाली एक कंपनी है.

रिसाइकल के प्लास्टिक न्यूट्रैलिटी के समाधान के साथ ब्रांड ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 530 मेट्रिक टन प्लास्टिक कचरे को सफलतापूर्वक पुनर्प्राप्त किया और उस वर्ष के लिए अपने प्लास्टिक फुटप्रिंट को मिटा दिया. अगर देखा जाए तो इस पहल के माध्यम से, लिशियस ने दुनिया के सबसे बड़े यात्री विमान एयरबस ए380 के वजन के बराबर प्लास्टिक कचरे को लैंडफिल में जाने से रोक दिया है. यह उल्लेखनीय परियोजना प्लास्टिक कचरे के उचित प्रबंधन में उल्लेखनीय कार्य कर लिशियस की पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को पूरा करने में प्रमुख भूमिका निभाती है.

इस पहल के तहत लिशियस ने निम्नलिखित प्रभाव पैदा किये है:

⦁ लगभग 1,49,154 mWh अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पन्न हुई

⦁ 3,210 घन मीटर पानी बचाया

⦁ CO2 के 355 मीट्रिक टन उत्सर्जन को कम किया

⦁ 4,94,000 लीटर तेल की बचत हुई

रिसाइकल किसी ब्रांड को प्लास्टिक न्यूट्रल के रूप में प्रमाणित करने के लिए तीन चरणों वाली प्रक्रिया का पालन करता है. सबसे पहले, अनिवार्य और स्वैच्छिक अनुपालन दोनों को ध्यान में रखते हुए, ब्रांड के प्लास्टिक फुटप्रिंट की गणना की जाती है. दूसरे चरण में, गणना किए गए फुटप्रिंट को रिसाइकल के डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सत्यापित किया जाता है. अंत में, रिसाइकल उस ब्रांड को पर्यावरण पर उसके प्रभाव को मिटाने के लिए समाधान प्रदान करता है. एक बार जब ब्रांड इम्पैक्ट रिकवरी टोकन प्राप्त कर लेता है, तो यह प्लास्टिक-न्यूट्रल के रूप में प्रमाणित हो जाता है.

रिस्पॉन्सिबली लिशियस होने के बारे में विस्तार से बताते हुए, लिशियस के चीफ सस्टेनेबिलिटी एंड क्वालिटी ऑफिसर राजेश के. ने कहा, "नए मानक स्थापित करना और उद्योग के लिए मानकों की उचाईयों को बढ़ाना यही तरीका हमेशा लिशियस द्वारा अपनाया जाता है. हम अपने परिचालनों में पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) मानकों को लागू करने में उद्योग जगत के अग्रणी रहे हैं. प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रल होने की हमारी प्रतिज्ञा स्थायी रूप से जिम्मेदार ब्रांड बनने की हमारी यात्रा में एक उपलब्धि है. हमें खुशी है कि इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हम रिसाइकल के डिजिटल रूप से पारदर्शी सस्टेनेबिलिटी समाधानों के माध्यम से #BeatPlasticPollution के वैश्विक प्रयासों में शामिल होकर अपनी भूमिका निभा रहे हैं. हमारा लक्ष्य एक उद्देश्य के साथ एक ब्रांड बनाने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है - एक ऐसा उद्देश्य जो मानव जाति और सृष्टि के हितों की रक्षा करता है.

रिसाइकल के संस्थापक और सीईओ अभय देशपांडे ने लिशियस को प्लास्टिक न्यूट्रैलिटी हासिल करने और ईपीआर अनुपालन से परे जाने के लिए बधाई देते हुए कहा, "हमें पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता हासिल करने में लिशियस की मदद करने के लिए गर्व महसूस हो रहा है. यह देखकर खुशी होती है कि लिशियस जैसे ब्रांड्स प्लास्टिक अपशिष्ट संकट को दूर करने और जिम्मेदार अपशिष्ट प्रबंधन को अपनाने की दिशा में एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाते हैं. यह साझेदारी इस बात का प्रमाण है कि जब हम एक समान लक्ष्य की दिशा में एक साथ काम करते हैं तो हम क्या हासिल कर सकते हैं, और हम लिशियस और अन्य कंपनियों के साथ अधिक स्थायी भविष्य बनाने के लिए सहयोग जारी रखने की उम्मीद करते हैं."

रिसाइकल भारत के 5% कचरे को एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था में चैनलाइज़ करने का एक स्पष्ट दृष्टिकोण रखता है. इस कंपनी ने टायर और बैटरी जैसी नई श्रेणियों में सफलतापूर्वक विस्तार किया है और इसका उद्देश्य प्लास्टिक, ई-कचरा और कागज को चैनेलाइज करने में अपनी सफलता को दोहराना है. इसके साथ साथ कई शहरी स्थानीय निकायों (ULB) और यहां तक कि राज्य स्तर पर डिपॉजिट रिफंड योजनाओं को लागू करना है. विकसित और विकासशील देशों द्वारा लागू की गई पर्यावरणीय नीतियों को मध्य नजर रखते हुए, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले 25 वर्षों में कूड़ा पुनर्चक्रण मात्रा और दायरे दोनों में बढ़ने के लिए तैयार है. रिसाइकल का मानना है कि रीसाइक्लिंग सबसे प्रस्थापित उद्योगों में से एक बनने की क्षमता रखता है.

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