ड्रोन टेक स्टार्टअप PDRL ने लॉन्च किया SaaS प्लेटफ़ॉर्म BhuMeet
यह प्लेटफॉर्म कृषि सम्बंधी छिड़काव और सर्वे जैसी आवश्यक ड्रोन सेवाओं तक पहुँचने और उनका प्रबंधन करने के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
ड्रोन टेक स्टार्टअप
ने SaaS (Software as a Service) प्लेटफ़ॉर्म BhuMeet (भूमीट) के लॉन्च की घोषणा की है. यह प्लेटफॉर्म कृषि सम्बंधी छिड़काव और सर्वे जैसी आवश्यक ड्रोन सेवाओं तक पहुँचने और उनका प्रबंधन करने के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ड्रोन सेवा प्रदाताओं और किसानों के बीच की खाई को पाटकर, BhuMeet भारत में ड्रोन छिड़काव संचालन के परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार है. भरोसेमंद ड्रोन सेवाओं का पता लगाने और ऑपरेशनल वर्कफ़्लो को अनुकूलित करने के लिए BhuMeet एक सहज एवं कुशल समाधान प्रदान करता है.BhuMeet सिर्फ़ एक प्लेटफ़ॉर्म नहीं है, बल्कि यह एक ऑल-इन-वन समाधान है, जिसे ड्रोन सेवा उद्योग की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. BhuMeet, मोबाइल और वेब एप्लिकेशन दोनों को एकीकृत करके, प्रदाताओं और ग्राहकों दोनों के लिए एक सहज अनुभव प्रदान करता है. ड्रोन उद्योग के विस्तार के साथ-साथ, BhuMeet ड्रोन सेवाओं तक पहुँच और प्रबंधन के तरीके को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है. यह ग्राहकों को विश्वसनीय प्रदाताओं से आसानी से जुड़ने, और प्रदाताओं को अपने व्यवसायों का कुशल प्रबंधन करने और व्यवसाय बढ़ाने में सक्षम बनाता है.
लॉन्च के अवसर पर, PDRL के फाउंडर एवं सीईओ अनिल चंडालिया ने कहा, “भारत द्वारा अपने कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए उन्नत तकनीकों को अपनाना जारी है, इसलिए PDRL में हम सब BhuMeet को पेश करने पर गर्व महसूस करते हैं. BhuMeet एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो किसानों के आवश्यक ड्रोन सेवाओं तक पहुँचने के तरीके को मौलिक रूप से बदल देगा. किसानों और विश्वसनीय सेवा प्रदाताओं के बीच की खाई को पाटकर, BhuMeet न केवल परिचालन दक्षता को बढ़ाता है, बल्कि कृषि समुदाय को सशक्त बनाता है ताकि वे ड्रोन तकनीक की पूरी क्षमता का दोहन कर सकें. हमारा मानना है कि BhuMeet उद्योग में नए मानक स्थापित करेगा और पूरे देश में कृषि को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.”
कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और कृषि पर लाखों लोगों की अपनी आजीविका के लिए निर्भर रहते हैं. भारत में ड्रोन तकनीक के एकीकरण के लिए बहुत संभावनाएँ हैं. विश्व बैंक के अनुसार, 2021 तक भारत में कृषि भूमि 17 लाख 80 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक फैली हुई थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा किया गया कृषि परिवारों की स्थिति आकलन (SAAH) रिपोर्ट का अनुमान है कि 9 करोड़ से 15 करोड़ किसान सक्रिय रूप से खेती-किसानी में लगे हुए हैं, जिनमें छोटे किसानों से लेकर बड़े पैमाने पर खेती करने वाले भूमि मालिक तक शामिल हैं. यह देखते हुए कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्यान्न, फल और सब्जियों का उत्पादक है, और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी है, कृषि में ड्रोन का उपयोग सिर्फ कीटनाशक छिड़काव तक सीमित नहीं है, बल्कि उससे कहीं आगे तक है. ड्रोन फसल निगरानी एवं स्वास्थ्य मूल्यांकन, सटीक कृषि, क्षेत्र मानचित्रण एवं सर्वे, फसल स्काउटिंग एवं निगरानी, रोपण एवं बीजारोपण, सिंचाई प्रबंधन, पशुधन निगरानी और कटाई के बाद के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.