1 अप्रैल से 2,000 रुपये से ज्यादा के UPI मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर फीस वाली ख़बरों को लेकर NPCI ने दी सफाई
मीडिया में ऐसी ख़बरें आई थी कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही के एक सर्कुलर में 1 अप्रैल से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर मर्चेंट ट्रांजैक्शंस पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) फीस लागू करने की सलाह दी है. (UPI merchant transactions over Rs 2,000 to carry charge of 1.1% from Apr 1)
ख़बरों के मुताबिक, NPCI, जो यूपीआई की गवर्निंग बॉडी है, ने सर्कुलर में कहा है कि 2,000 रुपये से अधिक की राशि के लिए, यूपीआई पर पीपीआई का उपयोग करने पर लेनदेन मूल्य का 1.1 प्रतिशत इंटरचेंज होगा.
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जैसे मोबाइल वॉलेट के जरिए व्यापारियों को 2,000 रुपये से अधिक के पैसों ट्रांसफर करता है तो ऐसी स्थिति में इसे इंटरचेंज फीस देनी होगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि PPI के अंतर्गत कार्ड और वॉलेट आता है.
इंटरचेंज शुल्क आम तौर पर कार्ड भुगतान से जुड़ा होता है और लेनदेन को स्वीकार करने, प्रोसेसिंग और अधिकृत करने की लागत को कवर करने के लिए लगाया जाता है.
बैंक खाते और पीपीआई वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) लेनदेन को इंटरचेंज की आवश्यकता नहीं होती है, और पीपीआई जारीकर्ता प्रेषक बैंक को वॉलेट-लोडिंग सर्विस चार्ज के रूप में लगभग 15 आधार अंक का भुगतान करेगा.
इंटरचेंज की शुरूआत 0.5-1.1 प्रतिशत की सीमा में है, इंटरचेंज फ्यूल के लिए 0.5 प्रतिशत, टेलीकॉम, यूटिलिटीज/पोस्ट ऑफिस, शिक्षा, कृषि के लिए 0.7 प्रतिशत, सुपरमार्केट के लिए 0.9 प्रतिशत और म्यूचुअल फंड, सरकार, बीमा और रेलवे के लिए 1 प्रतिशत है.
NPCI ने रुख साफ किया
एनपीसीआई ने बुधवार को जारी रिलीज में कहा है कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) फ्री... फास्ट... सुरक्षित और निर्बाध है. हर महीने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स और कारोबारियों के लिए 8 अरब रुपये से अधिक लेन-देन बिल्कुल फ्री संसाधित किए जाते हैं. NPCI की ओर से ये रिलीज उन खबरों के बाद जारी की गई है, जिनमें बताया गया था कि UPI से 2000 रुपये से ज्यादा मर्चेंट पेमेंट पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट PPI चार्ज वसूले जाने की आशंका जताई गई थी.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि यूपीआई के माध्यम से भुगतान पिछले 12 महीनों में तेजी से बढ़ा है. दैनिक लेनदेन (Daily UPI transactions) 36 करोड़ को पार कर गया है. यह फरवरी 2022 में 24 करोड़ से 50 प्रतिशत अधिक है.
UPI को 2016 में लॉन्च किया गया था, और तब से यह सबसे लोकप्रिय और पसंदीदा भुगतान मोड के रूप में उभरा है, जो कुल डिजिटल भुगतानों के 75 प्रतिशत के लिए पर्सन-टु-पर्सन और पर्सन-टु-मर्चेंट लेनदेन का अग्रणी है.
यूपीआई लेनदेन की मात्रा जनवरी 2017 में 0.45 करोड़ से बढ़कर जनवरी 2023 में 804 करोड़ हो गई है. इसी अवधि के दौरान यूपीआई लेनदेन का मूल्य केवल 1,700 करोड़ रुपये से बढ़कर 12.98 लाख करोड़ रुपये हो गया है.