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रॉयल सोसाइटी की सदस्यता पाने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक बनीं गगनदीप

 रॉयल सोसाइटी की सदस्यता पाने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक बनीं गगनदीप

Wednesday April 24, 2019 , 2 min Read

गगनदीप कांग


महिला वैज्ञानिक पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रही हैं! भारतीय महिलाएं भी कैसे पीछे रहतीं। वैरोलॉजिस्ट और वैज्ञानिक गगनदीप कंग को रॉयल सोसाइटी (FRS) का फेलो चुना गया है। वे इस सम्मान को प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक हैं। FRS दुनिया का सबसे पुराना वैज्ञानिक संस्थान है, जो कि विज्ञान में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।


गगनदीप ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (THSTI), फरीदाबाद के कार्यकारी निदेशक हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण पूर्व-एशिया के टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह की अध्यक्ष हैं। रॉयल सोसाइटी की वेबसाइट के अनुसार, गगनदीप को उनके अंतर-अनुशासनात्मक अनुसंधान के लिए जाना जाता है। वे भारत में बच्चों में एंटरिक संक्रमण, उनके सीक्वेल की रोकथाम, विकास पर अध्ययन कर चुकी हैं।


सार्वजनिक स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए गगनदीप ने राष्ट्रीय रोटावायरस और टाइफाइड निगरानी नेटवर्क का निर्माण किया है। उन्होंने टीके का परीक्षण का समर्थन करने के लिए प्रयोगशालाओं की स्थापना की है। वे वैक्सीन के चरण 1-3 नैदानिक परीक्षणों के आयोजन में शामिल रही हैं। यह व्यापक दृष्टिकोण है जिए डब्ल्यूएचओ द्वारा समर्थन प्राप्त है। इस वैक्सीन को दो भारतीय कंपनियों द्वारा बनाया गया।


गगनदीप अभी संक्रमण और शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास के बीच जटिल संबंधों की पर शोध कर रही है। वे भारत में एक मजबूत मानव प्रतिरक्षा अनुसंधान का निर्माण करना चाहती हैं। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा एक ट्वीट में भारत से चुने गए दो अध्येताओं गगनदीप कंगा और मंजुल भार्गव को बधाई दी। THSTI फरीदाबाद ने भी गगनदीप को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि वह दुनिया भर के वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की आकांक्षाओं को पूरा करती रहेंगी।


दरअसल यह केवल गगनदीप के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए बहुत बड़ा सम्मान है। जहां बहुत कम महिला वैज्ञानिक ही ऐसे कार्य में संलग्न हों वहां किसी महिला को ये सम्मान मिलना वाकई बहुत बड़ी बात है। जाहिर तौर पर इस सम्मान से देश की और तमाम लड़कियां वैज्ञानिक बनने के लिए प्रेरित होंगी।


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