The Compound Effect: पैसा, करियर और लाइफस्टाइल अगर पटरी पर लाना चाहते हैं तो ये किताब पढ़नी चाहिए
हार्डी डैरेन ने इस किताब में असल जिंदगी से प्रेरित किस्से बताए हैं, जिन्हें अपनी जिंदगी में लागू करना आसान है और आप अपनी लाइफस्टाइल को रूटीन लाने के लिए मोटिवेटेड महसूस करते हैं.
एक उम्र में आकर हमें ये महसूस होता है कि हम अपनी जिंदगी कितने बेतरतीब तरीके से जी रहे हैं. कुछ भी व्यवस्थित नहीं है, कमाई का कोई भी हिसाब नहीं, जिंदगी में कोई रूटीन नहीं, करियर को लेकर कोई स्ट्रैटजी नहीं. ऐसे लोगों के लिए ही डैरेन हार्डी ने ‘दी कंपाउंड इफेक्ट’ किताब लिखी है. ये किताब न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्टसेलर रही है.
अगर आप ऐसा सोच रहे हैं कि किताब आपको कोई घुट्टी देगी जो पीकर आप रातों-रात एक्सपर्ट हो जाएंगे, तो आपका सोचना पूरी तरह गलत है.
हार्डी ने इस किताब में असल जिंदगी से प्रेरित किस्से बताए गए हैं, जिन्हें अपनी जिंदगी में लागू करना आसान है और आप अपनी लाइफस्टाइल को रूटीन लाने के लिए मोटिवेटेड महसूस करते हैं.
किताब कहती है कि आप हर दिन जो भी फैसले करते हैं आपकी आगे की जिंदगी उन्हीं फैसलों का नतीजा होती है. अगर आप हर दिन अच्छी आदतों का पालन करते हैं तो आपकी जिंदगी यकीनन अच्छी होने वाली है लेकिन अगर इसका उल्टा है तो आपको आत्म अवलोकन करने की जरूरत महसूस होगी.
सक्सेस मैगेजीन के पब्लिशर होने की वजह से डैरेन हार्डी के पास इस विषय पर काफी अच्छी पकड़ है और वो किताब में दिखती भी है. डैरेन कपाउंडिंग की ताकत को समझाने के लिए किताब में कई ऐसे उदाहरण देते हैं, जो आम जिंदगी से लिए हुए हैं.
सबसे दिलचस्प उदाहरण उनका तीन दोस्तों को लेकर है. तीनों दोस्त पड़ोस में रहते हैं और तीनों की एक बराबर कमाई है, लेकिन तीनों ने अपने पैसों खर्च करने के तरीके अलग हैं.
5 से 10 महीनों के अंतराल में तीनों की लाइफस्टाइल में कुछ खास अंतर नहीं नजर आता. लेकिन 2 सालों के बाद तीनों की लाइफस्टाइल में काफी बड़ा अंतर समझ आता है.
दी कपाउंड इफेक्ट के बाकी चैप्टर्स ऐसे गुड हैबिट यानी अच्छी आदतों की थीम पर बात करते है. किताब कहती है कि अपने इर्दगिर्द पॉजिटिव लोगों को रखिए, अपनी जिंदगी और रोजाना अपने दिन को कैसे बिताना है उसकी जिम्मेदारी खुद लीजिए.
हार्डी ने किताब में आसान भाषा का इस्तेमाल किया है, जिसे बड़ी आसानी से समझा जा सकता है. हालांकि किताब को पढ़कर आपको ऐसा नहीं लगेगा कि ऑथर ने कोई चीज बताई है. सब तो जानते ही थे.
जैसे कि अनहेल्दी खाना छोड़ने से आप हेल्दी रहेंगे ये कोई बताने वाली चीज नहीं है ये तो सभी जानते हैं. लेकिन किताब हमें ये आदतें असल में अपनाने के लिए मोटिवेशन देती है.
हार्डी ने किताब में अपने पर्सनल एक्सपीरियंस भी दिए हैं, जो लोगों को पॉजिटिव लाइफ वाली आदतें अपनाने में मदद करता है. असल जिंदगी की कहानियां लोगों को ये समझने में मदद करती हैं कि ये नुस्खे वाकई काम करते हैं.
किताब को अगर समेटा जाए तो ये मुख्यतः तीन टिप्स पर बात करती हैः
1.रातोंरात सफलता एक मिथक है
कोई भी चीज हो उसका फल मिलने में समय लगता है. जिंदगी के किसी भी मोर्चे पर सफलता पाने के लिए एक प्लान चाहिए होता है, उस पर तन्मयता के साथ काम करना पड़ता है.
2. एक बड़ा कदम उठाने से ज्यादा रोज-रोज छोटे छोटे कदम ज्यादा कारगर होते हैं
मिसाल के तौर पर आप वजन कम करना चाहते हैं और आप इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि इसके लिए एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है. इसलिए बजाय किसी एक दिन 4 घंट एक्सरसाइज करने के आप हर दिन 20 मिनट भी एक्सरसाइज कर लेंगे तो आपको नतीजा साफ-साफ नजर आ जाएगा.
3. शुरुआत में परफेक्शन की बजाय नियमित होने पर फोकस करें
किसी भी फील्ड में अगर आप परफेक्शन चाहते हैं तो सबसे पहले नियमित होना शुरू करें. शुरुआती दिनों में ही परफेक्शन पर फोकस करना सही तरीका नहीं है. शुरू में आपको बस अपने काम को एन्जॉय करना सीखना होगा. एक बार आप उस काम को अपनी आदत में शुमार कर लेंगे, उसे एन्जॉय करने लगेंगे तो परफेक्शन अपने आप आ जाएगी.
कुल मिलाकर डैरेन हार्डी की दी कपाउंड इफेक्ट एक अच्छी किताब कही जा सकती है जिसे एक बार में पढ़कर खत्म किया जा सकता है. साथ ही कुछ ऐसे स्टेप भी बताती है जिन्हें फॉलो करके आपका रूटीन, लाइफस्टाइल किस स्तर पर है उसे कैलकुलेट कर सकते हैं और उस हिसाब से उसमें बदलाव लाने की कोशिश कर सकते हैं.
Edited by Upasana