स्टार्टअप, इन्वेस्टर के पैसों को मैनेज करने वाली कंपनी Prudent Equity की कहानी
कंपनी रिटेल इन्वेस्टर्स, HNIs (High net worth individuals),फैमिली ऑफिसेज को सही जगहों, स्टार्टअप्स में पैसे लगाने में मदद करती है. यह कम रिस्क वाले और लॉन्ग-टर्म में बेहतर रिटर्न देने वाले फैसले लेने में मदद करती है.
हाइलाइट्स
- Prudent Equity एक इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी, एसेट मैनेजमेंट कंपनी है
- SEBI के साथ रजिस्टर्ड, गुरुग्राम स्थित कंपनी की स्थापना 2012 में हुई थी
- फैमिली ऑफिसेज के लिए ~1200 करोड़ रुपये मैनेज करने का दावा
स्टार्टअप और इन्वेस्टर का गहरा नाता है. ये दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं. लेकिन अक्सर इन दोनों के बीच एक और कड़ी होती है, जो इन दोनों को जोड़ती है. ये कड़ी अक्सर कोई इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी (निवेश सलाहकार) फर्म, कंसल्टेंसी फर्म, एसेट मैनेजमेंट कंपनी या कोई वेल्थ टेक कंपनी होती है. कभी-कभी बैंक भी ये भूमिका निभाते नजर आते हैं.
अब, एसेट मैनेजमेंट सेक्टर के मार्केट साइज पर गौर करें, तो साल 2020 में यह 16.8 अरब अमेरिकी डॉलर का था. साल 2025 तक इसके 10.3% की CAGR (compound annual growth rate) से बढ़ते हुए 27.4 अरब अमेरिकी डॉलर हो जाने का अनुमान है. ये आंकड़ें मार्केट रिसर्च कंपनी MarketsAndMarkets से जुटाए गए हैं.
Prudent Equity ऐसी ही एक इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी, एसेट मैनेजमेंट कंपनी है. गुरुग्राम स्थित इस कंपनी की स्थापना 2012 में हुई थी. यह SEBI (Securities and Exchange Board of India) के साथ रजिस्टर्ड है. कंपनी रिटेल इन्वेस्टर्स, HNIs (High net worth individuals),फैमिली ऑफिसेज को सही जगहों, स्टार्टअप्स में पैसे लगाने में मदद करती है. यह कम रिस्क वाले और लॉन्ग-टर्म में बेहतर रिटर्न देने वाले फैसले लेने में मदद करती है.
सिद्धार्थ ओबेरॉय — फाउंडर, CIO (चीफ़ इन्वेस्टिंग ऑफिसर) — Prudent Equity, ने हाल ही में YourStory से बात की.
शुरुआत
सिद्धार्थ बताते हैं, "लोगों को अपने पैसे को इक्विटी में सही तरीके से निवेश करने की जरुरत है. अधिकतर लोगों को यह नहीं पता होता कि कहां और कैसे निवेश किया जाए. इन्वेस्टर्स को निवेश के लिए बेहतर निर्णय लेने में मदद करने की जरुरत है."
सिद्धार्थ का मानना है कि ग्राहक बाजार पर राज करते हैं और वे उनकी जरूरतों को समझते हैं और उन्हें हर लिहाज से पूरा करते हैं.
सिद्धार्थ साल 1996 से फुल-टाइम इन्वेस्टर हैं. बरसों के गहन अनुभव के बाद, सिद्धार्थ को एक ऐसे प्लेटफॉर्म की कमी खली जो इस जरूरत को पूरा कर सके और लोगों का मार्गदर्शन कर सके कि कहाँ और कैसे निवेश करना है. इसी बात ने उन्हें 2012 में Prudent Equity की नींव रखने के लिए प्रेरित किया.
बिजनेस और रेवेन्यू मॉडल
कंपनी के बिजनेस मॉडल के बारे में पूछे जाने पर, सिद्धार्थ बताते हैं, "कंपनी के बिजनेस मॉडल के दो पार्ट हैं. पहला - AIF (Alternative Investment Fund) फंड और दूसरा - सब्सक्रिप्शन बेस्ड मॉडल."
दोनों के बारे में विस्तार से समझाते हुए सिद्धार्थ कहते हैं, "AIF फंड में, हम ग्राहकों को होने वाले मुनाफे पर फीस लेते हैं. हम ग्राहकों के लिए जितना ज्यादा रिटर्न देने में सक्षम होंगे, हमारी फीस उतनी ही ज्यादा होगी. इस तरह, हमारी रुचि सीधे हमारे ग्राहकों के साथ जुड़ जाती है. इसके अलावा, AIF के लिए जरूरी है कि फंड मैनेजर फंड में अपना पैसा निवेश करे. फंड में निवेश का 10 फीसदी Prudent Equity की अपनी पूंजी है. इस प्रकार, इन्वेस्टर की रिस्क में हमारी भी रिस्क है."
सिद्धार्थ आगे बताते हैं, "हमारे पास एक सब्सक्रिप्शन बेस्ड मॉडल भी है. इसमें निवेशक एक विशेष समय अवधि के लिए सब्सक्राइब कर सकते हैं और दिए जाने वाले कुछ शेयरों की न्यूनतम गारंटी प्राप्त कर सकते हैं. हम टाइम बेस्ड सब्सक्रिप्शन मॉडल के बजाय रिकमेंडेशन बेस्ड सर्विस प्रोवाइड करने वाली पहली कंपनी थे."
Prudent Equity अपने ग्राहकों के धन की रक्षा करने और इसे लगातार बढ़ाने में सक्षम रही है. सिद्धार्थ दावा करते हैं कि पिछले 11 वर्षों में, कंपनी के शेयरों ने औसतन 41% वार्षिक रिटर्न दिया है.
Prudent Equity का यह भी दावा है कि इसकी सभी सेवाओं में कुल मिलाकर लगभग ~3000 ग्राहक हैं. इसके पास फैमिली ऑफिसेज भी हैं जिनके लिए ~1200 करोड़ रुपये मैनेज करने का कंपनी दावा करती है.
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं
सिद्धार्थ मानते हैं, "विश्वास किसी भी फाइनेंशियल प्रोडक्ट की आधारशिला है. शुक्र है, शुरुआत से ही, हमारे ग्राहकों ने अपने पैसों को मैनेज करने के लिए हम पर भरोसा किया है. हमारे अधिकांश ग्राहक वर्षों से हमारे साथ रहे हैं."
सिद्धार्थ बताते हैं, "हमने शुरुआत में 10 करोड़ रुपये के निवेश के साथ शुरुआत की है. जैसे-जैसे भविष्य में फंड बढ़ता है, हम अपने अन्य निवेशकों के साथ और अधिक निवेश करेंगे.
कंपनी कैटेगरी III AIF है. इसने दिसंबर 2022 में इन्वेस्टर्स से पैसे जुटाए हैं. कंपनी इन पैसों को पब्लिक लिस्टेड इक्विटी में लगाएगी.
अतं में सिद्धार्थ कहते हैं, "हम अपने शुरुआती निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने के साथ-साथ नए आने वाले निवेशकों को भी अपने निवेश में मुनाफा कमाने में मदद करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे."