मिलें Fortune की वर्ल्ड्स 50 ग्रेटेस्ट लीडर्स की लिस्ट में जगह बनाने वाली भारतीय डॉक्टर अपर्णा हेगड़े से
अरमान (ARMMAN) की संस्थापक, डॉ अपर्णा हेगड़े भारत सरकार के साथ साझेदारी के तहत दुनिया भर में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए सबसे बड़ा मोबाइल आधारित मातृ संदेश कार्यक्रम और प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही हैं।
"डॉ अपर्णा को फॉर्च्यून की दुनिया के 50 महानतम नेताओं की प्रतिष्ठित 2021 की लिस्ट में शामिल किया है। वह लिस्ट में 15वें स्थान पर हैं, जिसमें व्यापार, सरकार, परोपकार और कला के क्षेत्र से दुनिया भर के पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया है। इस लिस्ट में वे नाम हैं जो दुनिया को बदल रहे हैं और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।"
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध यूरोगायनेकोलॉजिस्ट और रिसर्चर डॉक्टर अपर्णा हेगड़े, एनजीओ ARMMAN (एडवांसिंग रिडक्शन इन मोर्टेलिटी एंड मोरबिडिटी ऑफ मदर्स चिल्ड्रन एंड न्योनेटेस्) की संस्थापक और चेयरपर्सन हैं। वह हेल्थकेयर और हेल्थटेक जैसे दोनों क्षेत्रों में निर्बाध रूप से काम कर रही हैं।
जैसा कि दुनिया COVID-19 के कारण हुई तबाही से जूझ रही है, डॉ अपर्णा के नेतृत्व में ARMMAN ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को सबसे पहले रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पहलें शुरू की हैं।
उनके इस प्रयास ने डॉ अपर्णा को फॉर्च्यून की दुनिया के 50 महानतम नेताओं की प्रतिष्ठित 2021 की लिस्ट में शामिल किया है।
वह लिस्ट में 15 वें स्थान पर हैं, जिसमें व्यापार, सरकार, परोपकार और कला के क्षेत्र से दुनिया भर के पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया है। इस लिस्ट में वे नाम हैं जो "दुनिया को बदल रहे हैं और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं"।
योरस्टोरी के साथ बातचीत में डॉक्टर अपर्णा बताती हैं,
"मैं इस बात को लेकर काफी विनम्र हूं कि यह सम्मान ARMMAN के काम के लिए मिला है और मातृ-शिशु स्वास्थ्य के मुद्दे पर लोगों का ध्यान आकर्षित करता है। यह सम्मान इस बात पर भी अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करता है कि आखिर गर्भवती महिलाओं, माताओं और बच्चों को बेहतर जीवन कैसे मिले।"
कहानी तब शुरू हुई थी जब डॉक्टर अपर्णा मुंबई के सायन अस्पताल में रेजीडेंसी कर रही थीं, जहां वह पहले रेजिडेंट डॉक्टर थीं और फिर लेक्चरर।
वह कहती हैं,
"मैंने बहुत बारीकी से देखा कि कैसे व्यापक प्रणालीगत समस्याओं के कारण माताओं और बच्चों की जान चली गई, जिसे पूरी तरह से रोका जा सकता है।"
वह बताती हैं, "ARMMAN की शुरुआत तब हुई जब मैं अमेरिका में अपनी मेडिकल ट्रेनिंग पूरी कर रही थी।" अपर्णा को बहुत पहले ही इस बात का एहसास हो गया था कि अगर वह लोगों की जिंदगियों को प्रभावित करना चाहती हैं, तो उन्हें समुदाय में जाने और जमीनी स्तर पर शुरुआत करने की जरूरत है।
वह कहती हैं,
"हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत थी कि समस्याओं को बहुत पहले ही पहचान लिया जाए ताकि लोग तब न आएं जब बहुत देर हो चुकी हो। हमारा लक्ष्य मातृ-बाल मृत्यु दर और बीमारी में कमी लाना है।”
