कैसे कृषि-उपज के परीक्षण में मानवीय त्रुटियों को कम करने के लिए तकनीक का लाभ उठा रहा है यह स्टार्टअप
हैदराबाद स्थित नेबुला (Nebulaa) एक एग्रीटेक स्टार्टअप है जो अपने पेटेंट प्रोडक्ट - MATT का इस्तेमाल करके कृषि उत्पादों की गुणवत्ता परीक्षण की समस्या को हल करने में मदद करता है।
टेक्नोलॉजी की बदौलत शहर में जिंदगी यहां के लोगों के लिए अधिक आरामदायक हो गई है। लेकिन उनका क्या जो भारत के गांवों में रहते हैं?
तन्मय सेठी, योगेश कुमार गुप्ता और मोहित दधीच, ये सभी IIT जोधपुर के पूर्व छात्र हैं। ये लोग हमेशा ग्रामीण लोगों की जीवन शैली में सुधार के प्रयास में कृषि क्षेत्र की खोज के लिए उत्सुक थे, और इसने उन्हें 2016 में हैदराबाद में नेबुला शुरू करने के लिए प्रेरित किया।
स्टार्टअप का उद्देश्य कृषि उपज की क्वालिटी टेस्टिंग यानी गुणवत्ता परीक्षण की समस्या को हल करना है। दरअसल यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जो अक्सर बहुत धीमी होती है और काफी गलती की गुंजाइश रहती है व हाथों से की जाने वाली प्रक्रिया होती है। 2016 तक यह कृषि उपज के ई-ट्रेड को सक्षम करने में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक थी।
तन्मय कहते हैं,
“दुनिया भर में, कृषि उपज का परीक्षण प्रशिक्षित केमिस्ट द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रति परीक्षण लगभग 30-45 मिनट लगते हैं। यह प्रक्रिया मानवीय व्यक्तिपरकता के उन्मुख है, जिसमें गलत परिणाम देने की गुंजाइश बनी रहती है।”
समाधान खोजना
इस चुनौती का समाधान खोजने के लिए सभी तीन इंजीनियरों ने MATT नामक एक पेटेंट प्रोडक्ट डेवलप किया। यह केवल एक मिनट में क्वालिटी एनालिसिस करने के लिए AI और इमेज प्रोसेसिंग का इस्तेमाल करता है, लेकिन यह बहुत अधिक सटीक रूप से काम करता है।
तन्मय कहते हैं,
“MATT का उपयोग करके, हम एक सुरक्षित डिजिटल टेस्टिंग नेटवर्क बना रहे हैं जिसके माध्यम से एक टेस्ट के रिजल्ट्स को दूर-दूर के स्थान पर बैठे खरीदार द्वारा वेरीफाई किया जा सकता है। इस तरह, हम खरीदार और विक्रेता (किसान) दोनों को वैज्ञानिक मानकों के आधार पर उत्पाद की गुणवत्ता का आकलन करने और फिर व्यापार निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं।”
वह बताते हैं कि MATT आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-बेस्ड बैकएंड का एक अनूठा प्रस्ताव पेश करता है। MATT का एल्गोरिथ्म इस बात की नकल करने की कोशिश करता है कि मानव मस्तिष्क किसी की कैसे पहचान करता है।
तन्मय कहते हैं,
“औसतन, MATT की प्रत्येक गणना में लगभग एक मिलियन पैरामीटर शामिल होते हैं जो इसे अनाज पर किसी भी प्रकार के भौतिक दोष को कवर करने में सक्षम बनाते हैं। MATT कोई भी ऐसा विजुअल एनालिसिस कर सकता है जो मानव विशेषज्ञ द्वारा किया जा सकता है।”
एक टेक प्रोडक्ट ही क्यों?
