Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

वन नेशन वन राशन कार्ड- अब तक की और आगे की यात्रा

एनएफएसए के अंतर्गत ‘देशव्यापी पोर्टेबिलिटी’के माध्यम से देश के सभी प्रवासी लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न की बिना किसी परेशानी के डिलीवरी

वन नेशन वन राशन कार्ड- अब तक की और आगे की यात्रा

Thursday August 20, 2020 , 6 min Read

वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना का कार्यान्वयन खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है, जो एनएफएसए के अंतर्गत शामिल सभी पात्र राशन कार्ड धारकों / लाभार्थियों को देश के किसी भी हिस्‍से में अपनी पात्रता तक पहुंच बनाने का विकल्प प्रदान करता है।


k

सांकेतिक फोटो (साभार: ZeeBusiness)


इस योजना के तहत एफपीएस में ईपीओएस उपकरणों की स्थापना द्वारा आईटी-संचालित प्रणाली के कार्यान्वयन, राशन कार्डों के साथ लाभार्थियों की आधार संख्या को सेवा के डेटाबेस में डालने और राज्य /संघ शासित प्रदेशों में बायोमीट्रिक रूप से प्रमाणित ईपीओएस लेनदेन के जरिये अत्यधिक रियायती खाद्यान्नों का वितरण राशन कार्डों की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी के संचालन से संभव बनाया जाता है।


उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान समय-समय पर राज्यों के खाद्य मंत्रियों और राज्य खाद्य सचिवों के साथ बैठकों और वीडियो कॉन्फ्रेंसों के माध्यम से इस योजना के कार्यान्वयन की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करते हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान, मंत्री ने 13/04/20, 22/05/20 और 18/06/20 को ऐसी कई वीडियो कॉन्‍फ्रेंस आयोजित की हैं।


इसके अलावा, सचिव (डीएफपीडी)और संयुक्त सचिव (पीडी)ने भी अनेक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी राज्यों /संघ शासित प्रदेशों के साथ कार्यान्वयन प्रगति की बहुत बारीकी से समीक्षा की है और किसी भी मुद्दे और चुनौतियों के समयबद्ध समाधान के लिए सभी तकनीकी और प्रशासनिक सहायता राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों को दी गई है। सभी राज्यों /संघ शासित प्रदेशों ने ओएनओआरसी के तहत राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को शुरू करने की अपनी इच्छा दिखाई है और लगभग सभी ने इस विभाग के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू)पर हस्ताक्षर किए हैं।


वर्तमान में, "वन नेशन वन राशन कार्ड योजना" के तहत राशन कार्ड की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा 1 अगस्त, 2020 से 24 राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के एकीकृत क्लस्टर में बिना रुकावट के चालू हो चुकी है। इसमें इन राज्यों / संघ शासित प्रदेशों-आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, जम्‍मू और कश्‍मीर, मणिपुर, नागालैंड और उत्तराखंडके 65 करोड़ लाभार्थियों (कुल एनएफएसए आबादी का 80 %) को शामिल किया गया है।



इसका मतलब यह है कि पूरीराशन पोर्टेबिलिटी के साथ-साथ राशन कार्ड धारक की आंशिक रूप से निर्भरता के साथ प्रवासी श्रमिकों के समूह की आवाजाही संभव होगी।


इसके अलावा, राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों की तैयारी के आधार पर, शेष 12 राज्यों / संघ शासित प्रदेशों (2 डीबीटी कैश ट्रांसफर यूटी सहित) में वन नेशन वन राशन कार्ड की सुविधा को चालू करने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा ठोस और नियमित प्रयास किए जा रहे हैं।


कुछ प्रमुख मुद्दे जिन पर शेष 12 राज्य सरकारों / संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के साथ बातचीत की जा रही है, निम्नलिखित हैं; और महत्‍वपूर्ण अवस्‍थाओं का संबंधित राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा अनुपालन किया जाना है:


अरुणाचल प्रदेश: प्रदेश ने हाल ही में एफपीएस पर ईपीओएस उपकरणों की स्थापना शुरू की है और उम्मीद है कि सभी जिलों में स्थापना अक्टूबर 2020 तक पूरी हो जाएगी।


