NTPC ने झाबुआ बिजलीघर का 925 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया, दिवाला कार्यवाही के जरिए पहला सौदा
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), कोलकाता ने यह कार्यवाही शुरू की थी. बयान के अनुसार, एनटीपीसी ने एनसीएलटी मार्ग के तहत बिजली संयंत्र का यह पहला अधिग्रहण किया है. यह कंपनी के दीर्घकालीन क्षमता लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सकारात्मक कदम है.
सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने 600 मेगावॉट क्षमता के झाबुआ बिजलीघर का 925 करोड़ रुपये में अधिग्रहण कर लिया है. यह कंपनी का दिवाला एवं ऋण शोधन कार्यवाही के जरिये अपनी तरह का पहला सौदा है. कंपनी ने सोमवार को बयान में कहा, ‘‘एनटीपीसी लि. ने झाबुआ पावर लि. (जेपीएल) का कंपनी ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया के तहत अधिग्रहण किया है....’’
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), कोलकाता ने यह कार्यवाही शुरू की थी. बयान के अनुसार, एनटीपीसी ने एनसीएलटी मार्ग के तहत बिजली संयंत्र का यह पहला अधिग्रहण किया है. यह कंपनी के दीर्घकालीन क्षमता लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सकारात्मक कदम है.
शेयरधारकों के समझौते पर एनटीपीसी, जेपीएएल और वित्तीय कर्जदाताओं ने सोमवार को नयी दिल्ली में हस्ताक्षर किये. समाधान योजना के तहत एनटीपीसी ने कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों को जेपीएल में 50 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी की पेशकश की है. एनटीपीसी का कंपनी पर सभी प्रबंधन अधिकार और नियंत्रण रहेगा.
इस सौदे का अनुमानित आकार 1,830 करोड़ रुपये है. थर्मल यूनिट में शेष 50 प्रतिशत हिस्सेदारी कर्जदाताओं के पास होगी. एक ऑपरेशनल क्रेडिटर को 35 करोड़ रुपये का भुगतान करने के बाद मई 2019 में झाबुआ को एनसीएलटी में भेज दिया गया जेपीएल की मध्य प्रदेश के सिवनी में 600 मेगावॉट क्षमता की बिजली परियोजना है. इस अधिग्रहण के साथ एनटीपीसी की कुल स्थापित क्षमता 70,064 मेगावाट हो गयी है.
एनटीपीसी ने 2032 तक 1,30,000 मेगावॉट क्षमता की कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है. कंपनी इसके लिये स्वयं परियोजनाओं के विस्तार के साथ अधिग्रहण पर भी नजर रख रही है.
कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CRIPS) चलाने वाले अल्वारेज़ एंड मार्सल इंडिया के प्रबंध निदेशक वेंकटरमण रंगनाथन ने एक अलग बयान में कहा कि यह कई मोर्चों पर एक महत्वपूर्ण लेन-देन था, जिसमें एनटीपीसी द्वारा आईबीसी (इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड) का उपयोग करने वाला पहला अधिग्रहण भी शामिल है और यह कि उधारदाताओं के पास झाबुआ पावर की इक्विटी का 50 प्रतिशत हिस्सा होगा. हम CIRP अवधि के दौरान EBITDA में 2.5 गुना की वृद्धि के साथ इस 600 मेगावाट के कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र के प्रदर्शन में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं.
वहीं, दूसरी तरफ एनटीपीसी लिमिटेड अपनी इकाई एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लि. (एनजीईएल) में पांच से 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री करने जा रही है जिसके लिए कंपनी ने इस साल जून में लेटर ऑफ इंटेंट (LoU) आमंत्रित किये गये थे. एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में आर्सेलरमित्तल, ब्रुकफील्ड और कनाडा पेंशन प्लान इनवेस्टमेंट बोर्ड समेत 12 से अधिक इकाइयों ने हिस्सेदारी खरीदने में रुचि दिखायी है. एनटीपीसी एनजीईएल का मूल्यांकन करीब 2,000 करोड़ रुपये आंक रही है.
कंपनी ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह कितनी हिस्सेदारी बेचेगी. वैसे शुरू में वह पांच से 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने पर गौर कर रही है. अंतत: वह इसमें 26 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेच सकती है. एनजीईएल की मौजूदा नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 2,500 मेगावॉट है जबकि 4,000 मेगावॉट की अन्य क्षमता निर्माणधीन है. इसके साथ ही ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं कि एनजीईएल के लिये प्रस्तावित आईपीओ (IPO) अब अगले वित्त वर्ष 2023-24 में आ सकता है.
Edited by Vishal Jaiswal