वर्क फ्रॉम होम खत्म होने के बाद फॉर्मल कपड़ों, जूतों और कॉस्मैटिक्स की मांग में 125 फीसदी की बढ़त
कोविड और वर्क फ्रॉम होम ने बहुत सारे अलग-अलग बिजनेस को प्रभावित किया, लेकिन एक चीज जिस पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा, वो था कपड़ों, फुटवियर और एसेसरीज का बिजनेस.
वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बिलकुल नया है. कोविड महामारी के पहले कुछ इंटरनेशनल टेक कंपनियों को छोड़कर भारत की ज्यादातर कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम का कोई आइडिया ही नहीं था. लोग रोज सुबह उठकर, अच्छे कपड़े पहनकर, तैयार होकर दफ्तर जाने के लिए निकलते थे. लेकिन मार्च, 2020 में अचानक लगे लॉकडाउन के बाद ज्यादातर कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम हो गया.
वर्क फ्रॉम होम का यह सिलसिला एक-डेढ़ साल तक चला. लॉकडाउन खुलने, कोविड केसेज में कमी आने के बाद दफ्तर दोबारा खुलने लगे और लोग दोबारा रोज सुबह उठकर, तैयार होकर दफ्तर जाने लगे.
वर्क फ्रॉम होम ने बहुत सारे अलग-अलग बिजनेस को प्रभावित किया, लेकिन एक चीज जिस पर कोविड और वर्क फ्रॉम होम का सबसे ज्यादा असर पड़ा, वो था कपड़ों, फुटवियर और एसेसरीज का बिजनेस.
अब दफ्तर दोबारा खुलने के बाद फॉर्मल कपड़ों, जूतों और एसेसरीज के मार्केट में अचानक तेजी से उछाल आया है. रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस साल जुलाई में फॉर्मल कपड़ों और फुटवियर की बिक्री में पिछले साल की जुलाई के मुकाबले 48 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. कपड़ों, फुटवियर, एसेसरीज और कॉस्मैटिक्स के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मिंत्रा और मीशो की बिक्री में भी पिछले साल के मुकाबले पांच गुना की बढ़त दर्ज की गई है.
पैनडेमिक के दौरान लोग न सिर्फ ऑफिस नहीं जा रहे थे बल्कि अन्य तरीकों से भी उनकी आउटिंग बिलकुल खत्म हो गई थी. ऐसे में कपड़ों से लेकर, फुटवियर, बैग, घड़ी, कॉस्मैटिक्स और हर तरह के एसेसरीज की डिमांड भी कम हो गई थी. जीवन सामान्य होने के बाद इस बाजार ने एक बार फिर तेजी पकड़ ली है.
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट है कि वित्त वर्ष 2021-22 में आदित्य बिड़ला रिटेल में 55 फीसदी की बढ़त हुई है. अनुमान है कि मौजूदा वित्त वर्ष में दोबारा कंपनी का कुल मुनाफा 48 फीसदी तक बढ़ सकता है. सिर्फ आदित्य बिड़ला रीटेल ही नहीं, बल्कि फॉर्मल कपड़ों और फुटवियर के दूसरे नेशनल और इंटरनेशनल ब्रांड्स जैसे बाटा इंडिया, रेमंड आदि की बिक्री और मुनाफे में भारी बढ़त दर्ज हुई है.
ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म मीशो में इस अगस्त के महीने में ट्राउजर, ब्लेजर, शर्ट, कुर्ती जैसे फॉर्मल कपड़ों की मांग में 125 फीसदी का इजाफा हुआ है. कॉस्मैटिक्स जैसेकि लिप्सटिक, आइलाइनर, मॉश्चराइजर और सनस्क्रीन आदि उत्पादों की मांग भी 165 फीसदी बढ़ गई है. ये सब ऐसे प्रोडक्ट हैं, जिनकी जरूरत आपको तब नहीं होती, जब आप घर बैठे हों.
Edited by Manisha Pandey