क्रिप्टो क्लाउड माइनिंग ऐप के नाम पर 30 लोगों को लगाया 45 लाख का चूना
पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है. लोगों ने इसमें पैसे लगाकर बड़ा मुनाफा कमाया है. वहीं, कीमतों में गिरावट के चलते कईयों को नुकसान भी झेलना पड़ा है. लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र के सोलापुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां 30 लोगों से करीब 45 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है. खबरों के मुताबिक इन लोगों ने क्रिप्टो क्लाउड माइनिंग ऐप (Crypto Cloud Mining App) के जरिए पैसे लगाए थे.
इन लोगों ने क्रिप्टो क्लाउड माइनिंग ऐप के जरिये निवेश किया था. पुलिस ने शिकायतों के हवाले से यह जानकारी दी.
क्लाउड माइनिंग एक ऐसा मैकेनिज्म है. जिसके जरिए रेंटेंड क्लाउड कंप्यूटिंग पॉवर का इस्तेमाल करते हुए बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग की जा सकती है. इसके लिए रेंटेड क्लाउड कंप्यूटिंग पावर को इंस्टॉल करने की भी जरूरत नहीं होती है. इस कंप्यूटिंग पावर को संबंधित सॉफ्टवेयर पर सीधे चलाया जा सकता है.
पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, "निवेशकों से CCH Cloud Miner ऐप और क्रिप्टो लेन-देन ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहा गया था. उन्हें क्रिप्टो लेन-देन ऐप के जरिये अपनी भारतीय मुद्रा को डॉलर में परिवर्तित करने और CCH Cloud Miner ऐप में निवेश करने का लालच दिया गया था."
अधिकारी के मुताबिक, अब तक 31 लोगों ने पुलिस से संपर्क कर धोखाधड़ी की शिकायत की है. उन्होंने बताया कि कुछ निवेशकों को शुरुआत में भुगतान मिला था.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पुलिस निरीक्षक उदयसिंह पाटिल ने कहा, "हमने तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्होंने लोगों को बेहतर मुनाफा मिलने का लालच देकर ये ऐप डाउनलोड करने और रकम निवेश करने को कहा था. ये तीनों लोग सोलापुर में आभूषण के कारोबार से जुड़े हुए थे."
एक शिकायतकर्ता राम जाधव ने दावा किया कि उसने 4.28 लाख रुपये निवेश किए थे. जाधव के अनुसार, ऐप अब काम नहीं कर रहा और तीनों का कार्यालय भी बंद है.
सोलापुर पुलिस ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को फर्जी क्रिप्टो माइनिंग ऐप के जरिए ठगने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों को क्रिप्टो माइनिंग ऐप (Crypto Mining Apps) डाउनलोड करने के लिए कहा और निवेशकों को लाखों के रिटर्न का लालच दी. तीनों आरोपी सोलापुर में ज्वेलरी बेचने का बिजनेस चलाते हैं.
गौरतलब हो कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कई बार इस तरह की डिजिटल एसेट को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की है.
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