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बेटे की ख्वाहिश में पिता ने फेंका था एसिड, आज अपनी काबिलियत से दे रही जवाब

वे उस वक्त सिर्फ दो माह की थीं जब अपनी मां की गोद में वह दूध पी रही थीं। लेकिन उनके क्रूर पिता ने दोनों की जिंदगी खत्म करने के वास्ते मां और बेटी पर तेजाब फेंक दिया था।

 बेटे की ख्वाहिश में पिता ने फेंका था एसिड, आज अपनी काबिलियत से दे रही जवाब

Sunday January 06, 2019 , 3 min Read

अनमोल (तस्वीर साभार- फेसबुक)


कितने दुख की बात है कि भारत में एसिड अटैक जैसे जघन्यतम अपराध अभी भी उसी गति से हो रहे हैं। तमाम कोशिशों के बाद इस पर रोक नहीं लगाई जा सकी है जिसके परिणामस्वरूप न जाने कितने लोगों को अपनी जिंदगी मुश्किलों में बितानी पड़ती है। लेकिन हम आज आपको एक ऐसे एसिड अटैक सर्वाइवर की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने न केवल अपने जख्मों को पीछे छोड़ा बल्कि अपना मुकाम भी हासिल किया। हम बात कर रहे हैं मुंबई की रहने वाली अनमोल की।

हमारे देश में बेटियों को लेकर समाज क्या सोचता है इसका जीता जागता उदाहरण हैं अनमोल। वे उस वक्त सिर्फ दो माह की थीं जब अपनी मां की गोद में वह दूध पी रही थीं। लेकिन उनके क्रूर पिता ने दोनों की जिंदगी खत्म करने के वास्ते मां और बेटी पर तेजाब फेंक दिया था। वजह सिर्फ इतनी थी कि अनमोल के पिता को बेटे की ख्वाहिश थी। उस हादसे में अनमोल तो किसी तरह बच गईं लेकिन उनकी मां की जान चली गई। इस हादसे के बाद अनमोल के पिता फरार हो गए।

इसके बाद डॉक्टरों और नर्स ने अपने खर्च पर अनमोल का पालन पोषण किया। जब वे पांच साल की हो गईं और उनके जख्म ठीक हो गए तो उन्हें श्री मानव सेवा संघ नाम के एक शेल्टर होम में भेज दिया। यह शेल्टर होम अनाथों की सेवा करता है। यहां पर अनमोल को वो सारा प्यार मिला जिसकी वे हकदार थीं। लेकिन फिर भी शुरुआत में बाकी बच्चे उनके घावों की वजह से उनसे दूरी बनाकर रखते थे और इस बात से अनमोल को गहरी चोट पहुंचती थी।

डेली मेल को दिए एक इंटरव्यू में वे कहती हैं, 'मेरी उम्र उस वक्त काफी कम थी इसलिए मैं नहीं समझ पाती थी कि मैं बाकियों से अलग क्यों दिखती हूं। अनाथालय में आकर मुझे अहसास हुआ कि बाकी बच्चे मुझसे अलग हैं। हालांकि वहां कोई मुझसे घृणा नहीं करता था, लेकिन सब मेरा चेहरा देखकर डर जाते थे। लेकिन जैसे जैसे वक्त बीतता गया सारे बच्चे मुझे समझने लगे और अपना दोस्त मानने लगे। मैंने वहां कई दोस्त बनाए, लेकिन अनाथालय के बाहर की दुनिया में लिए उतनी ही कठिन थी।'

पर अनमोल ने कभी किसी परेशानी या मुश्किल की वजह से कभी हार नहीं मानी। उन्होंने शिक्षा को अपना हथियार बनाया और समाज की सोच से लड़ने के लिए मैदान में उतर गईं। अनमोल को फैशन से काफी प्यार था और वे इसी में अपना करियर बनाना चाहती थीं। कॉलेज लाफ में ही उन्होंने इसकी शुरुआत भी कर दी। आज वे फैशन की दुनिया में काफी अच्छा काम कर रही हैं और उन्होंने एसिट अटैक पीड़िताओं के लिए एक संगठन भी बना लिया है जिसका नाम एसिड अटैक सर्वाइवर साहस फाउंडेशन है।


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