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यूट्यूब सेंसेशन: 23 साल की उम्र, 4.82 मिलियन सब्सक्राइबर, मिलें मोबाइल गेमिंग और स्ट्रीमिंग की दुनिया के सुपरस्टार SouL MortaL 'नमन माथुर' से

यूट्यूब सेंसेशन: 23 साल की उम्र, 4.82 मिलियन सब्सक्राइबर, मिलें मोबाइल गेमिंग और स्ट्रीमिंग की दुनिया के सुपरस्टार SouL MortaL 'नमन माथुर' से

Wednesday May 27, 2020 , 8 min Read

"मॉर्टल ने खुद भी कभी नहीं सोचा था कि मोबाइल फोन पर गेम खेलते-खेलते उन्हें इतना मज़ा आने लगेगा कि गेमिंग को वो कैरियर के रूप में ले लेंगे। उन्हें देखने वालों की और उनके खेल को पसंद करने वालों की संख्या इतनी ज़्यादा है, कि आज की तारीख में जब मॉर्टल 2 मिनट के लिए भी सोशल मीडिया पर अपने चाहने वालों से रू-ब-रू होते हैं, तो वहां मैसिजिस, लाइक्स और व्यूज़ की बाढ़ आ जाती है। तो आईये थोड़ा और करीब से जानते हैं मुंबई के उस लड़के को जो देखते ही देखते मोबाइल गेमिंग की दुनिया का सुपरस्टार बन गया।"



कुछ कहानियां कुछ चेहरे दिल के करीब होते हैं। आप उनके काम और उनके व्यक्तित्व से इतने प्रभावित होते हैं कि कभी-कभी उसको शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल होता है। ऐसा ही एक चेहरा लंबे समय बाद मेरे सामने आया और मैं बैठ गई उन शब्दों को तलाशने जो इस चेहरे के व्यक्तित्व को कहानी में बयां कर पायें। जी मैं बात कर रही हूं नमन माथुर की, माफ करियेगा सोल मॉर्टल (SouL MortaL) की। सोल मॉर्टल वो नाम है, जिससे नमन को गेमिंग, स्ट्रीमिंग और यूट्यूब की दुनिया में पहचाना जाता है।


"पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे लवाब, खेलोगे-कूदोगे होगे खराब..." 23 वर्षीय मॉर्टल ने सदियों से चली आ रही इस कहावत को झूठ साबित कर दिया है। मॉर्टल ने खुद भी कभी नहीं सोचा था कि मोबाइल फोन पर गेम खेलते-खेलते उन्हें इतना मज़ा आने लगेगा कि गेमिंग को वो अपने कैरियर के रूप में ले लेंगे और यूट्यूब पर उनके 4.82 मिलियन सब्सक्राईबर होंगे। सुन कर आश्चर्य हुआ ना कि गेमिंग कैरियर कैसे हो सकता है, तो ये सच है और इसको साबित करके दिखाया है मॉर्टल ने।


बात चाहे भारतीय समाज की हो या फिर देश के किसी भी कोने में बैठे पेरेंट्स की, बच्चों के मोबाइल पर गेम खेलने की आदत से सब परेशान रहते हैं। बच्चों के हाथ से मोबाइल फोन छीनकर हाथ में किताबें पकड़ा देना कोई नई बात नहीं। लेकिन आज की तारीख में ऐसे कई बच्चे ऐसे भी हैं, जो इसी गेमिंग में अपना कैरियर बना रहे हैं और वो भी खेल-खेल में।



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टीम SouL MortaL



लॉकडाउन से पहले की बात करूं तो शायद मैं भी गेमिंग की दुनिया के बारे कुछ नहीं जानती थी। लेकिन इस लॉकडाउन में ऐसा नजाने क्या सूझा कि मैं भी एक दिन पबजी लेकर बैठ गई। फोन से बहुत सारा गैरज़रूरी स्पेस खाली किया और पबजी डाउनलोड कर डाला। पबजी डाउनलोड तो कर लिया, लेकिन अब इसे खेला कैसे जाये? ये एक बड़ा सवाल था। आमतौर पर जो भी काम हमें आता नहीं उसे सीखने समझने के लिए या तो हम गूगल का सहारा लेते हैं या फिर यूट्यूब की तरफ भागते हैं। यूट्यूब सबसे आसान जगह है, वीडियो देखो और एक बार में सब सीख जाओ।


