Air India के बाद एक और सरकारी कंपनी हुई TaTa की
एनआईएनएल के लिए आमंत्रित की गई बोलियों में टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स (TSLP) को गत जनवरी में विजेता घोषित किया गया था. टाटा समूह की इस इस्पात कंपनी ने घाटे में चल रही एनआईएनएल के लिए 12,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. यह बोली 5,616.97 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से करीब दोगुनी थी.
एयर इंडिया (Air India) के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की एक और कंपनी टाटा समूह
के पास चली गई है. सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) के निजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई.इस तरह, NINL अब इसका नियंत्रण टाटा समूह की कंपनी टीएसएलपी को सौंप दिया गया है. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी.
एनआईएनएल के लिए आमंत्रित की गई बोलियों में टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स (TSLP) को गत जनवरी में विजेता घोषित किया गया था. टाटा समूह की इस इस्पात कंपनी ने घाटे में चल रही एनआईएनएल के लिए 12,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. यह बोली 5,616.97 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से करीब दोगुनी थी.
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘एनआईएनएल का रणनीतिक विनिवेश संबंधी सौदा रणनीतिक खरीदार टीएसएलपी को 93.71 प्रतिशत शेयरों का हस्तांतरण होने के साथ ही आज पूरा हो गया है.’’
एनआईएनएल सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों एमएमटीसी (MMTC), एनएमडीसी (NMDC), बीएचईएल (BHEL) और मेकॉन (Mecon) के अलावा ओडिशा सरकार की दो इकाइयों ओएमसी और इपिकॉल का संयुक्त उद्यम है.
इस इस्पात कंपनी में एमएमटीसी के पास सर्वाधिक 49.78 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जबकि एनएमडीसी के पास 10.10 प्रतिशत, बीएचईएल के पास 0.68 प्रतिशत और मेकॉन के पास 0.68 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. वहीं ओडिशा सरकार की कंपनियों के पास क्रमशः 20.47 प्रतिशत एवं 12 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
एनआईएनएल के लिए लगाई गई बोली में टाटा समूह की कंपनी के विजेता बनकर उभरने के बाद 10 मार्च को शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.
मंत्रालय ने कहा कि इस समझौते के हिसाब से परिचालन लेनदार, कर्मचारियों और विक्रेताओं के बकाया संबंधी शर्तों को पूरा कर लिया गया है. हालांकि, इस कंपनी में सरकार के पास कोई हिस्सेदारी नहीं होने से इस बिक्री से सरकारी खजाने में कोई वृद्धि नहीं होगी.
इस बीच, बीएचईएल ने बीएसई को दी गई सूचना में कहा कि उसने एनआईएनएल में अपनी 0.68 प्रतिशत हिस्सेदारी टीएसएलपी को बेच दी है और इसे स्थानांतरित कर दिया है.
एनआईएनएल के ओडिशा के कलिंगनर स्थित संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 11 लाख टन रही है. हालांकि, यह संयंत्र लगातार घाटे में रहने की वजह से मार्च, 2020 से ही बंद पड़ा है.
मौजूदा सरकार के कार्यकाल में संपन्न हुआ यह दूसरा सफल निजीकरण है. इसके पहले एयर इंडिया को टाटा समूह के ही हाथों में सौंपा गया था.
Air India की खरीद के लिए बिड अक्टूबर 2021 में टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा सन्स की इकाई Talace Pvt Ltd ने जीती. Talace Pvt Ltd 18000 करोड़ रुपये के साथ Air India के लिए विनिंग बिडर रही. Air India को टाटा ग्रुप को हैंडओवर करने की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर 27 जनवरी 2022 को पूरी हुई. इस तरह Air India 68 साल बाद फिर से टाटा की हो गई.