ग्रामीण भारत में स्मार्टफोन के प्रवेश के साथ, अरमान ने वंचित समुदायों तक पहुंचने के लिए कई टेक्नोलॉजी आधारित कार्यक्रम शुरू किए।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए टेक्नोलॉजी
गैर-लाभकारी संगठन अरमान सरकार के साथ साझेदारी में, दुनिया में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए सबसे बड़ा मोबाइल-आधारित मातृ संदेश कार्यक्रम और सबसे बड़ा मोबाइल-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है।
अरमान के कार्यक्रम 24 मिलियन से अधिक महिलाओं और बच्चों तक पहुँच चुके हैं और 17 राज्यों में 170,000 से अधिक फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया है। डॉक्टर अपर्णा बताती हैं कि यह कैसे काम करता है।
वह कहती हैं,
"हमारा विजन हर महिला को सशक्त बनाने का है और स्केलेबल समाधान बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाकर हर बच्चे को स्वस्थ बनाने का प्रयास करना है। हम ऐसी टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं जो स्वास्थ्य देखभाल की प्रथाओं को प्रभावित करने और स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच में सुधार करने के लिए किफायती हैं।"
mMitra, अरमान की एक निःशुल्क मोबाइल वॉयस कॉल सर्विस है। इसके द्वारा पहले से एनरॉल की गई महिलाओं के फोन नंबर पर गर्भावस्था और शैशवावस्था के दौरान उनकी चुनी हुई भाषा और समयावधि में समयबद्ध और लक्षित निवारक देखभाल की जानकारी सीधे साप्ताहिक या द्वि-साप्ताहिक भेजी जाती है।
डॉ अपर्णा कहती हैं कि यह सर्विस महिलाओं के किसी भी प्रश्न या समस्या के निवारण का काम करती है। दूसरी ओर, यह संगठन एक मोबाइल अकादमी कार्यक्रम भी चलाता है। यह एक प्रजनन मातृ, नवजात और बाल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम है जिसे आशा कार्यकर्ताओं के जीवन रक्षक निवारक स्वास्थ्य व्यवहार के ज्ञान को प्रशिक्षित करने और नई और गर्भवती माताओं और उनके परिवारों के साथ उनके जुड़ाव की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए डिजाइन किया गया है।
यह कार्यक्रम आईवीआर तकनीक का उपयोग करता है, जो हैंडसेट-इंडिपेंडेंट, ऑडियो-बेस्ड है, और इसे एक साधारण वॉयस कॉल द्वारा एक्सेस किया जा सकता है। इस कोर्स में 33 महीने शामिल हैं - जो गर्भावस्था से लेकर बच्चे के दो साल की उम्र को कवर करता है।
वह कहती हैं,
“हम तेलंगाना में एक बहुत व्यापक कार्यक्रम चला रहे हैं, जहां हम न केवल प्रत्येक कैडर स्तर के लिए प्रोटोकॉल बना रहे हैं बल्कि उन्हें प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। इसके तहत जूम के जरिए सुपर स्पेशलिस्ट, मेडिकल ऑफिसर और सहायक नर्स-दाइयों को ट्रेनिंग दी जाती है। हमारे पास जल्द ही वीडियो और इंटरेक्टिव क्विज के साथ मल्टीमीडिया कंटेंट वाला एक लर्निंग ऐप होगा।”
वह कहती हैं कि यह टेक और टच का संयोजन है जिसके शानदार रिजल्ट्स मिले हैं। ग्रामीण महाराष्ट्र में यूकेएआईडी द्वारा समर्थित एक रेंडम कस्टमाइज्ड क्लस्टर ट्रायल में, एनजीओ ने पाया कि जब महिलाओं को सूचित किया जाता है, तो वे न केवल ध्यान देती हैं, बल्कि उस बात आगे के लिए भी याद कर लेती हैं, और बदले में, व्यवहारिक परिवर्तन होता है, जिससे स्वस्थ परिणाम प्राप्त होते हैं।