पबजी सीखने के लिए मैंने भी यूट्यूब जैसा आसान रास्ता अपनाया और वीडियोज़ सर्च करने बैठ गई। जिसमें टॉप वीडियोज़ में मुझे कई गेमर्स और स्ट्रीमर्स के वीडियो दिखे। मॉर्टल नाम मुझे आकर्षक लगा और मैंने वीडियो खोल लिया। वहां जाकर देखा कि लाइव स्ट्रीमिंग जैसा कुछ चल रहा है। वो लाइव स्ट्रीमिंग मॉर्टल की थी, जिसे 60 हज़ार के आसपास लोग देख रहे थे। मेरी जिज्ञासा बढ़ी और मैंने पूरा लाइव देख डाला।


लाइव खत्म करने के बाद पबजी मोबाइल गेमिंग और स्ट्रीमिंग की दुनिया के बारे में थोड़ा और करीब से जानने की इच्छा हुई और जैसे-जैसे मैंने अपनी इस जिज्ञासा को शांत किया मेरे सामने कई नई चीज़ें खुल कर सामने आ गईं। मैंने देखा कि बकायदा मोबाइल गेमिंग के टूरनामेंट्स हो रहे हैं, जिन्हें कई विदेशी कंपनियां स्पॉन्सर कर रही हैं, मतलब कि ये वो जगह है जिसे हम क्रिकेट के मैदान में भी देखते थे। जहां बड़ी संख्या में फैन फॉलोविंग है, बड़ी संख्या में देखने वाले लोग हैं, बड़ी संख्या में सीखने वाले लोग हैं। जहां लोग लाइव के दौरान की पैसे भी डोनेट कर रहे अपने फेवरेट गेमर को।


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मोबाइल गेमिंग और स्ट्रीमिंग, ये एक अलग ही दुनिया है। ये उन बच्चों की बनाई हुई दुनिया है, जिनके हाथों से मोबाइल छीन लिया गया था और हाथों में किताबें पकड़ा दी गई थीं। ये वो बच्चे हैं जो दुनिया को बता रहे हैं, "दाग अच्छे हैं..." "खेल अच्छे हैं..." चिल पिल लो पेरेंट्स, हम लिख रहे हैं नया भारत।


गेमिंग की दुनिया के इसी सस्पेंस ने मुझे मॉर्टल तक पहुंचाया। मॉर्टल से बात करके यही लगा, कि ये वही गेमर है जो अपनी शालीनता और शिष्टता से अपने फैन्स का दिल का जीतता है। स्ट्रीमिंग के दौरान मॉर्टल कभी भी गलत शब्दों या किसी भी तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करते।


मॉर्टल को ये अच्छे से पता है कि यूट्यूब पर उनकी लाइव स्ट्रीमिंग सिर्फ वे नहीं देखते, जो अभद्र भाषा का खुले आम इस्तेमाल करने की उम्र में पहुंच गए हैं, बल्कि मॉर्टल को कम उम्र के बच्चे भी देखते हैं। मॉर्टल उन बच्चों के भी हिरो हैं, जो सोशल मीडिया या किसी भी वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर कच्ची उम्र में बहुत कुछ ढूंढते ढेर सारी जिज्ञासाएं लिए हुए पहुंचते हैं, तो ऐसे बच्चों को वो सब नहीं दिखाना, सुनाना या बताना है जिसके लिए उनकी उम्र अभी कम है।


बचपन में मॉर्टल का फोकस भी पढ़ाई की तरफ ही था। घर में ऐसा कोई माहौल नहीं था कि गेमिंग को कैरियर बनाने के बारे में कुछ सोचा जाये। 2015 से पहले मॉर्टल शौकिया तौर पर कंप्यूटर पर गेम खेलते थे, लेकिन 2015 से अपनी छोटी-सी कॉम्युनिटी में काउंटर स्ट्राइक और मिनी मिलिशिया खेलते हुए एन्ड्रॉयड फोन से बेसिक कॉम्पटिशनन्स की शुरुआत की।


जल्दी ही मॉम को बहुत रिक्वेस्ट करने के बाद मॉर्टल को आईपैड मिल गया और फिर उन्होंने वहां अपने गेमिंग वीडियोज़ की अच्छी क्वालिटी रिकॉर्ड करके स्ट्रीम करना शुरु किया। बीकॉम करने के साथ साथ मॉर्टल अपने वीडियोज़ भी अपलोड करने लगे यूट्यूब पर। लेकिन इसे वो अपने शौक के लिए कर रहे थे, ना कि ये सोचकर कि आगे चल कर गेमर बनना है या फिर गेमिंग में कैरियर बनाना है।


