कभी विधायक और सासंद रहे अब 81 साल की उम्र में पूरी कर रहे हैं पीएचडी

नारायण साहू कभी विधायक और सासंद थे अब ओडिशा की उत्कल यूनिवर्सिटी में अपनी पीएचडी पूरी कर रहे हैं।

कभी विधायक और सासंद रहे अब 81 साल की उम्र में पूरी कर रहे हैं पीएचडी

Thursday January 10, 2019,

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नारायण साहू


कहते हैं कि अपने सपनों को पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती। यही सोचकर ओडिशा के एक पुराने नेता अब 81 वर्ष की उम्र में अपनी पीएचडी पूरी कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं नारायण साहू की जो कभी विधायक और सासंद थे और अब ओडिशा की उत्कल यूनिवर्सिटी में अपनी पीएचडी पूरी कर रहे हैं। आमतौर पर वृद्धावस्था में लोग रिटायरमेंट ले लेते हैं और जिंदगी अपने ही उम्र के लोगों के बीच बिताते हैं। लेकिन नारायण साहू अपने आप में किसी अपवाद से कम नहीं हैं।


नारायण साहू दो बार विायक और एक बार सांसद रह चुके हैं। अब वे बाकी सामाान्य छात्रों की तरह यूनिवर्सिटी के 100 स्क्वॉयर फीट के कमरे में रहते हैं। उनके कमरे में किताबों और पुरानी तस्वीरों के सिवा और कुछ नहीं है। इन तस्वीरों में उनकी पत्नी, बेटी और राजनीति के शुरुआती दिनों के लम्हें शामिल हैं। उन्होंने 2011 में दर्शन शास्त्र में परास्नातक किया। तब उनकी उम्र 73 साल थी। इसके बाद उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी से ही एमफिल प्रोग्राम में दाखिला ले लिया।


फरवरी 2016 में उन्होंने पीएचडी के लिए एनरोलमेंट करवाया और अब उसी में लगे हुए हैं। उनके शोध का विषय है, 'जगन्नाथ दास की श्रीमदभागवत का दर्शन: एक सैद्धांतिक अध्ययन'. नारायण ने उड़िया भाषा में अपनी जीवनी भी लिखी है जिसका शीर्षक था, समर्पित आत्मा की कहानी। नारायण ने छात्र नेता के तौर पर राजनीति में पदार्पण किया था और उन्होंने अपने राजनीति के करियर में कई सामाजिक कार्य किये। उन्हें कई स्कूल खोलने का श्रेय जाता है।


नारायण साहू पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रशंसक हैं। वे 1971 और 1974 में कांग्रेस के टिकट पर पालहार सीट से खड़े हुए थे और विजय हासिल की। इसके बाद उन्होंने 1980 में देवघर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वे कहते हैं, 'मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पिता बीजू पटनायक मेरे मित्र थे। हम अपनी ईमानदारी और काम की वजह से जाने जाते थे। लोगों ने हमें काफी प्यार दिया। लेकिन अब की राजनीति में ऐसा नहीं होता है।'


नारायण ने 1984 में राजनीति से सन्यास ले लिया। वे कहते हैं कि राजनीति में भ्रष्टाचार बढ़ने लगा था और विचारधारा का आभाव होने लगा जिसकी वजह से उन्होंने राजनीति से दूर होने का फैसला कर लिया। वे बताते हैं कि उन्होंने तीनों चुनाव में मुश्किल से 1 लाख रुपये खर्च किये थे। लेकिन अब लाखों करोड़ों रुपये खर्च करने वाले राजनीतिज्ञों पर वे दुख व्यक्त करते हैं। मूल रूप से ढेंकेनाल जिले के पारगंज ब्लॉक के रहने वाले नारायण की चार बेटियां और दो बेटें हैं। उनकी बड़ी बेटी की शादी लोकप्रिय कांग्रेस नेता लालटेंदू मोहापात्रा से हुई थी। लालटेंदू की बेटी उपासना अब बीजेपी की नेता हैं।


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