असम: असम आईटी हार्डवेयर (ईपीओएस उपकरणों) की खरीद की प्रक्रिया में है और दिसंबर 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को सक्षम करने की योजना बना रहा है।


छत्तीसगढ़: छत्‍तीसगढ़ पुराने टैबलेट को बदलकर उसके स्‍थान पर ईपीओएस उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया में है और दिसंबर 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को सक्षम करने की योजना बना रहा है।


राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली: हाल ही में, दिल्ली सरकार ने अप्रैल 2018 में जीएनसीटीडी द्वारा निलंबित एफपीएस पर ईपीओएस आधारित वितरण को फिर से शुरू करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। इस संबंध में, वे सभी एफपीएस पर ईपीओएस उपकरण को फिर से स्‍थापित कर रहे हैं और यह अक्टूबर, 2020 तक तैयार हो जाएंगे। राज्‍य के महत्‍वपूर्ण अवस्‍था और समय सीमा का पालन करने की उम्‍मीद है।


लद्दाख: संघ शासित प्रदेश ने पहले ही राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन का परीक्षण शुरू कर दिया है और वह सितम्‍बर 2020 से इसे चालू करने की योजना बना रहा है। हालांकि कुछ हिस्‍सों में सम्‍पर्क का मुद्दा चुनौती खड़ी कर सकता है, लेकिन इसका प्रभाव महत्वपूर्ण नहीं होगा।



लक्षद्वीप: संघ शासित प्रदेश जल्द ही राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन का परीक्षण शुरू कर देगा और उम्मीद है कि यूटी सितंबर 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को चालू कर सकता है। हालांकि सम्‍पर्क के मुद्दे कुछ द्वीपों में चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं, लेकिन इसका प्रभाव महत्वपूर्ण नहीं होगा।


मेघालय: राज्य में ईपीओएस उपकरणों की स्थापना हाल ही में चरणबद्ध तरीके से शुरू हुई है, और अक्टूबर 2020 तक पूरी हो सकती है। दिसंबर 2020 तक राज्य के राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को शुरू करने की उम्मीद है।


तमिलनाडु: सभी एफपीएस में ईपीओएस उपकरणों के साथ बायोमीट्रिक स्कैनर की स्थापना हाल ही में शुरू की गई है और तीन जिलों में परीक्षण शुरू कर दिया गया है। राज्य सरकार ने सितंबर 2020 के अंत तक पूर्ण ईपीओएस लगाने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की है। राज्य के अक्टूबर 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी शुरू करने की उम्मीद है।


पश्चिम बंगाल: राज्य सरकार ने खाद्यान्न वितरण के लिए बायोमीट्रिक रूप से प्रमाणित लेनदेन अभी तक शुरू नहीं किया है। इस संबंध में, राज्य सरकार ने मार्च, 2021 के लक्ष्य का संकेत दिया है। राज्य से उम्मीद की जाती है कि वह महत्‍वपूर्ण अवस्‍था और समय सीमा का पालन करे।


अंडमान और निकोबार: लाभार्थियों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को सक्षम करने के लिए, यूटी प्रशासन सभी ईपीएस में ईपीओएस उपकरणों का स्‍थान ले रहा है। यूटी जल्द ही या तो उपकरणों को बदलकर अथवा मोबाइल एप्लिकेशन आदि जैसे वैकल्पिक साधनों का उपयोग कर इस सुविधा को शुरू करने की योजना बना रहा है। अक्टूबर 2020 तक इसके शुरू होने की उम्मीद है।


चंडीगढ़: एक एसओपी निर्धारित किया गया है और डीबीटी (नकद) यूटी को लागू करते हुए अन्य राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के लाभार्थियों को डीबीटी नकद हस्‍तांतरण मोड के माध्यम से राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को सक्षम करने के लिए एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन विकसित करने की सहमति दी है, और नवंबर 2020 तक शुरू होने की उम्मीद है।


पुदुचेरी: राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के कार्यान्वयन के लिए एक एसओपी को इस डीबीटी (कैश) यूटी के साथ साझा किया गया है। यूटी स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है और कार्यान्वयन के लिए समय सीमा जनवरी 2021 है।


(सौजन्य से: PIB_Delhi)