जासूसी और हनीट्रैप को लेकर नौसेना का बड़ा फैसला, नेवी कर्मियों के लिए स्मार्टफोन और फेसबुक पर लगाया बैन
नौसेना ने अपने जवानों को हनीट्रैप से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इस कदम के बाद अब सैनिकों को इंटरनेट और स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर की पाबंदियों का सामना करना होगा। हाल ही में नौसेना ने अपने कुछ सैनिकों पर कार्रवाई भी की है।
नौसेना ने हाल ही में हुई जासूसी और हनीट्रैप की घटनाओं को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के नेवी ने अपने कर्मियों के लिए लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर बैन लगा दिया है।
नौसेना ने उठाया बड़ा कदम
अब नौसेना का कोई भी जवान या नाविक फेसबुक का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। केवल फेसबुक ही नहीं बल्कि नेवी ने कुछ अतिसंवेदनशील जगहों के लिए नौसेना जवानों के लिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है। अब नेवी कर्मी नौसेना के ठिकानों, डॉकयार्ड और ऑन-बोर्ड युद्धपोतों पर स्मार्टफोन का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। यह फैसला पिछले महीने हुए एक जासूसी रैकेट के भंडाफोड़ के बाद लिया गया है।
मालूम हो, पिछले महीने नेवी के 7 कर्मियों को नेवी से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कर्मियों पर नेवी से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को देने का आरोप था। गिरफ्तारी के बाद नेवी ने एहतियातन अपने कर्मियों को सोशल मीडिया खासतौर पर फेसबुक से दूरी बनाने के लिए कहा था।
पहले भी उठाए गए हैं कदम
अब जारी आदेश के अनुसार, नेवी कर्मियों के लिए मैसेजिंग ऐप, कॉन्टेंट शेयरिंग साइट, ई-कॉमर्स साइट, ब्लॉगिंग साइट और नेटवर्किंग साइट पर बैन लगाया गया है। नेवी के अधिकारी ने बताया कि देखा जाए तो नेवी में काम करने वालों के लिए स्मार्टफोन पर ही बैन लगा दिया गया है। नेवी के अधिकारियों का कहना है कि इससे कर्मियों को परेशानी होगी लेकिन कर्मियों को हनीट्रैप से बचाने और देशहित के लिए यह कदम उठाया गया है। ऐसा पहले भी किया जाता रहा है।
आईएसआई बनाती है निशाना
बता दें, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई इंडियन डिफेंस फोर्सेज के जवानों को फंसाने के लिए हनीट्रैप का सहारा ले रही है। इसके लिए आईएसआई ने बड़ा प्लान बनाया है।
नवंबर 2019 में आंध्र प्रदेश इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था। यह गिरोह आईएसआई चला रही थी। इस रैकेट के खुलासे के बाद 7 नेवी कर्मियों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया और उनसे पूछताछ की गई थी।
एनआईए कर रही है जांच
इनमें से 3 को विशाखापत्तनम, 2 को करवर नेवल बेस और 2 को मुंबई नेवल बेस से गिरफ्तार किया गया था। सारे जवान साल 2017 में नौसेना में शामिल हुए थे और सितंबर 2018 में ही हनीट्रैप का शिकार हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी है।