रेस्टोरेंट में खाना अब होगा 10 फीसदी सस्ता, सरकार ने लगाई सर्विस टैक्स पर रोक
कंज्यूमर्स अफेयर मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा है कि होटल व रेस्त्रां में खाने पर वसूला जाने वाला सर्विस टैक्स गैरकानूनी है. होटल मालिकों को निर्देश जारी करने के बाद सरकार अब इस पर अलग से कानून बनाने पर भी विचार कर रही है.
होटल और रेस्त्रां में खाना खाने वालों के लिए एक अच्छी खबर है. अब आपकी जेब पर पड़ने वाला बोझ थोड़ा कम हो जाएगा. भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ( MINISTRY OF CONSUMER AFFAIRS, FOOD & PUBLIC DISTRIBUTION 5) ने निर्देश जारी किए हैं कि होटल एवं रेस्त्रां में उपभोक्ताओं से वसूला जाने वाला 10 प्रतिशत सर्विस टैक्स गैरकानूनी है और होटल मालिक यह टैक्स नहीं ले सकते.
कंज्यूमर्स अफेयर मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा होटल व रेस्त्रां खाने के बिल और उस पर लगने वाले टैक्स के अलावा अलग से सर्विस टैक्स नहीं ले सकते. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस बारे में अलग से कानून बनाने पर भी विचार कर रही है.
सर्विस टैक्स को लेकर 2017 की गाइडलाइंस
साल पहले अप्रैल, 2017 में मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर्स अफेयर्स ने एक गाइडलाइन जारी की थी. इस गाइडलाइन में कहा गया था कि अगर कोई उपभोक्ता किसी रेस्तरां में खाना खाने के लिए जाता है तो वह सिर्फ खाने का बिल और उस पर लगने वाला टैक्स देने के लिए ही बाध्य है. इसके अलावा सर्विस चार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं से जो पैसे लिए जाते हैं, वह गैरकानूनी है.
होटल व रेस्त्रां मालिकों का तर्क
पिछले कई सालों से उपभोक्ताओं और रेस्त्रां मालिकों की तरफ से यह सवाल उठाया जाता रहा है. इसके विरोध में रेस्त्रां मालिकों का तर्क यह है कि सर्विस चार्ज उपभोक्ता को दी जा रही सेवाओं के लिए लिया जाता है. यह पैसा सर्विस दे रहे स्टाफ में ही वितरित होता है. रेस्त्रां मालिकों के मुनाफे में इसकी गणना नहीं होती.
हाल ही में नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI), फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI), कंज्यूमर एसोसिएशन ऑफ इंडिया और मुंबई ग्राहक पंचायत समेत प्रमुख रेस्त्रां संघों और उपभोक्ता संगठनों की बैठक के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस मुद्दे पर अपना रुख साफ कर दिया है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सर्विस टैक्स को गैरकानूनी बताते हुए नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया को साफ निर्देश दिया है कि उपभोक्ताओं से सर्विस टैक्स लेना तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए.
रेस्टोरेंट एसोसिएशन को अब भी उम्मीद
जाहिर तौर पर होटल इंडस्ट्री और नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) भारत सरकार के इस फैसले से खुश नहीं है. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. एसोसिएशन का कहना है कि सर्विस टैक्स बंद किए जाने का बुरा सिर्फ सिर्फ होटल और रेस्त्रां में काम कर रहे कर्मचारियों पर पड़ेगा. उनकी आय पहले से कम हो जाएगी.
हालांकि एसोसिएशन के अध्यक्ष कबीर सूरी को अब भी उम्मीद है कि सरकार इस फैसले को वापस ले लेगी. फिलहाल सरकार ने सिर्फ निर्देश जारी किए हैं. अभी यह कानून नहीं बना है.
Edited by Manisha Pandey