मेलिसा रॉय: दुनिया में हर देश का दौरा करने वाली पहली दक्षिण एशियाई महिला, जानिए उन्होंने खुद के दम पर कैसे किया ये कारनामा
रॉय ने 30 साल की उम्र से पहले 100 देशों और सभी सात महाद्वीपों का दौरा किया, अंटार्कटिका में अपना 30 वां जन्मदिन मनाकर एक उपलब्धि हासिल की। चार साल बाद, वह अब दुनिया के हर देश की यात्रा करने वाली वह पहली दक्षिण एशियाई महिला हैं।
अगर मेलिसा रॉय नाम की ये महिला आपको किसी भी होटल के कमरे में या किसी अजनबी के घर में सोफे पर सर्फिंग करते नजर आएं तो ज़नाब चौंकिएगा नहीं।
रॉय ने 30 साल की उम्र से पहले 100 देशों और सभी सात महाद्वीपों का दौरा किया, अंटार्कटिका में अपना 30 वां जन्मदिन मनाकर एक उपलब्धि हासिल की। चार साल बाद, वह अब दुनिया के हर देश की यात्रा करने वाली पहली दक्षिण एशियाई महिला हैं।
इससे भी अधिक दिलचस्प बात यह है कि 34 वर्षीय मेलिसा ने अपने खुद के खर्च पर पुरी दुनिया की यात्रा की है। जहां आज के जमाने में ऐसा करने वाले ज्यादातर लोगों को कोई-ना-कोई ब्रांड स्पोसंर करता है।
तो चलिए हम आपको ले चलते हैं कि मेलिसा रॉय के साथ दुनिया की रोमांचकारी सैर पर, मेलिसा की कहानी उन्हीं की जुबानी...
मेलिसा कहती हैं,
‘‘मैं बचपन से ही नई जगहों का पता लगाने के लिए तरस रही थी। मुझे घर पर रहना कभी पसंद नहीं था। मैं हमेशा बाहर रहना चाहती थी और दुनिया को एक्सप्लोर करना चाहती थी।’’
कॉलेज के दौरान शुरू किया सफर
मेलिसा ने अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स (Buenos Aires) में जब अपनी कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी तब वह जानती थी कि एक दिन वह अपने दम पर दुनिया घूमेंगी। जब अधिकांश छात्र अपने शीतकालीन अवकाश के लिए घर गए, रॉय ने दक्षिण अमेरिका की ओर अपना रुख किया।
अपनी यात्रा के बारे में मेलिसा कहती हैं,
‘‘मुझे जैसे ही दुनिया की यात्रा करने का ख्याल आया, मैंने बस हर जगह की यात्रा की। पेरू, चिली, बोलीविया, ब्राजील, माचू पिच्चू - मेरे ज़हन से यात्रा करने का यह ख्याल कभी नहीं गया।’’
उन्हें यात्रा करना इतना पसंद था कि उन्होंने अपने कॉलेज के फाइनल ईयर के एक सेमेस्टर की पढ़ाई समुद्र में रहते हुए की।
वे कहती हैं,
‘‘मैं 1,000 छात्रों के साथ एक विशाल क्रूज जहाज पर रही और दुनिया भर के खूबसूरत और रोमांचक नजारों का आनंद लिया। हम 100 दिनों में 12 देशों में गए और दुनिया के सभी आश्चर्यों को देखा।’’
जुनून पूरा करने के लिए निवेश और नौकरी
ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद, मेलिसा ने शेयर बाजार में निवेश किया और अपने रोमांच को पूरा करने के लिए अभिनय की नौकरी की।
यहां तक कि उनके विज्ञापनों में भी यात्रा के प्रति उनके प्यार का आभास होता है, जैसे कि उन्होंने एलेक बाल्डविन (Alec Baldwin) के सहायक की भूमिका निभाई थी क्योंकि वह एक हवाई अड्डे से चलते हैं और एक विमान में सवार होते हैं।
