Moonlighting को लेकर क्या सोचते हैं कर्मचारी? सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
नौकरी की जानकारी देने वाली वेबसाइट इनडीड Indeed ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि सर्वे में शामिल कर्मचारियों में 81 प्रतिशत नियमित नौकरी के साथ अलग समय में दूसरी जगह काम करने यानी ‘मूनलाइटिंग’ को सही नहीं मानते और वे अपने मौजूदा कार्य के साथ दूसरी कंपनी के लिये काम नहीं करना चाहते.
देश में Moonlighting नियमित नौकरी के साथ-साथ अंशकालिक तौर पर दूसरी जगह काम करने को लेकर जारी चर्चा के बीच ज्यादातर कर्मचारियों का मानना है कि वे इसमें शामिल नहीं होना चाहते और इसे अनैतिक मानते हैं. एक रिपोर्ट में यह कहा गया है.
नौकरी की जानकारी देने वाली वेबसाइट इनडीड
ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि सर्वे में शामिल कर्मचारियों में 81 प्रतिशत नियमित नौकरी के साथ अलग समय में दूसरी जगह काम करने यानी ‘मूनलाइटिंग’ को सही नहीं मानते और वे अपने मौजूदा कार्य के साथ दूसरी कंपनी के लिये काम नहीं करना चाहते. वहीं 19 प्रतिशत ‘मूनलाइंटिंग’ चाहते हैं.इनडीड की यह रिपोर्ट वैलूवॉक्स के 1,281 नियोक्ताओं और 1,533 नौकरी चाहने वाले लोगों और कर्मचारियों के बीच किये गये सर्वे पर आधारित है. यह सर्वे इस साल जुलाई-सितंबर के दौरान किया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, 37 प्रतिशत कर्मचारी नौकरी जाने की आशंका से अंशकालिक तौर पर दूसरी जगह भी काम करने को तरजीह दे रहे हैं. वहीं 27 प्रतिशत अतिरिक्त आय के लिये इसे पसंद कर रहे हैं.
हालांकि, नियोक्ताओं के इस मामले में राय अलग हैं. करीब 31 प्रतिशत नियोक्ताओं का मानना है कि कर्मचारी का अंशकालिक तौर पर दूसरी जगह काम करने का कारण यह है कि वे अपने काम से पूर्ण रूप से जुड़ नहीं पाते. वहीं 23 प्रतिशत का कहना है कि कर्मचारियों के पास दूसरी नौकरी के लिये पर्याप्त समय है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तनाव और काम के दबाव के कारण कर्मचारियों में चुपचाप नौकरी छोड़ने की भी प्रवृत्ति बढ़ रही है.
सर्वे में शामिल 33 प्रतिशत नियोक्ताओं का मानना है कि नीरसता और चुनौतियों की कमी समेत नौकरी को लेकर संतुष्टि नहीं होना प्रमुख कारण है, जिससे कर्मचारी नौकरी छोड़ रहे हैं. वहीं 21 प्रतिशत का मानना है कि यह रोजगार को लेकर प्रतिबद्धता की कमी को बताता है.
इनडीड इंडिया के बिक्री प्रमुख शशि कुमार ने कहा, ‘‘काम की दुनिया अभी बदलाव के दौर में है. कार्य को लेकर नया चलन उभर रहा है, ऐसे में आने वाले समय में हम इस तरह के और रुझान देख सकते हैं.’’
Moonlighting पर इंडस्ट्री का रुख
इस साल अगस्त में ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने देश में पहली बार कर्मचारियों के लिए ‘Moonlighting’ की पॉलिसी लेकर आई थी. यह भारतीय इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा बदलाव है.
हालांकि, 220 अरब डॉलर से अधिक की देश की सूचना प्रोद्योगिकी (IT) इंडस्ट्री को ‘Moonlighting’ पॉलिसी पसंद नहीं आ रही है. साल भर में कई कर्मचारियों को निकालने की जानकारी देने के बाद इन्फोसिस ने प्रबंधकों (मैनेजर) की पूर्व सहमति से कर्मचारियों को गैर-प्रतिस्पर्धी कंपनियों और हितों के साथ टकराव पैदा नहीं करने वालों के साथ, नौकरी के साथ दूसरा अस्थायी कार्य करने अनुमति दी है. टेक महिंद्रा ने भी ‘Moonlighting’ को मंजूरी देने की बात कहते हुए उसके लिए पॉलिसी बनाने की बात कही है.
हालांकि, इस दौरान Tata ग्रुप की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज TCS, एचसीएल टेक्नोलॉजीज HCL Technologies Limited ने Moonlighting को लेकर लचीला रुख अपनाया है और किसी कर्मचारी पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है. गलत तो बताया लेकिन किसी कर्मचारी को निकालने को गलत करार दिया है. उसने कहा कि ऐसे कर्मचारियों के साथ सहानुभूति की जरूरत है. एचसीएल टेक्नोलॉजीज HCL Technologies Limited ने ‘Moonlighting’ को लेकर कहा है कि वह एक साथ दो जगह काम करने का समर्थन नहीं करती है और यह कंपनी के भीतर कोई बड़ा मुद्दा नहीं है.
Alexa के कारण इस साल Amazon को हो सकता है खरबों रुपये का घाटा, यह है वजह