प्रोडक्ट को कई कैमरों का इस्तेमाल करके कई साइड्स से अनाज के प्रत्येक दाने का विश्लेषण करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस प्रकार यह अनाज के किसी भी तरफ मौजूद किसी भी त्रुटि का पता लगा सकता है। तन्मय कहते हैं कि पारंपरिक परीक्षण और अन्य मशीनें, MATT के विपरीत, केवल एक साइड के एनालिसिस पर निर्भर करती हैं।
MATT यूजर्स को सभी आवश्यक मापदंडों के परीक्षण में भी मदद करता है। यह कलर, साइज, शेप, बनावट, पैटर्न आदि से लेकर किसी भी प्रकार की भौतिक त्रुटि का पता लगा सकता है।
वह कहते हैं,
“हमारी एआई तकनीक का उपयोग करके, हम अनाज के लिए विभिन्न प्रकार के विश्लेषण करने में भी सक्षम हैं, जो खरीदारों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पैरामीटर है। इसके साथ ही, MATT विभिन्न त्रुटियों की गिनती और वजन योगदान को कवर करते हुए एक व्यापक रिपोर्ट देता है। इसमें एक सत्यापन योग्य रिपोर्ट भी शामिल है जिसमें प्रत्येक व्यक्तिगत त्रुटि के बारे में जानकारी होती है जो यह सुनिश्चित करती है कि सभी हितधारक परिणामों को खुद से सत्यापित कर सकें।”
तन्मय कहते हैं कि पूरी तकनीक के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इसे नॉर्मल सिस्टम पर ऑफलाइन चलाने के लिए कस्टमाइज किया गया है।
वह कहते हैं,
"यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हम देश के सबसे दूरस्थ ऐसे वातावरण में भी इसे चला सकें जहां आज भी इंटरनेट एक चुनौती है। हार्डवेयर को भी इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह देश भर में मौसम की स्थिति को शून्य डिग्री से लेकर राजस्थान के चिलचिलाती तापमान तक का सामना कर सकता है।”
चुनौतियां
तीनों के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस तरह के समाधान को विकसित करने के लिए टेक्नोलॉजी डेवलप करना था। उन्होंने पाया कि स्टार्टअप से लेकर शैक्षणिक संस्थानों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों तक कई संस्थानों ने इस समस्या को हल करने की कोशिश की है, लेकिन वे कुछ तकनीकी चुनौतियों का समाधान नहीं कर पाए हैं।
तन्मय कहते हैं,
"हमारी विभिन्न विषयों पर पकड़ रखने वाली टीम के साथ हम प्रोडक्ट की कल्पना करने और वास्तव में इसे भारत जैसे देश के लिए लागू करने में सक्षम हैं।"
जब टीम ने कृषि को डिजिटाइज करने के आइडिया को एक्सप्लोर करना शुरू किया, तो उन्होंने महसूस किया कि किसी भी डिजिटल व्यापार के लिए, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि खरीदार व्यापार स्थान पर भौतिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता के बिना खरीद कर सकता है।
वह कहते हैं,
“हमने बड़े व्यवसायों द्वारा खरीद के मौजूदा मॉडल का भी पता लगाया, जहां परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा किया जाता है, लेकिन हमने यह महसूस किया कि यह छोटे किसानों के लिए व्यावहारिक नहीं है क्योंकि उनकी संख्या बहुत अधिक है। चुनौती यह भी है कि पीक सीजन के दौरान सैकड़ों किसान अपनी उपज विभिन्न गांवों में लाते हैं, बहुत ज्यादा विविधता है।”
इसी को ध्यान में रखते हुए तीनों ने कृषि उत्पाद की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए एक तकनीकी समाधान तलाशना शुरू किया। तन्मय कहते हैं कि यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि विकसित देश भी गुणवत्ता परीक्षण के लिए मैन्युअल मूल्यांकन का उपयोग कर रहे थे।
राजस्व और संचालन
टीम ने 2018 के अंत में MATT का व्यावसायीकरण शुरू किया था। तब से, वे देश भर में 250 से अधिक मशीन तैनात कर चुके हैं।
तन्मय कहते हैं,
"हमने हाल ही में अपना पहला एक्सपोर्ट किया है। हमने एक बड़े प्रसंस्करण उपकरण निर्माता बहुराष्ट्रीय कंपनी को उनकी मशीनों में वास्तविक समय परीक्षण के लिए अपने परीक्षण लाइसेंस का व्यावसायीकरण भी किया है। यह हमारे उत्पाद की उपयोगिता का एक नया आयाम है।" उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये का कारोबार किया।