अपनी यात्रा के जुनून को पुरा करने के अपने प्लान के बारे में बताते हुए वे कहती हैं,
‘‘मैं एलए (लॉस एंजेलिस) वापस जाऊंगी, हॉलीवुड में काम करूंगी, विज्ञापन करूंगी, पैसे बचाऊंगी और फिर यात्रा करूंगी।’’
29 की उम्र में 66 देशों की यात्रा
जब वह 29 साल की हुई, तब तक वह दुनियाभर के 66 देशों की यात्रा कर चुकी थी। उन्होंने अपने अगले जन्मदिन तक 100 देशों तक पहुँचने की कोशिश करने का फैसला किया।
वे बताती हैं,
‘‘मुझे 30 साल की उम्र में एक मिडलाइफ़ संकट सा महसूस हो रहा था, और मैं सोच रही थी कि, मैंने शादी नहीं की है, मेरे बच्चे नहीं हैं, मुझे 30 साल की उम्र से पहले कुछ रोमांचकारी करना चाहिए।’’
इसके बाद रॉय जल्द ही देशों के भ्रमण की अपनी यात्रा पर चली गई। इस दौरान उन्होंने हर एक देश में कम से कम चार या पाँच दिन बिताए।
काउचसर्फिंग साइट से मिला लाभ
रॉय ने होमस्टे साइट काउचसर्फिंग के माध्यम से दुनिया भर के स्थानीय लोगों के घरों में मुफ्त आवास पाया।
काउचसर्फिंग के बारे में बताते हुए रॉय कहती हैं,
‘‘काउचसर्फिंग अच्छा है क्योंकि आपको स्थानीय दृष्टिकोण मिलता है। यह एक देश में वीआईपी मेजबान होने जैसा है।’’
अपने स्थानीय मेजबानों से दोस्ती करके, उन्होंने प्रत्येक गंतव्य में अपने छोटे प्रवास को अच्छा अनुभवी किया।
मेलिसा कहती हैं,
‘‘दो सप्ताह तक रुकने के बजाय तीन दिनों में स्थानीय लोगों के साथ जुड़ना एक पूर्ण अनुभव है।’’
बनी प्रमाणित गोताखोर
अपनी यात्रा के दौरान वह पनामा में एक प्रमाणित गोताखोर भी बन गई।
डाइविंग प्रशिक्षकों के पेशेवर एसोसिएशन द्वारा प्रमाणित होने के लिए, रॉय को 60 लॉग इन डाइव और सीपीआर और प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण पूरा करना था।
कोलंबिया से वेनेजुएला तक पैदल यात्रा
देशों की अपनी लंबी यात्रा के दौरान, उन्होंने कोलंबिया से वेनेजुएला तक पैदल चलकर कुख्यात तनावपूर्ण सीमा पार की।
आपको बता दें कि वेनेजुएला के राजनीतिक और आर्थिक संकटों के बीच बढ़ते तनाव के कारण पिछले कुछ वर्षों में सीमा को कई बार बंद कर दिया गया है।
मध्य-पूर्वी देशों की यात्रा, अफगानिस्तान में मनाया जन्मदिन
मेलिसा रॉय ने मध्य पूर्व में बहरीन, कुवैत, कतर और अन्य देशों का दौरा किया। वह 2019 में मध्य पूर्व में लौटीं, जहां उन्होंने अफगानिस्तान में अपना 34 वां जन्मदिन मनाया।
नई जगहों को तलाशना है पसंद
वे कहती हैं,
‘‘मुझे वास्तव में उन जगहों और स्थानों को देखना पसंद हैं जो लोगों की पहुंच और नज़रों से अभी तक बचे हुए हैं।’’
स्थानीय लोगों के घरों में रहकर, वह उन स्थानों को खोजने में सक्षम थी जिनके बारे में अधिकांश पर्यटकों को पता नहीं है।
1 साल में 34 देश, अंटार्कटिका में 30 वां जन्मदिन
एक साल में 34 देशों की अपनी यात्रा के बाद, मेलिसा ने अंटार्कटिका में अपना 30 वां जन्मदिन मनाया।
अंटार्कटिका महाद्वीप के बारे में अपने अनुभव शेयर करते हुए वह कहती हैं,
‘‘अंटार्कटिका अविस्मरणीय था, यह बिल्कुल वैसा ही है जैसा आप सपने में देखते हैं।’’
और इस तरह 30 साल की उम्र तक वे दुनियाभर के 100 देशों की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी कर चुकी थी।
सभी अफ्रीकी देशों की यात्रा
30 की उम्र में 100 देशों की यात्रा कर लेने के बाद भी वे नहीं रुकी। अंटार्कटिका का दौरा करने के बाद, उन्होंने उन देशों की यात्रा की, जो उनकी लिस्ट में नहीं थे।
वह ओशिनिया (Oceania) में द्वीप (Island) की यात्रा पर गई और अफ्रीका महाद्वीप के सभी देशों की यात्रा करने के लिए 12 महीनों में मेलिसा ने तीन ट्रिप किए।
बांग्लादेश की यात्रा और दुनिया घुमने वाली पहली दक्षिण एशियाई महिला का खिताब
अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव में, 26 दिसंबर, 2019 को वह बांग्लादेश पहुंची और दुनिया में हर देश का दौरा करने वाली पहली दक्षिण एशियाई महिला बन गई।
बांग्लादेश को अंतिम पड़ाव चुनने के बारे में बताते हुए मेलिसा रॉय कहती है,
‘‘मैंने अपने अंतिम देश के रूप में बांग्लादेश को चुना क्योंकि मैं एक पूरा सर्कल (गोल चक्कर) बनाना चाहती थी और जहां यह सब शुरू हुआ था (अपने पूर्वजों के लिए), मेरी पुश्तैनी मातृभूमि के लिए घर वापसी।’’
मेलिसा ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि उन्होंने पृथ्वी पर बसे हर एक देश को घुमने के अपने लक्ष्य को हासिल किया है।
बांग्लादेश से अपने जुड़ाव के बारे में रॉय बताती हैं,
‘‘बांग्लादेश प्रतीक है कि मैं कौन हूं ... मेरी जड़ें यहीं से है, मेरी उत्पत्ति यहां से है, मेरे पिता, मेरे दादा और नाना... दोनों का जन्मस्थान यही है।’’
193 देश, नहीं लिया किसी स्पोंसरशिप का सहारा
अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने किसी भी प्रकार की स्पोंसरशिप नहीं ली और ना ही मुफ्त की कोई यात्रा की। मेलिसा ने पूरी यात्रा अपने दम पर, अपने पैसोंं से की।
अन्य रिकॉर्ड धारक जिन्होंने सभी 193 देशों का दौरा किया है, ने स्पोंसरशिप या निवेशकों की मदद से ऐसा किया है।
अंतरिक्ष से, नक्शे पर कोई बॉर्डर नहीं हैं, बस एक ग्रह और एक दौड़ है
मेलिस रॉय दुनिया को देखने के लिए दूसरों को प्रेरित करने और रास्ते में सार्थक संबंध बनाने की उम्मीद करती है।
वे कहती हैं,
‘‘अंतरिक्ष से देखने पर, दुनिया के नक्शे पर कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देती हैं, बस एक ग्रह और एक दौड़ है। दुनियाभर में मनुष्यों के बहुमत स्वाभाविक रूप से अच्छे हैं, इसलिए डर को आपको वहां से बाहर जाने और अपनी राय बनाने से न रोकें। चाहे आप कितनी भी यात्रा करें, आपको एहसास होगा कि हर जगह लोग समान हैं।’’