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मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिये दिया एक ओर तोहफा, बढ़ाई इस योजना की अवधि

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की अवधि मार्च 2023 तक बढ़ी, प्रतिफल की दर कम कर 7.4 प्रतिशत की गयी

मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिये दिया एक ओर तोहफा, बढ़ाई इस योजना की अवधि

Thursday May 21, 2020 , 3 min Read

नयी दिल्ली, सरकार ने बुधवार को वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) की अवधि तीन साल के लिये और बढ़ा दी। साथ ही इस मिलने वाली सालाना प्रतिफल की दर घटाकर 7.4 प्रतिशत कर दी। पिछले वित्त वर्ष में ब्याज दर 8 प्रतिशत थी


सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) की अवधि तीन साल के लिये और बढ़ा दी है।

सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) की अवधि तीन साल के लिये और बढ़ा दी है।


एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएमवीवीवाई को 31 मार्च 2020 से अगले तीन वर्ष अर्थात 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया। साथ ही प्रारंभ में 2020-21 के लिए 7.40 प्रतिशत की सुनिश्चित प्रतिफल दर तय किया गया है और उसके बाद हर साल दर की समीक्षा की जाएगी।


सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में 8 प्रतिशत के निश्चित रिटर्न के साथ योजना की अवधि बढ़ाकर मार्च 2020 कर दी थी। साथ ही इसमें निवेश की सीमा भी दोगुनी कर 15 लाख कर दी गयी थी।


विज्ञप्ति के अनुसार इसमें वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) की संशोधित प्रतिफल दर के अनुरूप प्रतिफल की दर में वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से प्रभावी वार्षिक समायोजन की व्यवस्था की मंजूरी दी हैं। अभी इसकी अधिकतम सीमा 7.75 प्रतिशत रखी गयी है लेकिन इस सीमा के टूटने पर इस योजना में प्रतिफल की समीक्षा किसी भी समय की जा सकेगी।


वरिष्ठ नागरिकों की निश्चित आय सुरक्षा वाली इस योजना का क्रियान्वयन भारतीय जीवन बीमा निगम कर रहा है।


इस योजना का मकसद वरिष्ठ नागरिकों (60 साल और उससे ऊपर) को गारंटीशुदा न्यूनतम पेंशन उपलब्ध कराना है जो खरीद मूल्य पर मिलने वाले निश्चित प्रतिफल पर आधारित है।


सरकार की वित्तीय जवाबदेही निवेश राशि पर एलआईसी द्वारा अर्जित बाजार रिटर्न और 7.4 प्रतिशत की रिटर्न (गारंटी शुदा प्रतिफल) के बीच कम पूरा करने तक सीमित है। यह व्यवस्था 2020-21 के लिये है और उसके बाद इस योजना पर ब्याज दर हर साल वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) के अनुरूप तय होगी।


योजना के प्रबंधन पर पहले साल के खर्च को निवेश राशि के 0.5 प्रतिशत पर नियत किया गया है। दूसरे साल से अगले नौ साल तक खर्च 0.3 प्रतिशत सालाना तय किया गया है।


विज्ञप्ति के अनुसार,

‘‘इस पर वित्तीय देनदारी वित्त वर्ष 2023-24 में 829 करोड़ रुपये से अंतिम वित्त वर्ष 2032-33 में 264 करोड़ रुपये के दायरे में हो सकती है।"

वास्तविक आधार पर वार्षिक भुगतान के लिए सब्सिडी प्रतिपूर्ति के 614 करोड़ रुपये होने का उम्मीद है। हालांकि वास्तविक ब्याज अंतर (सब्सिडी) नई जारी पालिसियों की संख्या में शर्तों के वास्तविक आधार पर पर निर्भर होगी।


योजना की घोषणा वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में की गयी थी।


दस साल की इस योजना में पेंशन मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना ली जा सकती है।



Edited by रविकांत पारीक