मिलें बायोटेक्नोलॉजी की उस छात्रा से, जो घर पर हैंड सैनेटाइजर का निर्माण कर बांट रही है जरूरतमंदों में

मिलें बायोटेक्नोलॉजी की उस छात्रा से, जो घर पर हैंड सैनेटाइजर का निर्माण कर बांट रही है जरूरतमंदों में

Thursday April 30, 2020,

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बायोटेक्नोलॉजी की छात्रा सिमर शर्मा घर पर हैंड सैनेटाइजर का निर्माण कर जरूरतमंदों में बाँट रही हैं।

सिमर शर्मा (चित्र: एडेक्स लाइव)

सिमर शर्मा (चित्र: एडेक्स लाइव)



वैश्विक कोरोनोवायरस संकट के कारण हैंड सैनिटाइजर और फेस मास्क जैसे उत्पादों की कमी लोगों को इन जरूरी समान का निर्माण करने के लिए प्रेरित कर रही है।


गुरुवार तक भारत में 33,255 COVID-19 मामले पाए गए हैं। इस बढ़ती संख्या ने अभूतपूर्व सामाजिक परिवर्तन लाए हैं, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव पड़ा है।


महामारी के बीच कोलकाता की सिमर शर्मा जो मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MIT) में एक तीसरी-वर्षीय स्नातक छात्रा हैं और बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रही है, वो वर्तमान परिस्थितियों के कारण बेहद अभावग्रस्त पीड़ितों की मदद करने के लिए अपनी तरफ से कुछ कर रही है। उन लोगों के पास हाइजेनिक स्थितियों तक उचित पहुंच नहीं है और वे लोग महंगा होने के चलते हैंड सैनेटाइजर नहीं खरीद सकती हैं।


सिमर ने आइसोप्रोपिल अल्कोहल, ग्लिसरॉल, आवश्यक तेलों और पानी के संयोजन का उपयोग करके घर पर 150 सैनिटाइज़र का उत्पादन किया। ऐसा करते समय उन्होने यह सुनिश्चित किया कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उल्लिखित सुरक्षा मानकों का पालन कर रही हैं। ये हाथ सैनिटाइज़र 80 प्रतिशत अल्कोहल-आधारित होते हैं और उचित देखभाल के साथ तैयार किए जाते हैं।


सिमर ने कोलकाता में अपने घर के काम करने वालों को दैनिक वेतन भोगी, सब्जी विक्रेताओं, मछली विक्रेताओं, क्वारंटाइन होम के साथ-साथ झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को को ये सैनेटाइजर वितरित किए हैं।


एडेक्स लाइव से बात करते हुए उन्होने बताया,

“मैंने इन्हे स्लम और जरूरी जगहों पर बांटने के लिए पुलिस का भी सहयोग किया है। अगले बैच के लिए मैंने केमिकल और बॉटल का ऑर्डर दे दिया है।”

उनकी पहल जारी रहने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से उन्हे  दान देना शुरू किया गया है। अब सिमर हैंड सैनेटाइजर का 600 लीटर अधिक उत्पादन करने जा रही हैं। वह अब अपने दूसरे बैच के निर्माण की दिशा में काम कर रही है। स्थानीय पुलिस के साथ सहयोग करते हुए सिमर सुनिश्चित कर रही है कि इन बोतलों को वहाँ वितरित किया जाए जहां सबसे ज्यादा जरूरत हो।


सिमर ने बंगाल टाइम्स को बताया,

“मेरे दोस्त जो इस काम में विश्वास करते हैं उन्होने ने डिजिटल भुगतान मोड के माध्यम से इस नेक काम के लिए अपनी पॉकेट मनी का योगदान दिया है। जब मैं समाज से बड़े पैमाने पर धन इकट्ठा करती हूं तो मैं एकत्र किए गए धन के लिए जवाबदेह बन जाती हूं। मुझे एकत्र किए गए धन का उपयोग करने को लेकर पारदर्शिता रखनी है।"

वर्तमान में सिमर अपनी नियमित ऑनलाइन कक्षाओं से गुजर रही है, लेकिन अपने खाली समय का उपयोग इंजीनियरिंग की कांसेप्ट को प्रकट करने के लिए उन तरीकों से कर रही है जो इस तरह के प्रयास के दौरान समाज की मदद कर सकते हैं।