ग्रामीण भारत के डिजिटल समावेश को वास्तविकता में बदल रहे हैं कॉमन सर्विस सेंटर: रविशंकर प्रसाद
योरस्टोरी द्वारा आयोजित वर्चुअल डिजिटल इंडिया टाउन हॉल में बोलते हुए केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान डिजिटल समावेश के लिए है और साथ ही उन्होने इस बात पर भी जोर दिया कि इस अभियान में आम आदमी की हिस्सेदारी है।
केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी व कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘भारत सरकार के मुख्य बिन्दुओं में शामिल कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या डिजिटल सेवा केंद्र, ग्रामीण भारत के डिजिटल समावेश को एक वास्तविकता बनाने में सहायक हैं।'
बुधवार को योरस्टोरी के डिजिटल इंडिया टाउनहॉल में बोलते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, "डिजिटल इंडिया को टेक्नालजी की शक्ति के साथ भारतीयों को सशक्त बनाने, डिजिटल खाई को पाटने और डिजिटल समावेश सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।"
प्रसाद ने कहा कि यह समावेश डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के साथ सरकार के दृष्टिकोण के लिए केंद्रीय है और उनका मानना है कि ग्रामीण बाजार भविष्य में भारत को डिजिटल रूप से चलाएगा।
पहले से ही CSC- जो कि डिजिटल इंडिया पहल के एक भाग के रूप में सरकार की ई-सेवाओं को ग्रामीण और दूरदराज के स्थानों तक पहुंचाने के लिए स्थापित किए गए हैं इन्होने छोटे शहरों और गांवों में डिजिटल उद्यमियों को बनाने में मदद की है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि 12 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां सीएससी के माध्यम से तैयार की गई हैं।
1 जुलाई को पांच साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने डिजिटल माध्यमों से भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और देश भर में सरकारी सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया था। अभियान का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ना और उन्हें प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत करके उन्हें सशक्त बनाना भी है।
डिजिटल समावेश सुनिश्चित करने में CSC की भूमिका
सीएससी जहां एक ही स्थान पर पर कई सेवाएँ मिलती हैं, ये भौतिक इकाइयाँ हैं जो एक त्रि-स्तरीय संरचना पर काम करती हैं, जिसमें ग्राम स्तर के उद्यमी या VLE, जो CSC ऑपरेटर हैं; सेवा केंद्र एजेंसी (एससीए), जो एक राज्य में जिलों के समूह को कवर करने के लिए जिम्मेदार है; और अंत में एक राज्य नामित एजेंसी (एसडीए) जो पूरे राज्य में सीएससी योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगी, ये सभी शामिल हैं।
जैसा कि देश ने डिजिटल इंडिया पहल के पांचवें वर्ष को पूरा कर लिया है, इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार सरकार का लक्ष्य इस साल सितंबर तक ग्रामीण गांवों में लगभग पांच लाख फाइबर-टू-द-होम इंटरनेट कनेक्शन तैनात करना है।
रिपोर्ट के अनुसार कार्यान्वयन एजेंसी ने पहले से ही दूरदराज के इलाकों और गांवों में 42,360 कनेक्शन तैनात किए हैं और देश में दो महीने से अधिक समय तक देशव्यापी तालाबंदी के बाद खुलने के बाद आने वाले दिनों में कार्यान्वयन अधिक आक्रामक होने वाला है।
आम आदमी के लिए मंच
योरस्टोरी के डिजिटल इंडिया टाउनहॉल में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उद्यमियों को ऐसे प्लेटफॉर्म बनाने पर ध्यान देने की जरूरत है जो "आम लोगों के साथ आगे बढ़ें"।
केन्द्रीय मंत्री ने इसी के साथ कहा, ‘डिजिटल इंडिया डिजिटल समावेश के लिए है। जब तक डिजिटल इंडिया में आम आदमी की हिस्सेदारी नहीं होगी, तब तक यह सफल नहीं होगा।'
ऑनलाइन आयोजन के दौरान उद्यमियों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने भारतीय इनोवेटर्स से अनुरोध किया कि वे "किसानों के लिए एक मंच तैयार करें, जहाँ वे भारत के ग्रामीण भागों में बेहतर परिणामों के लिए आवश्यक सभी सूचनाओं तक पहुँच बना सकें।"