इच्छुक महिला आंत्रप्रेन्योर को आसान सूक्ष्म ऋण प्रदान करता है यह नया डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म Mahila Money
महिलाओं के लिए महिला-प्रथम सामुदायिक मंच, Sheroes के निर्माण के सात साल बाद, संस्थापक सायरी चहल का लक्ष्य अब एक मिलियन महिलाओं को उनकी उद्यमिता आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करना है, जिससे उन्हें उनकी जरूरत का वित्त और संसाधन मिल सके।
ऐसा करने के लिए, उन्होंने हाल ही में एक डिजिटल महिला बैंक Mahila Money लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य एक महिला की विकास आकांक्षाओं के बीच में आने वाली वित्तीय बाधाओं को पाटना है।
Sheroes के साथ, सायरी ने 25 मिलियन से अधिक का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है, जिसके तीन मुख्य उद्देश्य हैं- रोजगार, उद्यमिता और पूंजी तक पहुंच प्रदान कराना।
वे कहती हैं, “जब महामारी आई, तो बहुत से लोगों ने मदद के लिए हमारी ओर रुख किया. मैंने यूजर्स की मदद करने और यह समझने के लिए कि सिस्टम कैसे काम कर सकता है, मैंने अपनी जेब से कुछ सॉफ्ट लोन की पेशकश की. मैंने सोचा कि अगर मुझे अपना पैसा वापस मिल गया, तो हम इस पर और आगे बढ़ेंगे।”
यही कारण है कि महिला मनी का जन्म हुआ।
अच्छे उधारकर्ताओं को टारगेट करना
सायरी के अनुसार, महिलाएं बहुत अच्छी उधारकर्ता होती हैं, और यह Mahila Money के निर्माण में बहुत बड़ी प्रेरणा है।
प्लेटफॉर्म ग्रामीण भारत के किसानों, कारीगरों या महिलाओं को सेवा प्रदान नहीं करता है। इसके बजाय, यह उन महिलाओं की सेवा करता है जिन्हें माइक्रोफाइनेंस द्वारा सेवा नहीं दी जाती है।
वह बताती हैं: “अगर मैं कोई उदाहरण देकर आपको समझाऊं तो आप इंग्लिश विंग्लिश फिल्म में श्रीदेवी के कैरेक्टर के बारे में सोचिए। वह आकांक्षी है, उसका अपना एक व्यवसाय है, लेकिन कोई उसे पहचानता नहीं है। वह अपना व्यवसाय बढ़ा सकती है बशर्ते उसे सही संसाधन मिलें।”
महिला मनी वर्तमान में 10,000 रुपये से 2 लाख रुपये के बीच के टिकट साइज के साथ सूक्ष्म ऋण प्रदान करती है। लेकिन सायरी का कहना है कि लोन देने के साथ ही उनकी सेवाएं खत्म नहीं होती हैं।
वे कहती हैं, “जब एक महिला 'महिला बैंक प्लेटफॉर्म' से जुड़ती है, तो उसे अन्य महिला उद्यमियों के एक बड़े समुदाय तक भी पहुँच मिलती है, जो अपने व्यवसाय को बढ़ाने, चुनौतियों का सामना करने और अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने का तरीका सीखने में एक-दूसरे की मदद और मार्गदर्शन करती हैं और इस बारे में भी गाइड करती हैं कि क्यों आपके लिए एक अच्छा CIBIL स्कोर महत्वपूर्ण है, आदि।”
इस महिला बैंक ने बैंकों और एनएफबीसी जैसे Transcorp, visa, My Shubh Life, Avail Finance और Shivalik bank के साथ साझेदारी की है।
आसान और तनाव मुक्त प्रक्रिया
एक फॉर्म भरने और यूजर्स के आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट्स को स्कैन अपलोड करने में सिर्फ 10 मिनट लगते हैं। उन्हें 48 घंटों के भीतर 'हां' या 'नहीं' का जवाब मिलता है।
