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NIESBUD ने स्टार्टअप विलेज आंत्रप्रेन्योरशिप प्रोग्राम के लिये ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ समझौता-ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

साझेदारी के अंतर्गत ग्रामीण उद्यमियों को अपने कारोबार शुरू करने के सम्बंध में वित्तीय समर्थन हासिल करने के लिये बैंकिंग प्रणाली तक पहुंच मिल जायेगी। इसमें मुद्रा बैंक का समर्थन भी शामिल है।

NIESBUD ने स्टार्टअप विलेज आंत्रप्रेन्योरशिप प्रोग्राम के लिये ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ समझौता-ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

Monday March 07, 2022 , 3 min Read

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के अधीन स्वायत्तशासी संगठन राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD) ने स्टार्टअप ग्राम उद्यमशीलता कार्यक्रम (SVEP) पहल के जरिये मैदानी स्तर पर उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने के लिये एक सतत स्वरूप विकसित करने के वास्ते ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।

SVEP, ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत संचालित होने वाले दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) का उप-घटक है। इसका उद्देश्य गैर-कृषि सेक्टर में ग्रामीण स्तर पर उद्यम स्थापित करने के लिये ग्रामीण इलाकों के उद्यमियों का समर्थन करना है। उपरोक्त साझेदारी से ग्रामीण समुदाय को सक्षम बनाने में मदद मिलेगी, ताकि वे अपने कारोबार स्थापित कर सकें। साथ ही कारोबार स्थापित होने तक उन्हें पूरा समर्थन दिया जायेगा। इस सटीक अंतःक्षेप से जन सामान्य को जानकारी, सलाह और वित्तीय समर्थन मिलेगा तथा गांवों में समुदाय स्तर पर संगठित लोगों का दल बनाने में मदद मिलेगी।

Startup Village Entrepreneurship Programme

सांकेतिक चित्र

साझेदारी के अंतर्गत ग्रामीण उद्यमियों को अपने कारोबार शुरू करने के सम्बंध में वित्तीय समर्थन हासिल करने के लिये बैंकिंग प्रणाली तक पहुंच मिल जायेगी। इसमें मुद्रा बैंक का समर्थन भी शामिल है। एकीकृत आईसीटी तकनीकों और उपकरणों से क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण मिलेगा। इसके तहत देश के गांवों में उद्यमशीलता इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिये उपक्रम सलाहकार सेवायें भी दी जायेंगी। परियोजना के लाभार्थियों में DAY-NRLM का स्वसहायता समूह इकोसिस्टम से सम्बंधित हैं। योजना न सिर्फ मौजूदा उद्यमों की, बल्कि नये उद्यमों की भी सहायता करती है।

उपरोक्त साझेदारी पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्गार हैं कि भारतीयों को रोजगार खोजने वाले की बजाय रोजगार देने वाला बनने का स्वप्न देखना चाहिये। इस संदर्भ में SVEP सामुदायिक स्तर पर नवोन्मेषी ईकोसिस्टम की रचना करने, आर्थिक तथा सामाजिक अर्जन में तेजी लाने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि योजना का लक्ष्य आवश्यक वित्तीय समर्थन सहित समान अवसर प्रदान करके एक समावेशी समाज की रचना करना है। अग्रवाल ने कहा कि भारत अवसरों की भूमि है और इन संभावनाओं तक अपने युवाओं की पहुंच बनाकर, हम उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस साझेदारी से ग्रामीण समुदाय को प्रशिक्षित करने में सहायता मिलेगी और उन्हें अपनी आय बढ़ाने से जुड़ी उद्यमशीलता के लिये आवश्यक संसाधन मिलेंगे। साथ ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।

अग्रवाल ने इस तथ्य पर बल दिया कि ग्रामीण उद्यमशीलता भारत के आमूल आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है तथा ग्रामीण उद्यमशीलता के जरिये ग्रामीण या दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिये रोजगार के अपार अवसर पैदा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे युगों पुरानी कलात्मक धरोहर को भी बचाया जा रहा है और ग्रामीण उद्यमशीलता को बढ़ावा भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से उद्यमियों की वित्त तक पहुंच बनाकर, सही परामर्श देकर और देश में व्यापार सुगमता को बढ़ाकर ‘स्किल इंडिया’ लगातार कौशल अंतराल को कम करने में लगा है।


Edited by Ranjana Tripathi