RIL की कमान संभाले मुकेश अंबानी के 20 साल पूरे, इन 5 बिजनेस से बदली कंपनी की किस्मत
कंपनी की तरफ से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि अंबानी की अगुवाई में 20 वर्षों में 87 हजार करोड़ प्रति वर्ष की दर से इनवेस्टर्स की झोली में 17.4 लाख करोड़ रुपये आए.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर अब मुकेश अंबानी को 20 साल पूरे हो गए हैं. उनकी अगुवाई में रिलायंस ने पिछले दो दशक में रेवेन्यू, प्रॉफिट के साथ ही मार्केट कैपिटलाइजेशन में लगातार डबल डिजिट में ग्रोथ रेट हासिल की है.
इस दौरान कंपनी का मार्केट कैप 42 गुना बढ़ा है, तो प्रॉफिट में करीब 20 गुना की वृद्धि हुई है. कंपनी की तरफ से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि अंबानी की अगुवाई में 20 वर्षों में 87 हजार करोड़ प्रति वर्ष की दर से इनवेस्टर्स की झोली में 17.4 लाख करोड़ रुपये आए.
ऑयल एंड गैस, पेट्रोलियम बिजनेस
रिलायंस ग्रुप की मुख्य कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है, जो पेट्रोकेमिकल, रिफाइनिंग और ऑयल और गैस फील्ड में काम करती है. रिलायंस इंडस्ट्रीज को धीरूभाई हीराचंद अंबानी ने 1966 में शुरू किया था और इसका हेडक्वार्टर मुंबई में था.
पेट्रोकेमिकल सेगमेंट हाई-लो डेन्सिटी पॉलिथीन, पॉलीप्रोपाइलिन, पॉलिविनाइल जैसे पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन और मार्केटिंग ऑपरेशन देखती है.
रिफाइनिंग सेगमेंट पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन और मार्केटिंग का काम देखती है. ऑयल एंड गैस सेगमेंट कच्चे तेल और नेचरल गैस का एक्सप्लोरेशन, डिवेलपमेंट और प्रोडक्शन काम करती है.
जियो इन्फोकॉम
मुकेश अंबानी ने जियो के जरिए देश में टेलीकॉम इंडस्ट्री का हाल ही बदल दिया. रिलायंस की जियो इन्फोकॉम दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक बन चुकी है. गौरतलब है कि मुकेश अंबानी ही सबसे पहले डेटा को ‘न्यू-ऑयल' कहा था.
आज सबसे अधिक डिजिटल लेन देन का रेकॉर्ड भारत के नाम है.
ठेले से लेकर 5-स्टार होटल तक में डिजिटल पेमेंट की सुविधा है. इसके पीछे सरकार की कोशिश तो है ही लेकिन रिलायंस जियो को भी इसका पूरा क्रेडिट जाता है. जो डेटा पहले करीब 250रु प्रति जीबी मिलता था वो जियो के आने के बाद 10 रु के आसपास पहुंच गया.
जियो प्लैटफॉर्म्स
जियो प्लैटफॉर्म्स के जरिये रिलायंस अलग-अलग सेगमेंट्स में कई डिजिटल सर्विसेज ऑफर करती है. ब्रॉडबैंड से लेकर, मोबाइल इंटरनेट, टीवी, ऑनलाइन रिटेल, डिजिटल पेमेंट्स जैसी कई अन्य सुविधाएं जियो प्लैटफॉर्म्स उपलब्ध करा रहा है.
इसके लिए रिलायंस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्लाउड कंम्प्यूटिंग, एज कम्प्यूटिंग, कम्प्यूटर विजन, सिक्योरिटी सलूशंस और मिक्स्ड रिएलिटी जैसी टेक्निक्स का इस्तेमाल किया है.
रिटेल सेक्टर के बादशाह
रिटेल सेक्टर में भी रिलायंस दुनिया की दिग्गज कंपनियों को टक्कर दे रहा है. ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक, रिटेल से लेकर थोक बिजनेस में मुकेश अंबानी की लीडरशिप में रिलायंस ने अपनी पकड़ मजबूत की है. आज की तारीख में अमेजन, फ्लिपकार्ट, वॉलमार्ट जैसी बड़ी ग्लोबल रिटेल कंपनियां रिलायंस को अपना प्रतिद्वंदी मानती हैं.
इसी साल रिलायंस ने किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के अंदर आने वाले रिटेल, थोक बिजनेस को भी खरीदा था. रिलायंस रिटेल ने पिछले साल एक दिन में करीब 7 स्टोर खोलने का रेकॉर्ड बनाया है.
ग्रीन एनर्जी में भी रख चुके कदम
मुकेश अंबानी ने भविष्य को देखते हुए भी रिलायंस इंडस्ट्रीज की राह तय करनी शुरू कर दी है. कंपनी की तरफ से 75 हजार करोड़ रुपये के निवेश से जामनगर में न्यू एनर्जी के लिए 5 गीगा फैक्टरी लगाई जा रही हैं. सोलर एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे नए एनर्जी सोर्स पर भी रिलायंस तेजी से काम कर रहा है.
Edited by Upasana