वर्तमान में, डिवाइस को बाजार में स्थापित करने के लिए, उनके पास दो रेवेन्यू मॉडल हैं। पहला है लैब्स के लिए प्रोडक्ट के रूप में डिवाइस उपलब्ध कराना, और दूसरा, बड़ी मात्रा में उद्योगों को डिवाइस उपलब्ध कराना। उनके पास सर्विसेज का भी विकल्प है, जहां वे खरीद के समय MATT का उपयोग करके खरीदार को गुणवत्ता परीक्षण सेवाएं प्रदान करते हैं।
तन्मय ने सीड कंपनी, फीड कंपनी, एफएमसीजी, मिलर्स, एक्सपोर्टर्स, प्रोसेसर्स और रिटेल चेन से लेकर उद्योगों में अपना क्लाइंट बेस फैलाया है।
वह कहते हैं,
"हम एपीएमसी (मंडी), और सिविक सप्लाई में सरकार के लिए एक प्रमुख गुणवत्ता परीक्षण सेवा प्रदाता भी रहे हैं। हमारी लागत आम तौर पर अनुकूलन का एक कारक है। हम समझते हैं कि प्रत्येक ग्राहक की अपनी परीक्षण आवश्यकताएं होती हैं जो इंडस्ट्री के उनके अनुभव से आती हैं। इसलिए, हम इसे तैयार करते समय उनकी जरूरत को ध्यान में रखते हैं, और उनके लिए कस्टम डिवाइस तैयार करते हैं। यह उनके लिए हमारी प्रमुख ऑफरिंग में से एक रही है।”
बाजार और भविष्य
EY की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक एग्रीटेक मार्केट के 24 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। रिपोर्ट के अनुसार, एग्रीटेक कंपनियों ने अप्रैल 2020 तक 532 मिलियन डॉलर जुटाए थे। एक ही स्पेस में कई स्टार्टअप हैं जैसे - DeHaat, Gramophone, Tartan Sense, इंटेलो लैब्स, सेंसग्रास, आदि।
नेबुला ने 2017 में हैदराबाद स्थित कृषि केंद्रित संगठन- स्वसा एग्रो से सीड फंडिंग जुटाई है। तन्मय का कहना है कि जो बात उन्हें सबसे अलग करती है, वह यह कि कंपनी काफी हद तक कृषि उत्पादों के भौतिक परीक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
वह कहते हैं,
"हमने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए अपना उत्पाद विकसित किया है कि हमारे परिणामों से लाखों रुपये का व्यापार हो सकता है। इस संबंध में, जहां हमारे प्रतिस्पर्धियों ने एक हाथ से इस्तेमाल की जाने वाली मोबाइल-आधारित सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया है, तो वहीं हमने एक औद्योगिक ग्रेड मशीन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है जो सटीक और विश्वसनीय परिणाम दे सकती है। हम अपनी आवश्यकताओं पर अडिग रहे हैं कि हमारे परिणाम व्यापार निर्णय लेने के लिए हितधारकों के बीच विश्वास पैदा करने में सक्षम हों।”
उन्होंने आगे कहा कि उनका दृष्टिकोण इंडस्ट्री को और विकसित करना है ताकि सभी स्तरों पर गुणवत्ता-आधारित व्यापार पर जोर दिया जा सके। एक बार जब प्राथमिक बाजार में यह विजन हासिल कर लिया जाएगा है, तो तन्मय कहते हैं कि वे इसे अंतिम उपभोक्ता तक भी विस्तारित कर सकते हैं।
मुख्य आइडिया प्राथमिक बाजारों - मंडियों, एफएमसीजी, आदि में विस्तार करना है। एक बार जब टीम को कई उद्योगों की आवश्यकता होती है, तो वे एक किसान या व्यापारी को उनकी उपज की गुणवत्ता के आधार पर संबंधित उद्योग से मिला सकते हैं।
वह कहते हैं, "इस तरह नेबुला एक मैकेनिज्म बना सकता है जहां हम किसी भी उत्पाद की सर्वोत्तम उपयोगिता प्राप्त करते हैं।"
वे कहते हैं,
“हम भारत से परे अपने संचालन को बढ़ाने का भी इरादा रखते हैं, क्योंकि दुनिया भर में गुणवत्ता परीक्षण मैन्युअल रूप से किया जाता है और अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं के लिए भी मैट को अनुकूलित किया जा सकता है। हमने इस साल अपना पहला निर्यात किया है और अपने उत्पाद के लिए सीई और एफडीए प्रमाणन प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं।”
Edited by Ranjana Tripathi