वे कहती हैं, “यह 100 प्रतिशत डिजिटल प्रक्रिया है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि परिवार के किसी सदस्य या पुरुष सदस्य को लाने की कोई आवश्यकता नहीं है, जो कि ज्यादातर बैंक अक्सर मांगते हैं। सबसे खास बात यह है कि महिलाएं अपने नाम पर कर्ज ले सकती हैं। हम आवेदक पर 120 डेटा पॉइंट लेते हैं, और अगर हमें उसकी क्रेडिट हिस्ट्री नहीं पता है, तो हम देखते हैं कि हम उसे लोन देने के लिए और क्या इस्तेमाल कर सकते हैं।”
जो लोग आवेदन प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाते हैं वे अपनी संभावनाओं को बेहतर बनाने और अपने फाइनेंशियल फुटप्रिंट को बेहतर बनाने के तरीके सीखने के लिए प्लेटफॉर्म में पहले से मौजूद समुदाय से जुड़ते हैं।
सायरी बताती हैं कि आमतौर पर लोन में 100 प्रतिशत तक चुका दिया जाता है, जिसमें ज्यादातर महिलाएं समय से पहले भुगतान करती हैं। यदि वे नहीं कर सकती हैं, तो वे यह भी सुनिश्चित करती हैं कि वे देरी के कारणों के बारे में बताएं।
अब तक, पूरे भारत में महिला उद्यमियों को 100 लोन वितरित किए गए हैं, और महिला मनी ने 1,50,000 महिलाओं का एक समुदाय बनाया है। सिस्टम कैसे काम करता है, इसको लेकर सायरी कुछ उदाहरण देती हैं।
वह कहती हैं, “हमारे पास शिलांग की एक कागज काटने वाली आर्टिस्ट है, जो पर्यटकों के लिए एक दुकान स्थापित करने के लिए लोन का इस्तेमाल कर रही है। हुबली में दो महिलाएं इस पैसे का इस्तेमाल अपने सौंदर्य व्यवसाय के विस्तार के लिए कर रही हैं। हाल ही में, हमने एक पुनर्विक्रेता (reseller) को उसके लिए एक लैपटॉप खरीदने के वास्ते लोन दिया है। एक अन्य ने इस पैसे को अपने ब्यूटी पार्लर के लिए लिया है, और इसके अलावा कुछ बेकर भी हैं जिन्होंने लोन लिया है। हमारी पैसे वापस करने की शर्तें भी बाजार में पेश की गई शर्तों से कम हैं।”
जहां सायरी खुद को महिला मनी की चीफ इंस्टिगेटर और चीफ ऑर्केस्ट्रेटर कहती हैं, वहीं सिद्धिका अग्रवाल और वैभव कथजू के रूप में उनके दो होनहार सह-संस्थापक हैं। सिद्धिका भारत की सबसे बड़ी सोने और चांदी की रिफाइनरी एमएमटीसी-पीएएमपी में सीईओ के ऑफिस का हिस्सा हैं। वह डिजिटल गोल्ड की संस्थापक टीम सदस्य थीं।
वैभव के पास बीएफएसआई में 18 वर्षों का एक लंबा अनुभव है और हाल ही में विश्व बीएफएसआई कांग्रेस द्वारा *100 शीर्ष सबसे प्रभावशाली बीएफएसआई नेताओं* में से एक के रूप में उन्हें मान्यता दी गई थी। उन्होंने ड्यूश बैंक, डीबीएस, ट्रांसयूनियन सिबिल और एचडीएफसी जैसी कंपनियों में भी काम किया।
महिला मनी में 12 लोगों की एक टीम काम करती है।
पिछले महीने के अंत में, महिला मनी ने महिलाओं से मिलने और उनकी वित्तीय आकांक्षाओं और चुनौतियों के बारे में बात करने के लिए अपना पहला रोड शो भी शुरू किया। मुंबई से यात्रा शुरू करते हुए, पहले चरण में पश्चिम भारत के छह शहर शामिल होंगे।
सायरी बताती हैं, "महिलाएं पहले से ही आर्थिक रूप से उत्सुक हैं और अगले स्तर पर जाना चाहती हैं जहां वे अधिक बचत कर सकें, अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंच सकें, अपना व्यवसाय बढ़ा सकें, अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ा सकें और एक पहचान बना सकें वो भी सब कुछ अपने दम पर। महिला मनी का लक्ष्य उन्हें उनके सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने में सहारा देने का है।"
Edited by Ranjana Tripathi