सेवाओं तक पहुंच न पाने वाली महिलाओं की तुलना में एक वर्ष के अंत में अपने जन्म के वजन को तीन गुना करने वाले शिशुओं की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
महामारी के बीच चुनौतियां
COVID-19 महामारी के कारण हेल्थकेयर सिस्टम बुरी तरह ध्वस्त हो गया, लेकिन ARMMAN ने मौजूदा बुनियादी ढांचे का लाभ उठाना जारी रखा और सरकार और लगभग 40 गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर अपर्याप्त सुविधाओं वाले क्षेत्रों में महिलाओं तक पहुंचने के लिए सहयोग किया।
वह बताती हैं, “जब अस्पताल COVID देखभाल केंद्र बन गए, तो गर्भवती महिलाएं और नई माताएं वहां तक नहीं जा सकती थीं, या उनके रहने का एरिया कंटेनमेंट जोन बन गए, तो ऐसे में हमारे कार्यक्रमों ने उनकी बहुत मदद की। हमारे पास डॉक्टरों द्वारा संचालित एक वर्चुअल क्लिनिक था जो एक दिन में लगभग 200 कॉल लेता था। हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के नेटवर्क ने ग्रामीण भारत में भी महिलाओं को सही जानकारी देने में मदद की।”
ARMMAN लगभग 300,000 गर्भवती महिलाओं और माताओं तक पहुँचा और इस अवधि के दौरान 67,000 से अधिक महिलाओं को लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की जैसे कि, अल्ट्रासाउंड के लिए कहाँ जाना है, एम्बुलेंस कैसे प्राप्त करें और कार्यरत अस्पतालों के बारे में जानकारी भी प्रदान की।
इस अवधि के दौरान, डॉ अपर्णा ने मुंबई के कामा अस्पताल में एक COVID-वार्ड स्थापित करने में भी मदद की, जो एक नामित मातृ एवं शिशु अस्पताल है जो वंचित महिलाओं और बच्चों की सेवा करता है।
स्वास्थ्य सेवा पहले
एक फुल-टाइम यूरोगायनेकोलॉजिस्ट और रिसर्चर व अरमान की संस्थापक के रूप में, डॉ अपर्णा के दिन व्यस्त रहते हैं। उनका दृष्टिकोण साइंस, सर्विस और रिसर्च के इर्द-गिर्द केंद्रित है।
वह कहती हैं, "मेरे लिए, यूरोगायनेकोलॉजी उस बीमारी का इलाज करता है जिसे ARMMAN रोकने की कोशिश करता है।"
वह अपने दिन की शुरुआत 4.30 बजे करती हैं, और कुछ एक्सरसाइज के बाद, वह रिसर्च, रीडिंग या ARMMAN के लिए स्ट्रेटजी के साथ दिन भर लगी रहती हैं। वह कामा अस्पताल में फ्री में अपनी सेवाएं भी देती हैं, बीच-बीच में मीटिंग करती हैं और दोपहर में अपनी निजी प्रैक्टिस के लिए जाती हैं। शाम फिर से मीटिंग्स से भर जाती है, और उनका दिन रात 11 बजे तक खत्म हो जाता है। डॉ अपर्णा मानती हैं कि हम सभी को दूसरी लहर का अनुमान लगा लेना चाहिए था।
वह कहती हैं,
“यह स्पष्ट था कि जिस क्षण भारत खुला, उसे वापस आना ही था। हमें अन्य देशों के बारे में भी जानकारी थी जो अलग-अलग (कोरोना) लहरों से गुजर रहे थे, और हमने इसके लिए कोई योजना नहीं बनाई थी।”
वह जल्दी से जल्दी टीकाकरण कराने की वकालत करती हैं और लोगों को इसके आसपास के मिथकों के आगे न झुकने की सलाह देती हैं। भविष्य में, वह ARMMAN के साथ गहन कार्यक्रम बनाने पर विचार कर रही है और उम्मीद करती है कि हर साल 15 मिलियन महिलाओं को प्रासंगिक और समय पर जानकारी मिले।
Edited by Ranjana Tripathi