मीट स्टार्टअप Licious ने खर्च में कटौती के चलते 80 कर्मचारियों को निकाला
पिछले साल YourStory को दिए एक इंटरव्यू में, Licious के फाउंडर ने कहा था कि कंपनी पैसे जुटाने के लिए निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी के पास अभी भी बैंक में 100 मिलियन डॉलर से अधिक है.
मीट यूनिकॉर्न लिशियस (
) ने खर्च में कटौती का हवाला देते हुए अपनी वर्कफोर्स का लगभग 3% या 80 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. कर्मचारियों को इसकी सूचना 9 फरवरी को दी गई.कंपनी ने नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को वित्त वर्ष 2024 के लिए परिवर्तनीय भुगतान के साथ दो महीने की सैलरी देने की पेशकश की है.
इस साल जनवरी तक, लिशियस अब उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला संचालन में 650 कॉर्पोरेट कर्मचारियों और 2,350 लोगों को रोजगार देता है.
कंपनी ने एक बयान में कहा, "नए विकास लीवरों को ध्यान में रखते हुए, हम अपने खर्च को कम करने पर दोबारा प्राथमिकता दे रहे हैं. ऐसा करते समय, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें कुछ कर्मचारियों से अलग होना पड़ेगा जो हमारी यात्रा का हिस्सा रहे हैं."
बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ने वित्त वर्ष 2023 में अपने रेवेन्यू में मामूली वृद्धि का अनुभव करते हुए अपने घाटे को कम किया. स्टार्टअप ने 528.6 करोड़ रुपये के घाटे की सूचना दी, जो पिछले वित्तीय वर्ष में समेकित आधार पर हुए 855.6 करोड़ रुपये के नुकसान से 38.2% कम है. इस बीच, इसके ऑपरेटिंग रेवेन्यू में 9.6% की वृद्धि हुई, जो वित्त वर्ष 2023 में 747.8 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 22 में यह 682.6 करोड़ रुपये था.
लिशियस ने कहा कि वह 900 करोड़ रुपये के वार्षिक रेवेन्यू रन रेट पर नज़र रख रहा है.
पिछले साल YourStory को दिए एक इंटरव्यू में, Licious के फाउंडर ने कहा था कि कंपनी पैसे जुटाने के लिए निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी के पास अभी भी बैंक में 100 मिलियन डॉलर से अधिक है.
विवेक गुप्ता और अभय हंजुरा द्वारा 2015 में स्थापित, Licious मीट डिलीवरी सेक्टर में काम करता है. इसने अब तक मोहनदास पई, कंवलजीत सिंह और Mayfield Fund जैसे निवेशकों से लगभग 490 मिलियन डॉलर जुटाए हैं.
(Translated by: रविकांत पारीक)