श्रीलंका में हमले के बाद एकजुट हुए लोग, रक्तदान करने के लिए लगी लंबी लाइनें
बीत सप्ताह श्रीलंका के कोलंबो में चर्च में हुए आत्मघाती हमले में 350 लोगों की जान चली गई वहीं 5,00 लोगों के आसपास घायल हो गए। ये सिलसिलेवार हमले ईसाइयों के त्योहार ईस्टर के दिन हुए थे। सबसे पहले एक चर्च को निशाना बनाया गया तो वहीं उसके बाद तीन और होटलों में हमले किए गए। इस खतरनाक आतंकी हमले के बाद स्थानीय अस्पतालों में घायलों को भर्ती किया गया और उन्हें खून की तत्काल जरूरत महसूस की गई।
श्रीलंका नेशनल ब्लड ट्रांसफ़्यूज़न ने एक नोटिस जारी कर रक्त की कमी को दूर करने के लिए रक्तदान की मांग की ताकि अस्पताल में भर्ती घायलों का जल्दी से इलाज किया जा सके। श्रीलंका के लोगों ने घायलों की मदद के लिए तुरंत रक्तदान करने की पेशकश की।
कोलंबो के आर्कबिशप मालकॉम कार्डिनल रंजीथ ने हमलों के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने न केवल हमलों की निंदा की, बल्कि साथी श्रीलंकाई लोगों को अपना रक्तदान करके पीड़ितों के लिए समर्थन दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस संदेश के बाद रक्तदान करने वाले लोगों की लंबी लाइन लग गई।
आतंकी संगठन लिट्टे के खात्मे के बाद पहली बार श्रीलंका में इतना बड़ा आतंकी हमला हुआ है। एक स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के नौ आत्मघाती सदस्यों ने तीन चर्चों और तीन लक्जरी होटलों में विस्फोट किया। अधिकाक बयान के मुताबिक, हमलों में 359 लोग मारे गये और 500 अन्य घायल हुए हैं। हमले में मृतकों में 9 भारतीय भी शामिल हैं।
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