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फोटो साभार: मॉर्टल इंस्टाग्राम प्रोफाइल

इन्हीं सारे खेल-कूद के बीच मॉर्टल का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसके चलते वो तेज़ी से यूट्यूब की दुनिया में पॉपुलर हो कहे और बन गये गेमिंग की दुनिया के कपिल देव। ये सच है पूरी तरह की मॉर्टल को लोग गेमिंग की दुनिया का कपिल देव भी कहते हैं।


कहा जा रहा है कि जिस तरह कपिल देव को 1983 के वर्ल्ड कप के बाद क्रिकेट की दुनिया में देख रहे थे, उसी तरह से आज मॉर्टल को उनके चाहने वाले गेमिंग और स्ट्रीमिंग की दुनिया में देखते और मानते हैं।


गेमिंग और स्ट्रीमिंग की दुनिया जितनी तेज़ी से बढ़ रही है, ऐसे में वो दिन दूर नहीं जब मॉर्टल को भी कपिल की तरह घर-घर में जाना जाने लगा।


मॉर्टल से अपनी बातचीत से पहले मैंने कुछ 10 से 14 साल के मोबाइल पर गेम खेलने वाले बच्चों से बात की, कि यूट्यूब पर वो क्या देखना पसंद करते हैं? किसे देखते हैं और देखते हैं तो क्यों देखते हैं? और जिसमें से आधे से ज्यादा बच्चों ने ये कहा कि हमे यूट्यूब पर गेमिंग की लाइव स्ट्रीमिंग और गेमर के अपलोडिड वीडियोज़ देखना पसंद करते हैं। जिनमें से अधिकतर के पसंदीदा गेमर सोल मॉर्टल हैं।


सोल मॉर्टल क्यों फेवरेट गेमर और स्ट्रीमर हैं? इस पर बच्चों का कहना था, कि "मॉर्टल एब्युज़िव लेंग्वेज नहीं यूज़ करते और जब हम वीडियोज़ देखते हैं तो परेंट्स हमें डांटते भी नहीं, क्योंकि हमारे जो दूसरे फेवरेट गेमर हैं वो वैड वर्ड्स का यूज़ करते हैं और परेंट्स के सामने हमें वीडियो बंद करना पड़ता है।"



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फोटो साभार: मॉर्टल इंस्टाग्राम प्रोफाइल



बच्चों की ये बातें मेरे लिए दिलचस्प थीं। मॉर्टल तक मेरी पहुंचने की जिज्ञासा को और बढ़ाने वाली। स्ट्रीमिंग और गेमिंग से मॉर्टल की जब तक पहली इनकम नहीं आई थी, तब तक घरवालों को भी यकीन नहीं था कि वो जो कर रहा है वो सही है या गलत। लेकिन जैसे ही मॉर्टल की पहली इनक 18हज़ार खाते में आई, घरवालों का भरोसा भी बढ़ा और उन्हें लगा कि यहां कुछ फ्यूचर है बच्चे का। मॉर्टल कहते हैं, "उसके बाद से तब का दिन था और आज का दिन है, मैं जो कर रहा हूं अब इसी दुनिया में कर रहा हूं।"


गेमिंग और स्ट्रीमिंग को कैरियर बनाने के सवाल पर मॉर्टल कहते हैं, "ज़रूरी नहीं कि आप इसको इसलिए खेलें कि आपको इसमें अपना कैरियर बनाना है, बल्कि अपने इस शौक को इस हॉबी को पैशेनेटली खेलिए। तो आप और अच्छा खेल पायेंगे। थोड़ा-सा अपने कंटेंट क्रिएशन पर ध्यान देंगे तो यकीनन अच्छा स्ट्रीमर या गेमर बनने से आपको कोई नहीं रोक सकता।"


इन दिनों मॉर्टल अपने टूरनामेंट्स में व्यस्त हैं और 14 जून तक पूरी तरह से अपने कॉन्पटिटिव में फोकस्ड रहेंगे, तो कॉन्टेंट क्रिएशन और अपने सब्स को लाइव स्ट्रीमिंग नहीं दे पायेंगे। अपने यूट्यूब को टाईम नहीं दे पायेंगे, लेकिन 14 जून के बाद से उनके फैन्स और उनके सब्स उन्हें लाइव भी देख पायेंगे।


सोल मॉर्टल की इस दिलचस्प यात्रा को और करीब से जानने के लिए वीडियो इंटरव्यू देखना ना भूलें...